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में प्रधानमंत्री नही प्रधान सेवक हूं - नरेन्द्र मोदी, लाल किले से

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में प्रधानमंत्री नही प्रधान सेवक हूं - नरेन्द्र मोदी लाल किले से  स्वतंत्रता दिवस पर PM मोदी ने की जातिगत-सांप्रदायिक हिंसा पर रोक लगाने की अपील Friday, August 15, 2014    - भाषा नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह देश को संसद में बहुमत के आधार पर नहीं बल्कि सहमति के आधार पर चलाएंगे। उन्होंने जातिगत और सांप्रदायिक हिंसा पर 10 वर्ष के लिए रोक लगाने का आह्वान किया। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने आतंकवाद और हिंसा के रास्ते पर चल निकले नौजवानों से अपने हथियार छोड़कर शांति और विकास का रास्ता अपनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री का पद संभालने के तीन माह से भी कम समय के भीतर मोदी ने अपनी सरकार का रोडमैप पेश किया, गरीबों के लिए जनधन योजना का ऐलान किया, जिसमें उनके लिए बीमा की सुविधा भी हो, सांसदों द्वारा आदर्श गांवों का विकास और एक समयसीमा के भीतर खुले में शौच को समाप्त करने की एक योजना का भी ऐलान किया। उन्होंने कारपोरेट घरानों से कहा कि वह अपने सामाजिक दायित्व के तौर पर सरकार के साथ मिलकर काम करते हु

पाक में सीधी जंग की ताकत नहीं - नरेंद्र मोदी

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मोदी ने कहा, पाक में सीधी जंग की ताकत नहीं लेह, एजेंसी First Published:12-08-14  भारत के खिलाफ आतंकवाद के रूप में परोक्ष युद्ध जारी रखने पर आज पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध लड़ने की क्षमता खो चुका है।     अपनी पहली लेह और लद्दाख यात्रा के दौरान थलसेना और भारतीय वायुसेना के जवानों को संबोधित करते हुए मोदी ने पाकिस्तान द्वारा जारी परोक्ष युद्ध की निंदा की। मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश पारंपरिक युद्ध लड़ने की क्षमता खो चुका है, लेकिन आतंकवाद के परोक्ष युद्ध में अभी भी संलिप्त है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को युद्ध के मुकाबले आतंकवाद से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है।       आतंकवाद को एक वैश्विक समस्या बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के सभी मानवतावादी ताकतों को इससे लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत इन मानवतावादी बलों को एकजुट करने और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।       मोदी ने कहा कि भारत आधुनिक हथियारों एवं प्रौद्योगिकी से सुसज्जित मजबूत सशस्त्र बलों के प्र

भारत में रहने वाले लोग हिंदू क्यों नहीं : परम पूज्य भागवत जी

भारत में रहने वाले लोग हिंदू क्यों नहीं:  भागवत जी  सोमवार, 11 अगस्त 2014 कटक। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख परमपूज्य  मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि अगर इंग्लैंड में रहने अंग्रेज हैं, जर्मनी में रहने वाले जर्मन हैं और अमेरिका में रहने वाले अमेरिकी हैं तो फिर हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोग हिंदू क्यों नहीं हो सकते। उड़िया भाषा के एक साप्ताहिक के स्वर्ण जयंती समारोह में भागवत ने कहा, ‘सभी भारतीयों की सांस्कृतिक पहचान हिंदुत्व है और देश में रहने वाले इस महान संस्कृति के वंशज हैं।’ उन्होंने कहा कि हिंदुत्व एक जीवन शैली है और किसी भी ईश्वर की उपासना करने वाला अथवा किसी की उपासना नहीं करने वाला भी हिंदू हो सकता है। स्वामी विवेकानंद का हवाला देते हुए भागवत ने कहा कि किसी ईश्वर की उपासना नहीं करने का मतलब यह जरूरी नहीं है कि कोई व्यक्ति नास्तिक है, हालांकि जिसका खुद में विश्वास नहीं है वो निश्चित तौर पर नास्तिक है। उन्होंने कहा कि दुनिया अब मान चुकी है कि हिंदुत्व ही एकमात्र ऐसा आधार है जिसने भारत को प्राचीन काल से तमाम विविधताओं के बावजूद एकजुट रखा है। (भाषा) ==========

