जमात-ए-उलेमा हिंद ने मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार दिए जाने का किया विरोध




जमात-ए-उलेमा हिंद ने मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार दिए जाने का किया विरोध
Reported by Ashish Bhargava , शुक्रवार फ़रवरी 5, 2016

नई दिल्ली: देश में मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार दिए जाने के मामले में जमात-ए-उलेमा हिंद भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उनकी ओर से दायर अर्जी में कहा गया है कि यह मामला सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि यह मुस्लिम पर्सनल लॉ का मामला है।

इसके तहत महिलाओं को पर्याप्त अधिकार और सुरक्षा दी गई हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अटार्नी जनरल को जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने नई अर्जी भी मंजूर करते हुए 6 हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले में अटार्नी जनरल से जवाब मांगा गया था, लेकिन उन्होंने अपना पक्ष नहीं बताया है। लिहाजा वो भी अपना जवाब कोर्ट में दाखिल करें।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ में मौजूद 'तीन तलाक' और एक पत्नी के रहते दूसरी महिला से शादी और भरण पोषण के मामले में स्वत संझान लेकर सुनवाई कर रहा है।

हालांकि, दूसरे मामले में सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से यूनिफार्म सिविल कोड लाने के मुद्दे पर सवाल जवाब कर चुका है और कह चुका है सरकार को इस मामले में जल्द कदम उठाने की जरूरत है।
---------------

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

कविता - दीपक बनो प्रकाश करो

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

My Gov दवा लेबलिंग में स्थानीय भाषा का उपयोग हो

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

असंभव को संभव करने का पुरुषार्थ "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ"

"जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS की शाखा में जाने के लाभ