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विक्रमी संवत 2069 : भारतीय नव वर्ष

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23 March 2012  आओ मनाऐं नया साल-विक्रमी संवत 2069  > विनोद बंसल  पाश्चात्य देशों के अंधानुकरण व अंग्रेजियत के बढते प्रभाव के बावजूद भी आज चाहे बच्चे के जन्म की की बात हो या नामकरण की बात हो या शादी की, गृह प्रवेश की हो या व्यापार प्रारम्भ करने की, सभी में हम एक कुशल पंडित के पास जाकर शुभ लग्न व मुहूर्त पूछते हैं। और तो और, देश के बडे से बडे राजनेता भी सत्तासीन होने के लिए सबसे पहले एक अच्छे मुहूर्त का इंतजार करते हैं जो कि विशुध्द रूप से विक्रमी संवत् के पंचांग पर आधारित होता है। भारतीय मान्यतानुसार कोई भी काम यदि शुभ मुहूर्त में प्रारम्भ किया जाये तो उसकी सफलता में चार चांद लग जाते हैं। वैसे भी भारतीय संस्कृति श्रेष्ठता की उपासक है। जो प्रसंग समाज में हर्ष व उल्लास जगाते हुए एक सही दिशा प्रदान करते हैं उन सभी को हम उत्सव के रूप में मनाते हैं। राष्ट्र के स्वाभिमान व देश प्रेम को जगाने वाले अनेक प्रसंग चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से जुडे हुए हैं। यह वह दिन है जिस दिन से भारतीय नव वर्ष प्रारम्भ होता है। आइये इस दिन की महानता के प्रसंगों को देखते हैं :- ...

लोकतंत्र तार - तार : अजित की सभा में महिला कलाकारों के कपड़े फाड़े

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लोकतंत्र तार - तार चुनाव प्रचारों का यह पतन बताता है कि हमारे नेताओं में अब जनता को आकर्षित करने का दम चुक गया जो हल्के  किस्म के तरीकों से भीड खींचने के उपाय  अपनाकर लोकतंत्र को तार - तार कर रहे है। चुनाव आयोग को इस तरह के बेवुनियद आयोजनों पर रोक लगाना चाहिए..जो लोकतंत्र का स्तर नीचे गिराते हों .... अजित की सभा में महिला कलाकारों के कपड़े फाड़े http://navbharattimes.indiatimes.com मेरठ।। राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चौधरी अजित सिंह की चुनावी सभा में, सरधना के फलावदा में 23-2-2012{गुरुवार} को आरएलडी-कांग्रेस उम्मीदवार हाजी याकूब के समर्थन में अजित सिंह की सभा थी। सभा में भीड़ जुटाने के लिए महिला रागिनी कलाकारों को बुलाया गया था। अजित के भाषण देकर मंच से उतरने के बाद गीत-संगीत का कर्यक्रम शुरू हो गया। इस दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और कुछ लोगों ने महिलाओं से छेड़खानी शुरू कर दी। कुछ लोगों ने कलाकारों को खींचने का प्रयास किया। इस पर महिलाएं इधर-उधर भागने लगीं, तो अराजक तत्वों ने उन्हें दबोच लिया और कपड़े फाड़ दिए। बीच-बचाव में आए उनके साथी कलाकारों को भी पीटा गया। आरोप है कि उनस...