मलयाली नर्सों की व्यथा-कथा

यदि हम धर्म निरपेक्ष देश हैं तो केरल से विदेशों में धार्मिक आधार पर नौकरी पर जानें की सुविधा क्यों ? मलयाली नर्सों की व्यथा-कथा एस श्रीनिवासन, वरिष्ठ तमिल पत्रकार 10-08-2014  आप हिन्दुस्तान के किसी भी अस्पताल में जाएं, तो संभव है कि वहां आपको कोई-न-कोई मलयाली नर्स मिल ही जाए। दुनिया के दूसरे मुल्कों की अपनी यात्रा के दरम्यान भी बहुत मुमकिन है कि वे आपको बीमार लोगों की तिमारदारी में जुटी दिखाई दे जाएं, खासकर खाड़ी के देशों में। आखिर केरल इतनी तादाद में नर्सों को विदेश क्यों भेजता है? क्या वजह है कि उनमें से कई नर्सें बमबारी और गोलियों की बरसात वाले खतरनाक हालात में भी काम छोड़कर आना नहीं चाहतीं? इसमें कोई दोराय नहीं कि यह एक महान पेशा है और नर्सें स्वास्थ्य सेवा में एक निर्णायक भूमिका अदा करती हैं। उनकी पेशेवर ईमानदारी और निजी प्रतिबद्धताओं से जुड़ी न जाने कितनी ही कहानियां हमें सुनने को मिलती हैं। अस्पताल से छुट्टी के वक्त हममें से ज्यादातर उनकी सेवा और देखभाल के लिए न सिर्फ उनका धन्यवाद करते हैं, बल्कि उनके प्रति हृदय से आभारी होते हैं। लेकिन हममें से ज्यादातर लोग शायद इस ब

बँधा हुआ इक-इक धागे में भाई-बहन का प्यार

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गाना / Title: राखी धागों का त्यौहार - raakhii dhaago.n kaa tyauhaar चित्रपट / Film: Rakhi  राखी     / संगीतकार / Music Director: Ravi रवि  गीतकार / Lyricist: Rajinder Krishan  राजेन्द्र किसन / गायक / Singer(s): Rafi रफ़ी  यह गीत भले ही फ़िल्मी है  मगर राखी के पवित्र पर्व की पवन भावनाओं को पूरी तरह प्रदर्शित करता है।  राखी धागों का त्यौहार , राखी धागों का त्यौहार बँधा हुआ इक-इक धागे में भाई-बहन का प्यार राखी धागों का ... कितना कोमल कितना सुन्दर भाई-बहन का नाता इस नाते को याद दिलाने ये त्यौहार है आता बहन के मन की आशाएँ राखी के ये तार राखी धागों का ... बहन कहे मेरे वीर तुझे ना बुरी नजरिया लागे मेरे राजा भैय्या तुझको मेरी उमरिया लागे धन हूँ पराया फिर भी मिलूँगी साल में तो इक बार राखी धागों का ... भाई कहे ओ बहन मैं तेरी लाज का हूँ रखवाला गूँथूँगा मैं प्यार से तेरे अरमानों की माला भाई-बहन का प्यार रहेगा जब तक है संसार राखी धागों का ... ---------------------- 8/9/2014 जयपुर। रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच केवल धागे का नहीं बल्कि प्यार, खुशियों का त्योहार है। यह

