एफ डी आई का प्रबल विरोध ,व्यापारियों ने भीख मांगने का पूर्व - अभ्यास.
देश के साथ सिर्फ शत्रुता......
आर्थिक उदारीकरण के नाम पर, सम्पन्न और अति सम्पन्न देशों के उद्योगपतियों और व्यापारियों को भारत बुला कर भारत के नागरिकों के उद्योग - धंधो , खेत - खलिहानों और रोजगार के अवसरों को छिनवा देने का कार्य देश के साथ सिर्फ और सिर्फ शत्रुता के अलावा और क्या कहा जा सकती है।
व्यापारियों ने भीख मांगने का पूर्व - अभ्यास.....
आज भारत के एक शहर में व्यापारियों ने कपडे उतार कर भीख मांगी और खुदरा क्षैत्र में एफ डी आई का प्रबल विरोध करते हुये कहा कांग्रेस और सोनिया गांधी की यह केन्द्र सरकार पूरे देश को भिखारी बनाने पर तुली है। आखिर आगे भीख मांगनी ही पढेगी,यह उसका पूर्व - अभ्यास है।
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रिटेल कंपनियां पहुंचाएंगी चार लाख को चोट
http://www.amarujala.com/state/Uttar-pradesh/43189-1.html
इलाहाबाद। रिटेल कारोबार में विदेशी कंपनियों की आहट जिले के कारोबारियों और उनसे जुड़े लोगों को डराने लगी है। वजह, सरकार ने तय किया है कि दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बहुराष्ट्रीय कंपनियां मल्टी ब्रांड और सिंगल ब्रांड स्टोर खोल सकेंगी। कंपनियों के स्टोर से नफा-नुकसान को लेकर व्यापारियों में खौफ का माहौल है। दावा है कि जिले में खुदरा कारोबार से जुड़े लगभग चार लाख लोगों के पेट पर चोट पड़ेगी। इनमें लगभग 50 हजार व्यापारी, लगभग इतने ही लेबर और सेल्समैन, करीब 20 हजार डिलेवरीमैन तथा उनके परिवार के सदस्य हैं।
शहर में वालमार्ट या दूसरी कंपनियों के स्टोर कब खुलेंगे, अभी अनुमान लगा पाना मुश्किल है लेकिन शहर पहुंच चुकी बिग बाजार, पैंटालून, स्पेंसर, विशाल मेगा मार्ट के कारोबार को देखकर बड़ी कंपनियां संगम नगरी आने का मोह नहीं छोड़ सकेंगी। नतीजा है कि स्थानीय खुदरा व्यापारियों को दुकानदारी घटने, दुकान बंद होने और प्रतिस्पर्धी माहौल में न टिक पाने का खतरा सताने लगा है।
सरकार के दोहरे नियम इस डर को और बढ़ाते हैं। छोटे दुकानदार स्टॉक लिमिट से बंधे हैं। उल्लंघन पर धारा 3/7 में कार्रवाई होती है। बड़े रिटेल स्टोर इससे मुक्त हैं। साप्ताहिक बंदी के नियम भी उन पर लागू नहीं हैं। छोटे व्यापारियों में सरकार की इस नीति से काफी गुस्सा है। गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि छोटे व्यापारी को जिंदा रहने के लिए कारोबार का तरीका बदलना होगा। प्रयाग व्यापार मंडल के महामंत्री विजय अरोरा एक लाख से नीचे की पूंजी वाले दुकानदारों की स्थिति को लेकर भयभीत हैं। उनका कहना है कि औसतन हर छोटी दुकान में भी एक नौकर रहता है। मालिक और नौकर का चार-चार का परिवार है तो हर दुकान से आठ लोगों के पेट पर चोट होगी। किराना कारोबारी गिरधारी अग्रवाल खुदरा कारोबार से जुड़े सेल्समैन, लेबर, डो-टू-डोर सेल्समैन, आर्डर बुकिंग सेल्समैन को लेकर चिंतित हैं। धंधा मंदा होने पर सभी प्रभावित होंगे।
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सस्ता और गुणवत्ता का दावा है झूठा
रिटेल कंपनियां ग्राहकों को सस्ता और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद देने का दावा करती हैं। परंतु इलाहाबाद डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के चेयरमैन मोहर्रम अली इससे सहमत नहीं हैं। उनकी राय में रिटेल कंपनियां एमआरपी पर बिक्री करती हैं। ज्यादातर छूट उन्हीं उत्पादों पर ग्राहकों को देती हैं जिनकी एक्सपायरी महीने-दो महीने बाद खत्म होने वाली होती है। इसके विपरीत स्थानीय रिटेलर फ्रेश उत्पादों की कीमत में भी पांच से 10 फीसदी की छूट दे रहे हैं।
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चाइनीज उत्पादों से भी नहीं सीखी सरकार