कांग्रेस के कमाईखोर : कृपाशंकर सिंह

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कांग्रेस के कमाईखोर    पूरी फिल्‍मी है कृपाशंकर की कहानी : आलू बेचने से लेकर अरबपति राजनेता बनने तक http://www.mediadarbar.com/4842/kripa/ हाई कोर्ट के आदेश के बाद कुचर्चा में आए कृपाशंकर सिंह की कहानी किस फिल्‍म की स्क्रिप्‍ट से कम नहीं है। चार दशक पहले जौनपुर से चलकर मुंबई पहुंचे कृपाशंकर सांताक्रूज में आलू बेचने से लेकर मायानगरी में कांग्रेस के अध्‍यक्ष के पद पर काबिज होने तक की कहानी बहुत ही दिलचस्‍प है। इस सफर में ना जाने किसी स्‍याह-सफेद कारस्‍तानियां दफन हैं। इस फिल्‍मी कहानी का सच एक जनहित याचिका के बाद उजागर हुई है। जिसके बाद हाई कोर्ट ने कृपाशंकर तथा उनके परिजनों की सम्‍पत्ति जब्‍त करने का निर्देश दिया है। बीएमसी में पार्टी की हार के बाद परेशानियों में आए कृपाशंकर के लिए हाई कोर्ट का आदेश जले पर नमक छिड़कने जैसा है। कृपाशंकर भले ही कह रहे हों कि यह मामला पूरी तरह से राजनीति प्रेरित है, लेकिन हाई कोर्ट ने इस मामले में जिस तरह से कड़ा रुख अपनाया है, उससे नहीं लगता कि इस तरह की दलीलें काम आने वाली हैं। कृपाशंकर के वकील मुकुल रोहतगी भी याचिका दायर करने वाले ...

रामलीला मैदान में लाठीचार्ज गलत, दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई की जाए : सुप्रीम कोर्ट

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"इस घटना से सरकार की ताकत का पता चलता है, जिसने पूरी ताकत से लोकतंत्र की जड़ों पर प्रहार किया. ये घटना सरकार और जनता के बीच टूटते विश्वास का जीता जागता उदाहरण है. पुलिस का काम शांति बहाल करना है, लेकिन उस दिन पुलिस ने खुद ही शांति भंग करने का काम किया. दिल्ली पुलिस ने अपनी ताकत का ग़लत इस्तेमाल किया और जनता के बुनियादी अधिकारों को रौंदा. इस घटना में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए, चाहे वह किसी भी ओहदे पर हों." रामलीला मैदान में लाठीचार्ज गलत: सुप्रीम कोर्ट Thursday, 23 February 2012 नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चार और पांच जून की आधी रात में रामलीला मैदान में हुई पुलिसिया कार्रवाई को ग़ैर-जरूरी करार देते हुए इस पूरे घटनाक्रम में बाबा रामदेव को भी जिम्मेदार ठहराया.अदालत ने गुरुवार ने अपने फैसले में कहना है कि रामलीला मैदान में लाठीचार्ज किया जाना गलत था और दिल्ली पुलिस को निर्देश किया कि दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई की जाए. कोर्ट का साफ कहना था कि पुलिस का लाठीचार्ज करना और आँसू गैस के गोले दाग़ना गलत था. कोर्ट ने इस कार्रवाई को संविधान की मू...

देवास-एंट्रिक्स घोटाले : सरकार है सौदे की जिम्मेदार

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- अरविन्द सिसोदिया  2 जी  स्पेक्ट्रम  से भी कई गुना बड़ा घोटाला , एस बैंड   स्पेक्ट्रम आबंटन है   तथा  स्वंय  प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतर्गत रहने वाले अन्तरिक्ष विभाग का यह मामला बेहद गंभीर है और केंद्र सरकार पूरी तरह से इसमे  लिप्त है .... इसकी पूरी जाँच पड़ताल संसद की लोक  लेखा समिति से होनी चाहिए... .................................. 2जी से बड़ा एस-बैंड घोटाला, घेरे में पीएम मंगलवार, फरवरी 8, 2011 http://hindi.oneindia.in/news नई दिल्ली। 1.76 लाख करोड़ के घोटाले के बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा चारों तरफ से घिर गए। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है, जिसमें राजा से भी बड़े बेताज बादशाह के होने की खबर आयी है। घोटालों का यह बादशाह कौन है, यह तो अभी नहीं पता चला है, लेकिन हां इस बार घोटाले की रकम 2जी से ज्‍यादा 2 लाख करोड़ रुपए है। यह है एस-बैंड स्‍पेक्‍ट्रम घोटाला। खास बात यह है कि इस घोटाले के घेर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी आ गए हैं।  कैग की रिपोर्ट एस-बैंड स...

शहीद भाई मतिराम जी : हिन्दुत्व के लिए आरे से सिर चिरवाने वाले

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हिन्दुत्व के लिए आरे से सिर चिरवाने वाले शहीद भाई मतिराम जी औरंगजेब के शाषण काल में हिंद्यों पर अनेक रूप से अत्याचार हुए.जिहाद के नाम पर हिंदुयों का बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करने के लिए इंसान के रूप में साक्षात् शैतान तलवार लेकर भयानक अत्याचार करने के लिए चारों तरफ निकल पड़े.रास्ते में जो भी हिन्दू मिलता उसे या तो इस्लाम में दीक्षित करते अथवा उसका सर कलम कर देते.कहते हैं की प्रतिदिन सवा मन हिंदुयों के जनेऊ की होली फूंक कर ही औरंगजेब भोजन करता था. हिन्दू का स्वाभिमान नष्ट होता जा रहा था. उनकी अन्याय एवं अत्याचार के विरुद्ध प्रतिकार करने की शक्ति लुप्त होती जा रही थी. आगरे से हिन्दुओं पर अत्याचार की खबर फैलते फैलते लाहौर तक पहुँच गयी. हिन्दू स्वाभिमान के प्रतीक भाई मतिराम की आत्मा यह अत्याचार सुन कर तड़प उठी. उनके हृद्य ने चीख चीख कर इस अन्याय के विरुद्ध अपनी आहुति देने का प्रण किया.उन्हें विश्वास था की उनके प्रतिकार करने से ,उनके बलिदान देने से निर्बल और असंगठित हिन्दू जाति में नवचेतना का संचार होगा. वे तत्काल लाहौर से आगरे पहुँच गए. इस्लामी मतान्ध तलवार के सामने सर झुकाएँ ह...

भारतीय नववर्ष का शुभारम्भ :23 मार्च 2012 से

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- अरविन्द सिसोदिया  हिन्दू भारतीय नववर्ष:२३  मार्च २०१२  से ... Hindu Bharatiya New Year  नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत् २०६९ , युगाब्द ५११५ ,शक संवत् १९९५  तदनुसार  २३  मार्च २०१२   , इस धरा की १९५५८८५११३ वीं वर्षगांठ तथा इसी दिन सृष्टि का शुभारंभ हुआ... १. भगवान राम का राज्याभिषेक,  २. युधिष्ठिर संवत की शुरुवात,  ३. विक्रमादित्य का दिग्विजय,  ४. वासंतिक नवरात्र प्रारंभ,  ५. शिवाजी की राज्य स्थापना,  ६. डॉ. केशव हेडगेवार का जन्मदिन  ईश्वर हम सबको ऐसी इच्छा शक्ति प्रदान करे जिससे हम अखंड माँ भारती को जगदम्बा का स्वरुप प्रदान करे, धरती मां पर छाये वैश्विक ताप रुपी दानव को परास्त करे... और सनातन धर्म का कल्याण हो.. ========= भारतीय नववर्ष का शुभारम्भ :23 मार्च 2012 से - सिमरन  कुमारी  एक जनवरी के नजदीक आते ही जगह-जगह हैप्पी न्यू ईयर के बैनर व होर्डिंग लगने लगते हैं। मैकाले प्रणीत शिक्षा पद्वति के ढ़ांचे में पले- बढ़े ये काले अंग्रेज सदैव पाश्चात्य नव वर्ष का स्वागत क...

भारतीयों का काला धन 500 अरब डॉलर { २५ लाख करोड़ }

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नई दिल्ली।  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) प्रमुख अमर प्रताप सिंह ने सोमवार को बताया कि भारतीयों का नाम स्विस बैंक के सबसे बड़े जमाकर्ताओं में शामिल है, जिन्होंने कर बचाने के मकसद से 500 अरब डॉलर { २५ लाख करोड़  }तक काला धन विदेश में जमा किया है। सिंह ने यह बात इंटरपोल अधिकारियों के छह दिवसीय प्रशिक्षण की शुरूआत के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि भारत मॉरीशस, स्विट्जरलैंड, लिचेंस्टीन और ब्रिटिश वर्जीन आईलैंड जैसे टैक्स हैवेन में अवैध धन के प्रवास की समस्या से प्रभावित है। यथा राजा, तथा प्रजा सीबीआई निदेशक इस दौरान सरकार पर भी निशाना साधने से नहीं चूके। उन्होंने प्रसिद्ध उक्ति यथा राजा तथा प्रजा का जिक्र करते हुए कहा जैसा राजा होगा, प्रजा भी वैसी होगी। अगर व्यवस्था आपारदर्शी, जटिल, केंद्रीकृत और भेदभावकारी हों तो भ्रष्टाचार के फलने फूलने की आशंका बढ़ जाती है। बेहद चालाक हैं चोर सिंह ने कहा कि वैश्विक वित्तीय बाजार धन के तेजी से प्रवाह में मदद करते हैं और ऐसे मामलों में धन का पता लगाने में और दिक्कत करते हैं। अपराधी अपने लाभ के लिए जांच एजेंसियों के क्षेत्रीय मुद्दों का इस्त...