पंचायत से लेकर पार्ल्यामेंट तक हर चुनाव जरूरी - अमित शाह

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अमित शाह ने कार्यकर्ताओं के सामने रखा नया लक्ष्य नवभारतटाइम्स.कॉम | Aug 9, 2014 नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अमित शाह के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मनोनयन पर मुहर लग गई है। अमित शाह ने इस मौके पर कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि अध्यक्ष बनना कार्यकर्ताओं का सम्मान है। उन्होंने अपने ऊपर भरोसा जताने के लिए पार्टी का धन्यवाद भी जताया। इसके बाद अमित शाह ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता किसी चुनाव को हल्के में न लें, पंचायत से लेकर पार्ल्यामेंट तक हर चुनाव जरूरी है। अपने भाषण में बीजेपी अध्यक्ष ने अगले कुछ दिनों में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सूबों में प्रचंड बहुमत से हमारी जीत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को दो परिवारों के भ्रष्टाचार ने जनता को लूट लिया है, वहां बदलाव पूरे सिर्फ राज्य के नहीं पूरे देश के कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है। हरियाणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां सबसे पहले चुनाव होना है, हो सकता है कि यहां हमारा किसी से गठबंधन हो लेकिन कार्यकर्ता इस काम मे

शहद है कई मर्ज की दवा

इकलौता शहद है कई मर्ज  की दवा Monday, March 17, 2014 वाशिंगटन: हमारे घरों में दादी-नानी एवं बुजुर्ग सर्दी, खांसी जैसी कई समस्याओं में शहद के फायदे गिनाती रही हैं। अब नए अध्ययन से पता चला है कि यह बैक्टीरिया की प्रतिरोधी क्षमता से भी लड़ सकता है। यह अध्ययन दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक संगठन अमेरिकन केमिकल सोसायटी की 247वीं राष्ट्रीय बैठक के हिस्से के तौर पर कराया गया है। एक बयान के मुताबिक इस अध्ययन के प्रमुख शोधार्थी रोड आईलैंड के न्यूपोर्ट स्थित साल्वे रेगिना विश्वविद्यालय के एम. मेस्च्विट्ज ने कहा कि शहद का खास गुण यह है कि यह कई स्तरों पर बैक्टीरिया से लड़ता है, जिसके कारण बैक्टीरिया में प्रतिरोधी क्षमता का विकास कठिन हो जाता है। उनके मुताबिक शहद हाइड्रोजन पेरोक्साइड, अम्लीयता, ओस्मोटिक इफेक्ट, हाई सुगर कंसंट्रेशन और पॉलीफिनोल्स जैसे हथियारों का उपयोग करता है। ये सभी बैक्टीरिया को मारने के लिए काफी हैं। ओस्मोटिक प्रभाव का मतलब यह है कि चीनी की अधिक सांद्रता के कारण यह बैक्टीरिया की कोशिकाओं से पानी का अवशोषण कर लेता है, जिसके कारण बैक्टीरिया दम तोड़ देता है। शहद में एक खा

जमीन घोटाले में कमला बेनीवाल को आरोपी बनना तय

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कांग्रेस की बडी नेता रहीं और हाल ही में बर्खास्त श्रीमति कमला बेनीबाल की आवसीय भूमि घोटाला खुल चुका है। अब वे अदालती कार्यवाही से भी नहीं बच पायेंगीं। आसान तरीकों और राजनैतिक प्रभाव से धन कमानें का यह पहला मामला नहीं है। बल्कि जितने खोजोगे उतने ही मिलते चले जायेंगें। 1000 करोड़ के जमीन घोटाले में बेनीवाल को आरोपी बनाने की तैयारी Aug 08, 2014, http://www.bhaskar.com जयपुर/नई दिल्ली. मिजोरम की राज्यपाल पद से बर्खास्‍त की गईं कमला बेनीवाल शुक्रवार को जयपुर पहुंच जाएंगी। मणिपुर के राज्यपाल विनोद कुमार दुग्गल भी आज ही मिजोरम का अतिरिक्‍त प्रभार संभाल लेंगे। खबर है कि परंपरा से हट कर बेनीवाल के लिए कोई विदाई समारोह आयोजित नहीं किया जा रहा है। उधर, बताया जा रहा है कि बेनीवाल की बर्खास्तगी के मामले में राष्ट्रपति ने बेनीवाल के खिलाफ साक्ष्यों को देखने के बाद एक गोपनीय नोट लिखकर संतुष्टि जताई थी। इसके बाद ही बेनीवाल की बर्खास्तगी का फैसला लिया गया। यह दावा 'एनडीटीवी' ने अपने सूत्रों के हवाले से किया है। दूसरी ओर, राज्यपाल पद पर रहते हुए मिला संवैधानिक संरक्षण हटने के साथ ह

