सोनिया गांधी : संवेदनहीनता की पराकाष्ठा-किरण माहेश्वरी



- अरविन्द सिसोदिया 
  ११ जून को कोटा में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रिय महासचिव श्रीमती किरण माहेश्वरी ने कांग्रेस एवं यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गांधी पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए कहा " देश के इतने बड़े योगगुरु  संत और उनके साथ धरनें पर मौजूद बहुत बड़े जनसमूह के साथ , रात में सोते हुए होनें पर घोर घ्रणित और अमानवीय दुष्कृत्य हुआ, मगर एक भी शब्द बोलनें के लिए देश की सत्ता रूढ़ पार्टी और गठबंधन की अध्यक्षा उपलब्ध नहीं हैं ! वे किसी घायल को देखनें अस्पताल नहीं गईं ..? संवेदना व्यक्त करने जैसे एक सामान्य शिष्टाचार के लिए भी उनके पास एक शब्द नहीं ?? "  उन्होंने प्रश्न उठाते हुए कहा देश को कौनसा कानून कहता है की बाबा रामदेव दिल्ली में नहीं घुस सकते ?
        उन्होंने आगे कहा कि यह घटना  क्रम उनकी सरकार के द्वारा घटित किया गया , बाबा रामदेव से केन्द्रीय मंत्रियों  का समूह हवाई अड्डे पर मिलनें पंहुचा उनका स्वागत किया, हाई लेबिल मीटिंग हुई , फिर अचानक पूरी तरह  गैर कानूनी ढंग से शांतिपूर्ण धरनें को , आधीरात में छीन - भिन्न कर दिया गया , सोते हुए लोगों पर शत्रु की तरह आक्रमण , आशुगैस के गोले कवर्ड टेंट में दागना  ?? यह दुष कृत्य एक जिम्मेवार लोकतंत्रीय देश में तो सम्प्पन नहीं किये जा सकते ! इस घटना नें तो जलियांवाला कांड का अनुसरण कर डाला ! बहुत से प्रश्न हैं , उनके जबाव सोनिया जी के द्वारा आनें चाहिए , उनका चुप रहना देश व जनता के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है ! लोकतान्त्रिक मूल्यों की राजनीति में यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठ है !!   

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