पूर्व चीफ जस्टिस और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के. जी. बालाकृष्णन : 40 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति अर्जित

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सुप्रीम कोर्ट ने, पूर्व न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन पर सरकार से मांगा जवाब 13 Feb 2012, भाषा | http://navbharattimes.indiatimes.com नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जानना चाहा कि क्या उसने देश के पूर्व चीफ जस्टिस और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के. जी. बालाकृष्णन के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोपों की कोई जांच कराई है। चीफ जस्टिस एस. एच. कपाड़िया की बेंच ने सरकार को निर्देश दिया कि वह एक महीने के भीतर बालाकृष्णन पर लगे आरोपों पर की गई कार्रवाई अथवा ऐसा करने की मंशा के बारे में जानकारी दे। बालाकृष्णन पर आरोप है कि उन्होंने 2004 से 2009 के बीच अपने रिश्तेदारों के नाम पर 40 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति अर्जित की। बेंच ने कहा, 'हम जानना चाहते हैं कि पूर्व चीफ जस्टिस के खिलाफ सरकार को दिए गए आवेदन पर क्या कार्रवाई की गई और सरकार की क्या करने की मंशा है।' बेंच को बताया गया कि करीब 10 महीने पहले सरकार से शिकायत की गई थी, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बेंच ने अटर्नी जनरल जी. ई. वाहनवती से इस मुद्दे पर एक महीने में जानकार...

विदेशी बैंकों में जमा काला धन : विदेशी कर्ज का आठ गुना

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विदेशी कर्ज का आठ गुना है काला धन नई दिल्ली, मुख्य संवाददाता, मंगलवार, 14 फरवरी, 2012 | http://www.livehindustan.com भारत में किसी नवजात के पैदा होते ही उस पर अप्रत्यक्ष रूप से करीब तीन हजार रुपये का विदेशी कर्ज भी चढ़ जाता है। कारण है भारत पर तकरीबन 3.4 लाख करोड़ का विदेशी कर्ज। ऐसे में अगर सीबीआई भारतीयों द्वारा विदेशी बैंकों में जमा 500 बिलियन डॉलर (24.5 लाख करोड़ रुपये) का काला धन वापस ले आई, तो यह कर्ज खत्म हो सकता है। यह काला धन विदेशी कर्ज का आठ गुना है। सीबीआई निदेशक एपी सिंह सोमवार को भ्रष्टाचार व संपत्ति बरामदगी को लेकर राजधानी में आयोजित पहले इंटरपोल ग्लोबल कार्यक्रम में थे। उन्होंने कहा, भारतीयों का 24.5 लाख करोड़ रुपये का काला धन विदेशी बैंकों में जमा है। हम इसे लाने का प्रयास कर रहे हैं, हालांकि पिछले 15 सालों में हम मात्र पांच बिलियन डालर ही वापस ला सके हैं।