भाई-बहिन का स्नेहिल बंधन है रक्षाबंधन - कविता रावत

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भाई-बहिन का स्नेहिल बंधन है रक्षाबंधन ......कविता रावत http://kavitarawatbpl.blogspot.in/ हमारी भारतीय संस्कृति में अलग-अलग प्रकार के धर्म,  जाति,  रीति,  पद्धति,  बोली, पहनावा, रहन-सहन के लोगों के अपने-अपने उत्सव, पर्व, त्यौहार हैं,  जिन्हें वर्ष भर बड़े धूमधाम से मनाये जाने की सुदीर्घ परम्परा है। ये उत्सव, त्यौहार, पर्वादि हमारी भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता की अनूठी पहचान कराते हैं। रथ यात्राएं हो या ताजिए या फिर किसी महापुरुष की जयंती, मन्दिर-दर्शन हो या कुंभ-अर्द्धकुम्भ या स्थानीय मेला या फिर कोई तीज-त्यौहार जैसे- रक्षाबंधन, होली, दीवाली, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, शिवरात्रि, क्रिसमस या फिर ईद सर्वसाधारण अपनी जिन्दगी की भागदौड़, दुःख-दर्द, भूख-प्यास सबकुछ भूल कर मिलजुल के उल्लास, उमंग-तरंग में डूबकर तरोताजा हो उठता है। इन सभी पर्व, उत्सव, तीज-त्यौहार, या फिर मेले आदि को जब जनसाधारण जाति-धर्म, सम्प्रदाय से ऊपर उठकर मिलजुलकर बड़े धूमधाम से मनाता है तो उनके लिए हर दिन उत्सव का दिन बन जाता है। इन्हीं पर्वोत्सवों की सुदीर्घ परम्परा को देख हमारी भारतीय संस्कृति पर &

दहेज मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर सर्वोच्च न्यायालय की रोक

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दहेज के मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगायी न्यायाधीश चंद्रमौलि प्रसाद की पीठ का निर्णय दहेज विरोधी कानून के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि ऐसे मामलों में पुलिस स्वत: ही आरोपी  को गिरफ्तार नहीं कर सकती और उसे ऐसे कदम की वजह बतानी होगी, जिनकी न्यायिक समीक्षा की जायेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि पहले गिरफ्तारी और फिर बाकी कार्यवाही करने का रवैया निन्दनीय है जिस पर अंकुश लगाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दहेज प्रताड़ना मामले सहित सात साल तक की सजा के दंडनीय अपराधों में पुलिस गिरफ्तारी का सहारा नहीं ले। न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, हम सभी राज्य सरकारों को निर्देश देते हैं कि वह अपने पुलिस अधिकारियों को हिदायत दे कि भारतीय दंड संहिता की धारा 498-क के तहत मामला दर्ज होने पर स्वत: ही गिरफ्तारी नहीं करे बल्कि पहले दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 में प्रदत्त मापदंडों के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता के बारे में खुद को संतुष्ट क

दस दिन उदयपुर में रहेगी 'श्रीमती वसुंधरा राजे सरकार'

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अब दस दिन उदयपुर में रहेगी 'श्रीमती वसुंधरा राजे  सरकार' Tue, 05 Aug 2014 जयपुर। राजस्थान सरकार के सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत इस बार पूरी सरकार दस दिन के लिए उदयपुर सम्भाग में जाएगी। यह दौरा 16 से 25 अगस्त तक रहेगा, हालांकि सरकार 14 अगस्त को ही उदयपुर पहुंच जाएगी, क्योंकि इस बार का राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह उदयपुर में मनाया जाएगा। सत्ता में आने के बाद से मौजूदा सरकार ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत पूरी सरकार दस दिन के लिए एक सम्भाग में जाती है। सभी मंत्री और विभागों के प्रमुख सचिव टीमें बना कर सम्भाग की एक-एक पंचायत समिति में जाते हैं। लोगों से मिलते है, जनसुनवाई करते हैं और सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण करते हैं। दौरे के अंतिम दिन सम्भाग मुख्यालय पर ही कैबिनेट की बैठक होती है और इस बैठक में उस सम्भाग के संबंध में महत्वपूर्ण फैसले किए जाते है। अब तक राजस्थान सरकार फरवरी में भरतपुर सम्भाग और जून में बीकानेर सम्भाग के दौरे पर जा चुकी है। अब उदयपुर सम्भाग का दौरा किया जा रहा है। हालात सुधारने में जुटे अधिकारी सरकार को दौरे में

