ओम शांति!! शांति!! शांति !!






ओम शांति!! शांति!! शांति !!

कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे हम रोये !
ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे जग रोये !!
एक व्यक्ति सारी उम्र माया मोह तेरा मेरा में गुजार देता हे!! जाता क्या है साथ ???




दुनिया से जानेवाले, जाने चले जाते हैं कहाँ,
कैसे ढूंढे कोई उनको, नहीं कदमों के भी निशां

जाने है वो  कौन नगरिया,
आये जाये खत ना खबरिया,
आये जब जब उनकी यादें,
आये होठों पे फ़रियादें,
जाके फिर ना आने वाले
जाने चले जाते हैं कहाँ ...

दुनिया से जानेवाले, जाने चले जाते हैं कहाँ,
कैसे ढूंढे कोई उनको, नहीं कदमों के भी निशां
जाने चले जाते हैं कहाँ ...


सब ठाठ पड़ा रह जावेगा  ,
जब लाद चलेगा बंजारा ,
धन तेरे काम न आवेगा ,
जब लाद  चलेगा बंजारा।

जो पाया है वो बाँट के खा ,
कंगाल न कर कंगाल न हो ,
जो सब का हाल किया तूने ,
एक रोज़ वो तेरा हाल न हो ,
इक हाथ कटे  इक हाथ चले ,
हो जावे सुखी ये जग सारा।

सब ठाठ पडा रह  जावेगा ,
जब लाद चलेगा बंजारा।




 आये है तो जायेंगे, राजा रंक फकीर | 
एक सिंहासन चड़ी चले, एक बांधे जंजीर ||


टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

भारत अखंड और हिंदू राष्ट्र है - परमपूज्य डॉ. मोहन भागवत जी

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रेरणात्मक विचार

चित्तौड़ का पहला जौहर, महारानी पद्मिनी : 26 अगस्त,1303

कविता, शीर्षक - डटे हुये हैँ मोदीजी

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे