कालाधन : स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ विचार-विमर्श शुरू किया




कालाधन : स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ सूचना के स्वत: 
आदान-प्रदान के लिये विचार-विमर्श शुरू किया
पीटीआई-भाषा संवाददाता
01 Dec 2016

बर्न : नयी दिल्ली, एक दिसंबर :भाषा: स्विट्जरलैंड ने भारत और कुछ अन्य देशों के साथ एक जनवरी 2018 से सूचना के स्वत: आदान प्रदान :एईओआई: व्यवस्था को अमल में लाने के लिये सांविधिक विचार-विमर्श प्रक्रिया शुरू की है।

स्विस फेडरल डिपार्टमेंट आफ फाइनेंस : एफडीएफ :  ने एक बयान में कहा कि प्रक्रिया 15 मार्च 2017 तक जारी रहेगी।

बयान के मुताबिक, ‘‘इन देशों के साथ एईओआई एक जनवरी 2018 से अमल में आना चाहिए ताकि 2019 में आंकड़ा का अदान-प्रदान शुरू हो सकता है।’’ इससे पहले, भारत और स्विट्जरलैंड ने एईओआई के क्रियान्वयन के लिये 22 नवंबर को संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किये। इसके तहत दोनों देश 2018 में वैश्विक मानकों के अनुरूप आंकड़ा का संग्रह शुरू करेंगे और इसका आदान-प्रदान 2019 से करेंगे।

स्विट्जरलैंड ने आज एडोरा, अर्जेन्टीना, बारबाडोस, बरमुडा, ब्राजील, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड, केमैन आईलैंड, चिली, फरोए आईलैंड, ग्रीनलैंड, इस्राइल, मारीशस, मेक्सिको, मोनको, न्यूजीलैंड, सैन मैरिनो, सेशल्स, दक्षिण अफ्रीका, उरूग्वे और अन्य देशों के साथ विचार-विमर्श शुरू किया।

-----------------

कालेधन के मुद्दे पर स्विटजरलैंड का भारत के साथ गहरे सहयोग का वादा

By Prabhat Khabar | Updated Date: Jun 6 2016


जिनीवा : स्विटजरलैंड ने कालेधन के मुद्दे पर भारत को आगे बढ़कर सहयोग देने का आश्वासन दिया है. इस बारे में विस्तृत बातचीत के लिये उसने अपने एक शीर्ष अधिकारी को भारत भेजने पर सहमति जताई है. स्विटजरलैंड के बैंकों में रखे भारतीयों के कालेधन का पता लगाने के लिये भारत लगातार प्रयास करता रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्विस राष्ट्रपति जोहान श्नाइडर-अम्मान के साथ अपनी बातचीत में भारतीयों द्वारा कर चोरी और कालेधन के मुद्दे को उठाया जिसके बाद स्विस राष्ट्रपति ने भारत के साथ इस मामले में सहयोग का स्तर बढ़ाने की पेशकश की. श्नाइडर-अम्मान ने कहा कि उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों पर बातचीत को लेकर अपने एक वरिष्ठ अधिकारी को भारत भेजेगी जो कि इस मामले में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं का पता लगायेगा.

भारत और स्विटजरलैंड के बीच यह अहम पहल होगी क्योंकि विदेशों से कालेधन को वापस लाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख चुनावी वादों में रहा है. वर्ष 2014 में हुये लोकसभा चुनावों के दौरान विदेशों से कालेधन को वापस लाना का भाजपा ने बढ़ चढ़कर वादा किया था. मोदी ने श्नाइडर-अम्मान के साथ एक संयुक्त मीडिया सम्मेलन में कहा, ‘‘कालेधन और कर चोरी की समस्या का मुकाबला करना हमारी साझा प्राथमिकता है.

हमने कर चोरी के दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिये त्वरित सूचना आदान प्रदान की जरुरत पर भी विचार विमर्श किया.'' उन्होंने कहा, ‘‘सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के समझौते पर बातचीत जल्द शुरू करने का मामला इस संबंध में काफी महत्वपूर्ण होगा.'' मोदी आज सुबह ही यहां की संक्षिप्त यात्रा पर पहुंचे.

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सफलता के लिए प्रयासों की निरंतरता आवश्यक - अरविन्द सिसोदिया

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

जागो तो एक बार, हिंदु जागो तो !

11 days are simply missing from the month:Interesting History of September 1752