राजस्थान भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी घोषित, 39 जिलाध्यक्ष भी बने

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राजस्थान भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी घोषित, 39 जिलाध्यक्ष भी बने Wed, 06 Aug 2014 जयपुर। भाजपा ने अपनी प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी। प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने बुधवार को इसे जारी किया। प्रदेश कार्यकारिणी में युवाओं व महिलाओं को तरजीह दी गई है। कार्यकारिणी में 5 सांसदों व सात विधायकों को भी शामिल किया गया है। इनमें चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी को युवा मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। कुछ वर्तमान जिलाध्यक्षों को भी इस टीम में शामिल किया गया है। उधर, जिलाध्यक्षों की कार्यकारिणी में पांच विधायकों को शामिल किया गया है। इस टीम में भी ज्यादातर जगहों पर युवाओं को ही प्राथमिकता दी गई है। हालांकि इसमें किसी महिला कार्यकर्ता को जगह नहीं मिली है। ये बने प्रदेश पदाधिकारी : - प्रदेश उपाध्यक्ष - रामकिशोर मीणा, संतोष अहलावत, चुन्नीलाल गरासिया, अनीता भदेल, नंदकिशोर सोलंकी, भजनलाल शर्मा, मोहनलाल गुप्ता, महेन्द्र बोहरा। महामंत्री - नारायण पंचारिया, हरिओम सिंह राठौड़, बाबूलाल वर्मा, कुलदीप धनकड़। मंत्री- अशोक लाहोटी, मुकेश दाधीच, सुरेश यादव, बीरमदेव सिंह, कैलाश मेघवाल, जगमोहन बघेल,

दो हजार साल पुराना शिवलिंग खुदाई में निकला

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खुदाई में निकला दो हजार साल पुराना शिवलिंग IANS [Edited By: अभिजीत श्रीवास्तव] | महासमुंद, 6 अगस्त 2014 http://aajtak.intoday.in छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में पुरातत्व विभाग को खुदाई के दौरान द्वादश ज्योतिर्लिगों वाले पौरुष पत्थर से बना शिवलिंग मिला है. माना जा रहा है कि यह दो हजार वर्ष पुराना है. सिरपुर में मिले इस शिवलिंग को काशी विश्वनाथ जैसा शिवलिंग बताया जा रहा हैं. छत्तीसगढ़ के पुरातत्व सलाहकार अरुण कुमार शर्मा का दावा है कि यह दो हजार साल पुराना है और राज्य में मिला अब तक का सबसे प्राचीन व विशाल शिवलिंग है. पुरातत्वविदों का कहना है कि वाराणसी के काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकालेश्वर शिवलिंग जैसा है सिरपुर में मिला यह शिवलिंग. यह बेहद चिकना है. खुदाई के दौरान पहली शताब्दी में सरभपुरिया राजाओं के द्वारा बनाए गए मंदिर के प्रमाण भी मिले. इस शिवलिंग में विष्णु सूत्र (जनेऊ) और असंख्य शिव धारियां हैं. सूबे के सिरपुर में साइट नंबर 15 की खुदाई के दौरान मिले मंदिर के अवशेषों के बीच 4 फीट लंबा 2.5 फीट की गोलाई वाला यह शिवलिंग निकला है. बारहवीं शताब्दी में आए भूकंप और बाद म

