बसपा के खाते में 104 करोड़ रुपये नकद जमा हुए



मायावती की सफाई, बसपा ने नियमों के मुताबिक बैंक में जमा कराया पैसा
By Ashish Mishra Publish Date:Tue, 27 Dec 2016
लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी के एक खाते में नोटबंदी के बाद 104.36 करोड़ रुपये नकद जमा किये जाने की बात सामने आने के बाद मायावती ने सफाई देते हुये कहा है कि बसपा ने नियमों के आधार पर ही बैंक में पैसा जमा कराया है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि हमारे पास एक-एक पैसे का हिसाब है कि रूपया कहां से आया है।

मैने चंदा के पैसे को जमा कराया
मायावती ने कहा कि बीजेपी के इशारे पर बीएसपी की छवि खराब की जा रही,अन्य पार्टियों ने भी इसी दौरान चंदे का पैसा जमा कराया। ईमानदारी के साथ मैने चंदा के पैसे को जमा कराया,रुटीन प्रकिया के तहत चंदा की राशि बैंक में जमा कराई। कार्यकर्ता छोटे नोट लेकर नहीं आते हैं,बड़े नोट लेकर आने में आसानी होती है,चंदा से एकत्रित पैसे को हमने जमा कराया। 21 अगस्त से लेकर नवंबर तक मैं यूपी में रही हूँ,नोटबंदी जब हुई तो मैं लखनऊ में थी। रुटीन प्रक्रिया के तहत BSP ने धनराशि जमा कराई,कार्यकर्ता पूरे देश से बड़े नोट लेकर आते हैं,पार्टी के लिए चंदा एकत्रित करते हैं। नेताओं ने कुछ चैनलों को मैनेज किया,कुछ अख़बारों को भी बीजेपी ने मैनेज किया।
मायावती ने आरोप लगाया, भाजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बसपा की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। मायावती ने कहा, हमारे पास बैंक में जमा एक-एक रूपये का हिसाब है लेकिन भाजपा ने जो रूपये जमा किए हैं उसका क्या। सभी जमा नियमों के तहत है, धन नोटबंदी से पहले जमा किया गया था।

बीजेपी दलित विरोधी मानसिकता वाली पार्टी
BSP के प्रभावशाली लोगों को शिथिल करने की साजिश,बीएसपी के अन्य नेताओं को भी परेशान किया जा सकता है। मेरे भाई ने नियमों के तहत अपनी धनराशि जमा कराई,BJP,कुछ चैनल और अख़बार गलत प्रदर्शित कर रहे हैं। BJP की राजनीतिक द्वेष की भावना प्रदर्शित हो रही,मेरे भाई आनंद पिछले कई वर्षों से अपना कारोबार कर रहे। BJP खुद अपनी पार्टी के चंदे का हिसाब सार्वजनिक करे,बड़े-बड़े कार्यों में इस्तेमाल धनराशि को उजागर करे BJP, नोटबंदी का फैसला बिना तैयारी लिया गया, नोटबंदी से देश की 90% जनता परेशान,धन्ना सेठ,पूंजीपतियों को कोई परेशानी नहीं बीजेपी दलित विरोधी मानसिकता वाली पार्टी है,BJP नहीं चाहती दलित की बेटी के हाथ मास्टर चाबी आये। बीजेपी समेत अन्य पार्टियों के पैसे की चर्चा नहीं हो रही,दलित विरोधी मानसिकता के तहत साजिश हो रही।


