अब शक्कर की मंहगाई........
अब शक्कर की मंहगाई........
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह सरकार आम नागरिक के प्रति कितनी संवेदनशील है, इसका उदाहरण है मंगलवार को मंत्रीमंडलीय समूह के द्वारा,10 लाख टन शक्कर के निर्यात की अनुमति देना। पहले ही शक्कर मंहगी हो रही थी, इससे शक्कर और मंहगी होगी। शरद पंवार के रहते खाद्य पदार्थें के बिचैलिये मजे में हैं। माल जमा करते हैं और सरकार से मिल कर मूल्यवृद्धि करवा लेते हैं और मोटा मुनाफा बसूलते हैं। भुगतना जनता को पडता है।
चीनी के दस लाख टन निर्यात की मंजूरी.....
नई दिल्ली , 22 नवम्बर 2011। कन्द्र सरकार के मंत्रीमण्डलीय समूह की हुई बैठक में, 10 लाख टन चीनी निर्यात की मंजूरी दे दी गई है। चीनी व्यापारियों पर से स्टाक लिमिट भी हटा ली गई है। सरकार के फैसले से चीनी 2 रूपये किलो मंहगी होने की आशंका है।
09 November 2011
बड़े पैमाने पर चीनी निर्यात होनी चाहिए : पवार....
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि इस साल देश में खपत से कहीं ज्यादा चीनी का उत्पादन होने की संभावना है। इस वजह से चालू मार्केटिंग सीजन में बड़े पैमाने पर चीनी का निर्यात किया जाना चाहिए। इससे विश्व बाजार के ऊंचे मूल्य से चीनी उद्योग को लाभ होगा।
पिछले अक्टूबर से शुरू हुए नए मार्केटिंग वर्ष 2011-12 के दौरान देश में 250-260 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की संभावना है जबकि घरेलू मांग करीब 220 लाख टन रहेगी। चालू सीजन के लिए सरकार को चीनी के निर्यात के बारे में नीति तैयार करनी है। बीते सीजन के दौरान सरकार ने 26 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी थी। इसमें से 15 लाख टन चीनी ओ जी एल के तहत निर्यात करने की मंजूरी दी गई थी।
पवार ने एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं को बताया कि देश में अतिरिक्त चीनी उपलब्ध होगी। इस वजह से चीनी निर्यात की अनुमति देनी चाहिए। इससे गन्ना उत्पादकों को भी इसका लाभ मिलेगा। चीनी मिलों के संगठन इस्मा ने सरकार से 40 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति देने की मांग की है। विदेशी बाजार में इस समय चीनी का भाव 670-680 डॉलर प्रति टन चल रहा है।
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