गीता पढ़ाना संवैधानिक : भारतीय विचार केन्द्रम्

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गीता पढ़ाना संवैधानिक  : भारतीय विचार केन्द्रम्  तिरुवनंतपुरम। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ए. आर दवे द्वारा स्कूलों में गीता पढ़ाए जाने की बात का समर्थन करते हुए आरएसएस के एक प्रमुख विचारक ने बुधवार को कहा कि गीता सिर्फ धार्मिक ग्रंथ नहीं है, यह एक उत्कृष्ट आध्यात्मिक और दार्शनिक कृति भी है। इसके साथ ही उन्होंने गीता को 'राष्ट्रीय पुस्तक' घोषित करने की भी अपील की। प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने न्यायाधीश दवे के विचारों पर आपत्ति जताई थी। इस मुद्दे पर सांस्कृतिक मंच भारतीय विचार केंद्रम के निदेशक पी परमेश्वरम ने कहा कि गीता ने कई शताब्दियों से भारत पर गहरा प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने एक बार भी भगवद् गीता पढ़ी होगी, वे समझेंगे कि यह एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है। किसी भी अन्य किताब का इतना व्यापक प्रसार नहीं है। गीता की तरह कोई भी अन्य किताब इतनी बड़ी संख्या में व्याख्याओं के साथ प्रकाशित नहीं हुई है। परमेश्वरम ने एक बयान में कहा कि इसका प्रभाव समय और स्थान से परे है। यह किसी भी प्रखर मस्तिष्क के लिए ज्ञान का खजाना है और इसका प्रभाव शाश्वत है। मह

रक्षा बंधन पर रक्षा सूत्र : संघ का महाभियान

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रक्षाबंधन : संघ के महाभियान का एक चरणरूप August 06, 2014 http://vskbharat.com (लेखक डा. कृष्ण गोपाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह हैं) रक्षा बंधन के पर्व का महत्व भारतीय जनमानस में प्राचीन काल से गहरा बना हुआ है. यह बात सच है कि पुरातन भारतीय परंपरा के अनुसार समाज का शिक्षक वर्ग होता था, वह रक्षा सूत्र के सहारे इस देश की ज्ञान परंपरा की रक्षा का संकल्प शेष समाज से कराता था. सांस्कृतिक और धार्मिक पुरोहित वर्ग भी रक्षा सूत्र के माध्यम से समाज से रक्षा का संकल्प कराता था. हम यही पाते हैं कि किसी भी अनुष्ठान के बाद रक्षा सूत्र के माध्यम से उपस्थित सभी जनों को रक्षा का संकल्प कराया जाता है. राजव्यवस्था के अन्दर राजपुरोहित राजा को रक्षा सूत्र बाँध कर धर्म और सत्य की रक्षा के साथ साथ संपूर्ण प्रजा की रक्षा का संकल्प कराता था. कुल मिलाकर भाव यही है कि शक्ति सम्पन्न वर्ग अपनी शक्ति सामर्थ्य को  ध्यान में रखकर समाज के श्रेष्ठ मूल्यों का एवं समाज की रक्षा का संकल्प लेता है. संघ के संस्थापक  परम पूज्य डॉक्टर साहब हिन्दू समाज में सामरस्य स्थापित करना चाहते थे तो स्वाभाविकरू

देश को बाहर से कम अंदर से ज्यादा खतरा : परमपूज्य भागवत जी

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देश को बाहर से कम अंदर से ज्यादा खतरा :  परमपूज्य   मोहन जी भागवत 04 August 2014   भोपाल,04 / अगस्त/2014 (ITNN) | भारत को अमीर देश और भारतीयों को गरीब बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन जी   भागवत ने कहा कि राष्ट्र की आर्थिक नीतियों में सुधार करना होगा। बढ़ते पूंजीवाद को देश के लिए घातक बताते हुए भागवत ने कहा कि स्वावलंबन और स्वाभिमान की बुनियाद पर देश से गरीबी समाप्त हो सकती है। भागवत जी ने राजनीतिक दलों से समाज में गरीबी मिटाने के लिए पहल करने की अपील भी की। भोपाल में आयोजित चिंतन बैठक के आखिरी दिन आरएसएस के सर संघचालक मोहन जी भागवत ने कहा कि देश को बाहर से कम, अंदर से ज्यादा खतरा है। इससे निपटने के लिए एकता की जरूरत है। भागवत जी ने समाज से छुआछूत को मिटाने व राष्ट्रीयता को मजबूत करने के लिए स्वयंसेवकों को एकजुट होने का आदेश दिया। भागवतजी  ने कहा कि हिंदू व हिंदुस्तान को मजबूत करने के लिए जात-पात और ऊंच-नीच की विचारधारा से ऊपर उठकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ और रिश्वतखोरी आज की सबसे बड़ी समस्या है। विकास के लिए सिर्फ सरकारों के भरोसे बैठना