बीजेपी के लोग मीडिया में गलत ख़बरें प्रदर्शित करा रहे
यूपी में बीएसपी की सरकार बनने जा रही है,बीजेपी एंड कंपनी के लोग साजिश रच रहे हैं,BJP ने आय से अधिक संपत्ति का जबरन मुद्दा बनाया। ताज प्रकरण का BSP से दूर-दूर तक वास्ता नही रहा, किसी फाइल पर मेरे हस्ताक्षर नही हुए है, BJP की जातिवादी मानसिकता साफ झलक रही है। अमित शाह चिल्ला-चिल्लाकर ताज पर प्रकरण पर बोलते हैं,सतीश मिश्रा जी ने ताज प्रकरण पर कई बार मीडिया को बताया। BSP को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने की साजिश हो रही,बीजेपी के लोग मीडिया में गलत ख़बरें प्रदर्शित करा रहे। जनता 2007 की तरह फिर बीएसपी को पूर्ण बहुमत देगी,बीजेपी के गलत प्रचार से BSP को फायदा ही होगा। पूर्ण बहुमत की BSP सरकार बनेगी,बीजेपी के लोग घर बैठे हमारी सरकार बनाने वाले हैं,मेरे खिलाफ गलत प्रचार कर रही बीजेपी। 2007 में जनता ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी,BJP के विरोध के बाद भी पूर्ण बहुमत मिला था,जनता पर पूरा भरोसा।

बीजेपी के लोग मंदिरों में जाकर मंतर मारते हैं, नोटबंदी से लोग परेशान,क्या ये पुण्य का काम है नोटबंदी पर कोई भी पार्टी मुंह खोलने को तैयार नहीं थी,सबसे पहले बीएसपी ने नोटबंदी पर विरोध दर्ज कराया। नियमो को पालन करती हूँ,पार्टी चला रही हूँ,मै खुद वकील हूं,नियम-कानून मालूम है,BJP सरकार मे ताजप्रकरण मामला दर्ज हुआ। नोटबंदी से मरने वाले लोगों के परिवारों की मदद करे केंद्र सरकार,BSP के नेताओं को परेशान किया जा रहा है।

बसपा के खाते में जमा हुये 104 करोड़
बताते चलें कि दिल्ली के करोलबाग स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया में बसपा के इस खाते में 10 नवंबर से नौ दिसंबर के बीच में 104 करोड़ की रकम जमा कराई गई थी। गौरतलब है कि बसपा प्रमुख मायावती नोटबंदी का जबरदस्त विरोध कर रही हैं और इसे आर्थिक आपातकाल बता चुकी हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बसपा के खाते में जमा इस रकम के बारे में प्रवर्तन निदेशालय के आडिट के दौरान पता चला। नोटबंदी के बाद ईडी पूरे देश में 50 बैंक शाखाओं का आडिट करा रहा है, जिनमें सबसे अधिक पुराने नोट जमा किए गए थे। इनमें यूनियन बैंक आफ इंडिया की करोलबाग ब्रांच भी शामिल थी। सूत्रों के अनुसार बसपा के इस खाते में इस साल जनवरी से जुलाई के बीच कोई रकम नहीं जमा कराई गई थी। जबकि अगस्त में 21 करोड़ रुपये और सितंबर में केवल 12 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे।
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नोटबंदी के बाद बसपा के एक खाते में जमा हुए 104 करोड़ रुपये नकद
By Kamal Verma Publish Date:Mon, 26 Dec 2016