कांग्रेस : गरीव का घोर अपमान

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- अरविन्द सिसोदिया     हमारे देश में इस तरह के सत्ताधीस हें जो आम आदमी को राज लूटनें में तो लगे हैं मगर जब उसे कुछ देनें की बात आती हें तो ठेंगा दिखा देते हें ... योजना आयोग ने कहा कि इस तरह शहर में 32 रुपये और गांव में हर रोज 26 रुपये खर्च करने वाला शख्स बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सुविधा को पाने का हकदार नहीं है।   इस रिपोर्ट पर खुद प्रधानमंत्री ने हस्ताक्षर किए थे।............यह सच एक गरीव का घोर अपमान हे .......इसके लिए कांग्रेस अपनी जिम्मेवारी और जबावदेही से पल्ला नहीं छुड़ा सकती ........... ---------- "जब देश स्वतंत्र हुआ था तब मात्र 9% लोग ही गरीबी की रेखा के नीचे थे. आज 40 % गरीबी की रेखा के नीचे और 30 % गरीबी की रेखा के ठीक ऊपर हैं, यानी देश के 70 % की आबादी दरिद्रों अतिदरिद्रों की है . देश के कुल 7 % लोगों को ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो पा रहा है. स्वास्थ सेवा पहाड़ सी हैं पर पिद्दी से मच्छर डेंगू से पराजित होती नज़र आती हैं. टाट - पट्टी स्कूल और अभिजात्य पब्लिक स्कूलों के बीच सामान मुफ्त शिक्षा का नारा हतप्रभ खड़ा है. 30 % महिलायें खुले मैं शौच जाने को अभिशिप्त...

सोनिया गांधी : मुसलिम वोटरों को लुभाने का दांव : अब आंसू की राजनीति.....

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अब आंसू की राजनीति..... बाटला हाउस में मारे गये आतंकवादियों से कौनसा रिस्ता था सोनिया गांधीजी का जो उनके आंसू आ गये, इतने सारे आतंकवादी आक्रमणों में मारे गये देशवासियों के मरने पर तो उनके आंसू आये नहीं .....राहुल गांधी इस तरह की घटनाओं को आम बता रहे थे। फिर बाटला हाउस में क्या खास था, इसका उजागर होना जरूरी है। केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को बाटला हाउस में मारे गये आतंकवादियों की सोनिया जी से रिश्तेदारी भी बतानी चाहिये........ ------- खुर्शीद के दांव से असहज हुई कांग्रेस नई दिल्ली/अमर उजाला ब्यूरो।Saturday, February 11, 2012     http://www.amarujala.com यह भले ही मुसलिम वोटरों को लुभाने का दांव हो। मगर बटला हाउस के मसले पर सोनिया गांधी के रोने की केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की बात पर कांग्रेस को बचाव करना मुश्किल हो गया है। खुर्शीद के इस बयान से कांग्रेस के पल्ला झाड़ने के बावजूद मामला शांत नहीं हुआ है। विपक्ष के ताबड़तोड़ हमले के आगे कांग्रेस का बचाव भोथरा साबित हो रहा है। सवालों की बौछार को टालने की पूरी कोशिश उत्तर प्रदेश में शनिवार को होने वाले दू...

अब्दुल कलाम - मेरी शिक्षा मातृभाषा में हुई, इसलिए ऊँचा वैज्ञानिक बन सका

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ए  पी  जे अब्दुल कलाम - अरविन्द सिसोदिया  Feb 08,2012 उच्च तकनीकी क्षेत्र जैसे उपग्रह निर्माण जिसे उच्च तकनीक कहा जाता जो बहुत कठिन एवं क्लिष्ट तकनीक होती है, उसमें आज तक कोई विदेशी कंपनी इस देश में नहीं आई | भारत जिसने १९९५ एक आर्यभट्ट नमक उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़ा एवं उसके उपरांत हमारे अनेकों उपग्रह अंतरिक्ष में गए है | अब तो हम दूसरे देशों के उपग्रह भी अंतरिक्ष में छोड़ने लगे है इतनी तकनीकी का विकास इस देश में हुआ है यह संपूर्ण स्वदेशी पद्दति से हुआ है, स्वदेशी के सिद्धांत पर हुआ है एवं स्वदेशी आंदोलन की भावना के आधार पर हुआ है | इसमें जिन वैज्ञानिकों ने कार्य किया है वह स्वदेशी, जिस तकनीकी का उपयोग किया गया है वह स्वदेशी, जो कच्चा माल उपयोग किया गया है वह स्वदेशी, इसमें जो तकनीक एवं कर्मकार लोगों का सहयोग प्राप्त हुआ वह सब स्वदेशी, इनको अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने हेतु जो कार्य हुआ है वह भी हमारी प्रयोगशालाएं स्वदेशी इनके नियंत्रण का कार्य होता है वह प्रयोगशालाएं भी स्वदेशी तो यह उपग्रह निर्माण एवं प्रक्षेपण का क्षेत्र स्वदेशी के सिद्धांत पर आधारित है |एक और उदाह...