कांग्रेस में कार्यकर्ताओं के साथ,आवारा कुत्तों से भी बुरा बर्ताव : जगमीत सिंह बराड़

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कांग्रेस में आम कार्यकर्ताओं के साथ होता है आवारा कुत्तों से भी बुरा बर्तावः जगमीत सिंह बराड़ Aajtak.in [Edited By: अभिजीत श्रीवास्तव] | नई दिल्ली, 6 अगस्त 2014 कांग्रेस कार्यसमिति के पूर्व सदस्य जगमीत सिंह बराड़ कुछ दिन पहले सोनिया और राहुल पर दिये बयान से विवादों में आ गए थे. अब उन्होंने कांग्रेस के भीतर आम कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे व्यवहार पर कुछ ऐसा कहा है जिससे वो फिर विवादों में घिर गए हैं. बराड़ ने इस बार सोनिया, राहुल को हमेशा घेरे रखने वाली मंडली पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के ये बड़े लीडर आम कार्यकर्ताओं के साथ आवारा कुत्तों से भी बदतर व्यवहार करते हैं. पंजाब के पूर्व सांसद बराड़ ने कहा, ‘साल दर साल, ये कुछ बड़े व्यक्ति हैं जो आम कार्यकर्ताओं से आवारा कुत्तों से भी बुरा व्यवहार करते आ रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इन्होंने आम कार्यकर्ताओं और कांग्रेस लीडरशिप के बीच एक बड़ी दीवार खड़ी कर रखी है. ये वो नेता हैं जिन्हें हर वक्त टॉम फोर्ड और कनाली सूट पहने पूंजीपतियों के साथ देखा जा सकता है.’ सोनिया, राहुल पर बराड़ का विवादित बयान बराड़ ने पहले भी लो

अपहरण, गैंगरेप, जबरदस्ती धर्म परिवर्तन

Samarendra Singh : ताज्जुब है. चारों तरफ खामोशी है. जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो. कमाल की धर्मनिरपेक्षता है. गाजा में हुआ होता तो खबर बनती. सबका खून उबाल मारता. लेकिन मेरठ गाजा नहीं है. और जहां बलात्कार हुआ है वह मंदिर भी नहीं है. और जिसका बलात्कार हुआ और धर्म परिवर्तन कराया गया... वह मुसलमान नहीं है. इसलिए खबर नहीं है. कुछ साथी कह रहे हैं कि इस पर तीखी प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए. यकीनन नहीं होनी चाहिए. लेकिन म्यांमार में और गाजा में और स्पेन में जो होता है उस पर यहां तीखी प्रतिक्रिया क्यों होती है? इस्लाम को विक्टिम के तौर पर पेश क्यों किया जाता है? ऐसे मुल्क में जहां पहले से ही धार्मिक कट्टरता चरम पर हो, वहां दुनिया के दो मुल्कों के बीच की लड़ाई को धर्म विशेष से जोड़ कर पेश किया जाना और लहुलूहान जिस्म को प्रदर्शित करना कहां तक जायज है? और अगर वह सब जायज है तो मेरठ कांड पर तीखी प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी जानी चाहिए? सलमान रुश्दी ठीक कहता है... इस्लाम के दिल में कुछ खोट है. अब इस खोट को दिल से बाहर निकालने की जिम्मेदारी तो इस्लाम के रहनुमाओं को ही उठानी पड़ेगी, वरना टकराव तो होगा ही.