बहुजन समाज पार्टी के एक खाते में 10 नवंबर से नौ दिसंबर के बीच में 104.36 करोड़ रुपये नकद जमा हुए हैं। इसके साथ ही अब राजनीतिक भी आयकर विभाग के रडार पर आ गए हैं।
नई दिल्ली (नीलू रंजन)। कालेधन को सफेद करने वाले बैंक अधिकारियों, बिचौलियों और हवाला कारोबारियों के खिलाफ देशव्यापी अभियान के बीच राजनीतिक दलों की भी पोल खुलनी शुरू हो गई है। ऐसे पहले खुलासे में बहुजन समाज पार्टी के एक खाते में नोटबंदी के बाद 104.36 करोड़ रुपये नकद जमा किये जाने की बात सामने आई है।
दिल्ली के करोलबाग स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया में बसपा के इस खाते में 10 नवंबर से नौ दिसंबर के बीच में यह रकम जमा कराई गई थी। गौरतलब है कि बसपा प्रमुख मायावती नोटबंदी का जबरदस्त विरोध कर रही हैं और इसे आर्थिक आपातकाल बता चुकी हैं।
बसपा के बैंक खातों को लेकर वित्त राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा, "जिसने भी व्यवस्थाओं का दुरूपयोग किया है, चाहे कोई पार्टी हो या कितना बड़ा आदमी हो, उसको निश्चित रूप से सजा मिलेगी। 30 दिसंबर के बाद भी पैसै जमा हो सकते हैं आरबीआई में और आरबीआई में कैसे होंगे उसके लिए ऑर्डिनेंस तो आएगा ही।"
UP चुनाव से पहले मायावती को झटका, भाई के खाते में जमा हुए 1.50 करोड़
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बसपा के खाते में जमा इस रकम के बारे में प्रवर्तन निदेशालय के आडिट के दौरान पता चला। नोटबंदी के बाद ईडी पूरे देश में 50 बैंक शाखाओं का आडिट करा रहा है, जिनमें सबसे अधिक पुराने नोट जमा किए गए थे। इनमें यूनियन बैंक आफ इंडिया की करोलबाग ब्रांच भी शामिल थी। सूत्रों के अनुसार बसपा के इस खाते में इस साल जनवरी से जुलाई के बीच कोई रकम नहीं जमा कराई गई थी। जबकि अगस्त में 21 करोड़ रुपये और सितंबर में केवल 12 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे।
अक्टूबर में भी इस खाते में कुछ नहीं जमा किया गया था। नोटबंदी के बाद अचानक 104.36 करोड़ रुपये नकदी जमा होने से जांच एजेंसियों के कान खडे़ हो गए हैं। बसपा के खाते में इस रकम के बारे में ईडी ने तत्काल आयकर विभाग से संपर्क किया। इसके बाद आयकर विभाग ने एक महीने के भीतर इतनी बड़ी रकम जमा किये जाने की जांच शुरू कर दी है।
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नियम के मुताबिक राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपये से अधिक का चंदा मिलने पर इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक बैंक खाते में इतनी बड़ी मात्रा में नकदी जमा कराए जाने के खुलासे के बाद बसपा के दूसरे बैंक खाते भी जांच के दायरे में आ गए हैं। आयकर विभाग को इन सभी खातों की पड़ताल करने को कह दिया गया है।
बसपा के खाते का खुलासा होने के बाद अन्य राजनीतिक दल भी आयकर विभाग के निशाने पर आ गए हैं। माना जा रहा है कि इससे राजनीतिक दलों की फंडिंग को पारदर्शी बनाने की जोर पकड़ती मांग को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद राजनीतिक दलों की फंडिंग को पारदर्शी बनाने के मुद्दे पर व्यापक बहस का समर्थन कर रहे हैं।
यूनियन बैंक आफ इंडिया की इसी शाखा में बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार का भी खाता है। आनंद कुमार के खाते में भी नोटबंदी के बाद 1.43 करोड़ रुपये जमा कराये गए थे। जिनमें 18.98 लाख रुपये नकद जमा कराये गए थे। शेष रकम आरटीजीएस के माध्यम से दूसरी कंपनियों से इस खाते में आए थे। अब आयकर विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आनंद कुमार के खाते में आरटीजीएस करने वाली कंपनियों के पास धन कहां से आया था और किस काम के लिए दिया गया था।
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आशंका है कि इन कंपनियों के मार्फत कहीं पुराने नोट के रूप में जमा कालेधन को सफेद तो नहीं बनाया गया था। आनंद कुमार की कई कंपनियां पहले से ही एजेंसियों के रडार पर हैं। इन कंपनियों में हजारों करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। सूत्र बताते हैं कि इस लेन-देन की तह तक जाने के लिए नोएडा के कई बिल्डरों को नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके पहले आनंद कुमार 400 करोड़ रुपये की एफडी को लेकर आयकर विभाग की जांच के घेरे में थे।


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