समाज की एकता में ” फूट डालो राज करो “



प्रस्तावित साम्प्रदायिक और लक्षित हिंसा विधेयक 2011
सत्ता के स्वार्थ के लिये, देश को आराजकता में छोंक देनें की कोशिश
कोटा 26 अगस्त । कांग्रेस अपनी सत्ता स्वार्थ के लिये, ठीक उन्ही अंग्रेज पद चिन्हों ” फूट डालो राज करो “ पर चल रही है । जिससे पूरे समाज में वैमनस्यता और आराजकता फैल जाये । यह तथ्य प्रशिद्ध शिक्षाविद, लेखक और कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डाॅ.सुभाष कौशिक ने 26 अगस्त शुक्रवार को राष्ट्रचेतना अभियान समिति कोटा महानगर के द्वारा 
” प्रस्तावित साम्प्रदायिक और लक्षित हिंसा विधेयक 2011 “ विषय पर आयोजित बुद्धिजीवी वर्ग की विचार गोष्ठी में कहे । 
उन्होने इस असंवैधानिक कानून को बनाये जाने के यूपीए की अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांधी और केन्द्र सरकार के राजनैतिक स्वार्थ पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुय बताया कि जिस तरह से 1857 के प्रथम भारत स्वतंत्रता संग्राम के पश्चात अंग्रेजों ने सत्ता को बनाये रखने के लिये समाज को आपस में लडानें और विभाजित करने की नीति को अपनाया था, उसी तरह से वर्तमान कांग्रेसनीत केन्द्र सरकार अपनी सत्ता को बनाये रखने और आगे बढाने के लिये वही अंग्रेज नीति फूट डालो राज करो पर चल रही है। 
उन्होने कहा एक असंवैधानिक संस्था राष्ट्रीय सलाहकार समिति बनाई गई, उसकी अध्यक्षा पद पर कांगेेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को स्थापित किया गया, उन्होने हिन्दू विरोधी मानसिकता के व्यक्तियों को उस समिति का सदस्या बनाया । और इन सदस्यों के सहयोग से एक कानून ड्राफट किया, जिसका नाम दिया गया ” साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक 2011 “ । यह कानून इस सदी का सबसे काला कानून है।
उन्होने कहा समाज के लोगों को विभजित करने के लिये अंग्रेजों के हंटर कमीशन की ही तरह राजेन्द्र सच्चर कमेटी बनाई गई । सच्चर कमेटी की 60 प्रतिशत सिफारिशें हंटर कमीशन की तरह है । अंग्रेजों के समय हिन्दू और मुसलमान को आपस में लडाने का काम हंटर कमीशन ने किया था और उसका अंत देश के विभाजन से हुआ । अल्पसंख्यक को बहूसंख्यक से अधिक तरजीह देनें के लिये प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है । अल्पसंख्यक हितों के नाम पर 15 सूत्रीय योजना भी अमल में लाई गई जिसके जर्ये सरकार ने तुष्टिकरण की सभी हदें पार कर दीं ।
कौशिक ने कहा ” इसी तरह अल्पसंख्यकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के नाम पर,अंग्रेजों के रोलेट एक्ट की तर्ज पर लक्षित हिंसा विधेयक बनाया जा रहा है जिसमें बहुसंख्यक वर्ग को हिंसक मान लिया गया है और एक आदतन अपराधी की तरह कभी भी, कहीं भी गिरफतार कर लिये जाने को सहज बना दिया गया है । बहुसंख्यक वर्ग के व्यक्ति पर मामूली से मामूली बात पर और झूठी शिकायत पर भी कार्यवाही की अनिवार्यता थोपते हुये उसकी गिरफतारी और भारी जुर्माना वसूली के प्रावधन किये हैं कि बुहुसंख्यक हिन्दूओं का जीना मुस्किल हो जायेगा। 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रघुवीरसिंह कौशल ने कहा पूरे देश में कोई प्रांत साम्प्रदायिक हिंसा से सबसे अधिक पीडित है तो वह जम्मू और कश्मीर प्रांत है । मगर यह कानून वहां लागू नहीं किया जायेगा , क्योंकि वहां हिन्दू अल्प संख्यक है । केन्द्र सरकार के इस प्रस्तावित भेदभाव पूर्ण प्रावधान का क्या मतलब है ? जिस प्रांत से अल्पसंख्यक अपने घरवार छोड कर भाग रहे हंैं दिल्ली सहित तमाम दूसरी जगहों पर शरण लिये हुये हैं । उन कश्मीरी पंडितों को इस कानून का संरक्षण नहीं मिलेगा। संविधान कहता है सरकार के लिये सब समान हैं उनके लिये न्याय और विधि के समक्ष समता का अधिकार है। मगर यह भेदभाव सरकार को स्वंय साम्प्रदायिकता की संलिप्तता में खडा करता है ।
कौशल ने कहा बहुसंख्यक पर एक अपराध के दो मुकदमें चलेंगें, दो बार सजा होगी ! उसे यह भी जानने का अधिकार नहीं होगा कि उसके खिलाफ शिकायत किसने की और गवाही किसने दी । भारी जुर्माना जायदाद बेंच कर चुकाना होगा और सजा ! आखिर बहुसंख्यक पर शोषण और अत्याचार की यह विभिषिका किस दुश्मनी के कारण केन्द्र सरकार लाद रही है। केन्द्र सरकार बहुसंख्यक हिन्दू समाज जो शताब्दियों से शांतिप्रिय और शरणदाता रहा है उस पर अल्पसंख्यकवाद के नाम पर जुल्म ढहाने का नया सिलसिला क्यों प्रारम्भ करना चाहती है। समाज की एकता को छिन्न भिन्न कर आराजकता की स्थिती में क्यों ढकेलना चाहती है। यह सभी राजनैतिक समझ वाले जानते हैं कि यह कानून संविधान विरोधी होनें से प्रभावी नहीं हो सकेगा । मगर हमारी शिथिलता और अन देखी से यह पारित हो गया तो देश में नया खून खराबे का युग आ जायेगा। इसलिये समाज से इसका प्रबल विरोध जाना चाहिये। केन्द्र सरकार का उद्देश्य इस कानून का हल्ला मचा कर अल्पयंख्यक वर्ग के वोट बटोरना मात्र है।
कार्यक्रम की अध्ष्क्षता वरिष्ठ अधिवक्ता दीनानाथ गालव ने की विशिष्ठ अतिथि गायत्री परिवार के जी डी पटेल और विश्व हिन्दू परिषद कोटा महानगर अध्यक्ष युधिष्ठर सिंह थे । अतिथियो को धन्यवाद समिति के महानगर संयोजक महेश शर्मा ने दिया ।  

अरविद सीसौदिया
9414180151         

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