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के नगर अध्यक्ष श्यामजी अग्रवाल सरकार की नीति पर खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि चीन के खिलौने और इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों ने देशी कुटीर उद्योगों को चौपट कर दिया है। विदेशी कंपनियां जहां सस्ता माल मिलेगा, खरीदेंगी और देशी बाजार में सस्ते में बेचेंगी। इससे स्थानीय कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
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00 इलाहाबाद में
0 35 हजार दुकानें वाणिज्य कर विभाग में रजिस्टर्ड हैं। शेष करीब 10 से 15 हजार दुकानें ऐसी हैं जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
0 खुदरा कारोबार में सर्वाधिक दुकानें किराना, जनरल मर्चेंट, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े और फुटवियर की हैं।
0 चाल लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से इससे प्रभावित होंगे जबकि अप्रत्यक्ष तौर पर छह लाख से अधिक लोगों के प्रभावित होने का अनुमान है
0 अनुमान है कि जिले में प्रतिदिन का खुदरा कारोबार तीन से चार करोड़ रुपये का है। इसमें बड़ा हिस्सा एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) का है।
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बड़े रिटेल स्टोरों से उम्मीदें भी जवान
वालमार्ट, मेट्रो, केयर फोर, टार्गेट, टिस्को, कार्फो जैसी वैश्विक रिटेल कंपनियों से हर कोई निराश हो, ऐसा भी नहीं है। एक बड़ी रिटेल कंपनी के मैनेजर रहे मो. आदिल कहते हैं कि इससे ग्राहकों को फायदा होगा। एक छत के नीचे मनपसंद और गुणवत्तायुक्त खरीदारी का मौका मिलेगा। विदेशी उत्पाद प्रतिस्पर्धी दरों पर मिलेंगे, जो देशी खुदरा बाजार में संभव नहीं है।
भड़के व्यापारियों ने फूंका पुतला
इलाहाबाद। खुदरा कारोबार में विदेशी कंपनियों को उतरने की हरी झंडी देने के खिलाफ शहर के व्यापारी सड़क पर उतर पड़े हैं। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने चौक क्षेत्र में विधेयक की प्रतियां फूंककर विरोध जताया। साथ ही कटोरा लेकर भीख भी मांगा। प्रयाग व्यापार मंडल ने शनिवार को प्रदर्शन की चेतावनी दी है। कई अन्य व्यापारी संगठनों ने भी विरोध जताया है।
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के मुन्ना भइया और भाजपा नेता रामजी केसरवानी की अगुवाई में व्यापारियों ने चौक में जुलूस निकाला। हाथ में कटोरा लेकर केंद्र के विधेयक का विरोध किया। व्यापारियों ने आशंका जताई कि इससे कुटीर उद्योग और फुटकर कारोबार चौपट हो जाएगा। प्रदर्शन में सफीकउल्ला, कृष्ण भगवान केसरवानी, शम्मी कपूर, प्रीतम सिंह, मो.राशिद, प्रीतम वर्मा, राजू लोचन, हसीब, मो. फारुख, श्याम केसरवानी, मनीष पुरवार आदि मौजूद रहे।
प्रयाग व्यापार मंडल की चौक घंटाघर में हुई बैठक में तय हुआ कि 26 नवंबर को विदेशी कंपनियों का चौक में पुतला फूंका जाएगा। तीन संगठनों की संयुक्त बैठक में मो. कादिर, ओंकारनाथ खन्ना, गुरुचरन अरोरा, अजीत सिंह, जोगिंदर सिंह, अनिल अरोरा, शिवशंकर सिंह आदि मौजूद रहे। इंसाफ मोर्चा के संयोजक डॉ कृष्ण मुरारी, सपा व्यापार सभा के प्रदेश सचिव सुभाष गुप्ता, सर्व समाज उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष हिमांशु खरबंदा, ऑल इंडिया किसान मजदूर सभा के राष्ट्रीय सचिव डॉ आशीष मित्तल, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के मीडिया प्रभारी अजय कुशवाहा, भाजपा महानगर इकाई के महामंत्री गणेश केसरवानी और सपा व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष राजेश गुप्ता ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया है।
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