राजस्थान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मार्च 2017 तक नगदी रहित बना दिया जायेगा
राजस्थान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मार्च 2017 तक नगदी रहित बना दिया जायेगा
जयपुर, 19 जनवरी । खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बाबूलाल वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एण्ड टू एण्ड कम्प्यूटराइजेशन एवं नगदी रहित बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है और मार्च 2017 तक सम्पूर्ण राज्य की खाद्य वितरण प्रणाली को पूर्ण रूपेण नगदी रहित बना दिया जायेगा। श्री वर्मा गुरूवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय उपभोक्ता मामलेे खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्रियों केे राष्ट्रीय सम्मेलन में राजस्थान का पक्ष रख रहे थे।
इस अवसर पर राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुबोध अग्रवाल भी मौजूद थे।
श्री वर्मा ने कहा कि ‘नगदी रहित भुगतान’ की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को देखते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किए जा रहे सुधारों को भुगतान की डिजिटल पद्धतियों से यथाशीघ्र जोड़ने की आवश्यकता पर राजस्थान लगातार कार्य कर रहा है तथा राजस्थान एकमात्र ऎसा राज्य है जहां पर पोस मशीनों के माध्यम से गेहूं के साथ-साथ चीनी एवं केरोसीन भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाये जाते है।
उन्होनें कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण एवं पारदर्शिता लाने हेतु सम्पूर्ण सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कम्प्यूटीकरण किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत ना सिर्फ आवश्यक वस्तुओं का आवंटन, उठाव आपूर्ति एवं वितरण व्यवस्था ऑनलाईन की जा रही है बल्कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का राज्य मुख्यालय व समस्त जिला कार्यालय भी कम्प्यूटरीकृत किये जा रहे हैं। इस योजना के तहत समस्त आपूर्ति श्रृंखला भारतीय खाद्य निगम गोदाम, थोक विक्रेता तथा उचित मूल्य दुकानों से उपभोक्ता को वितरण तक कम्प्यूटीकरण कार्य प्रगति पर है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि योजना के तहत अब तक राज्य की 24 हजार 694 उचित मूल्य दुकानों पर पोस मशीन (विक्रय समाधान यंत्र) स्थापित की जा चुकी है एवं उपभोक्ताओं को उक्त कम्प्यूटरीकृत योजना के तहत बायोमेट्रिक सत्यापन द्वारा राशन सामग्री वितरित कराये जाने से लाभार्थी के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति को राशन सामग्री का वितरण नहीं होगा तथा इससे पारदर्शिता के साथ-साथ कालाबाजारी पर रोक लगाया जाना संभव हो सकेगा। साथ ही फर्जी तथा दोहरे राशन काडर््स की समस्या से भी निजात मिल सकेगी।
श्री वर्मा ने बताया कि राजस्थान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कैशलेस व्यवस्था दो चरणों में पूर्ण की जायेगी। प्रथम चरण में उचित मूल्य दुकानदार से थोक विक्रेता को होने वाला भुगतान तथा थोक विक्रेता से भारतीय खाद्य निगम को होने वाला भुगतान 31 जनवरी, 2017 तक शत-प्रतिशत कैशलेस किया जायेगा।
द्वितीय चरण में लाभार्थियों द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्राप्त खाद्य सामग्री के लिए उचित मूल्य दुकानदार को होने वाले भुगतान हेतु 31 मार्च, 2017 तक लाभार्थियों को कैशलेस भुगतान हेतु विकल्प प्रदान किये जायेगें। द्वितीय चरण के लिए ‘‘आधार इनेवल पेमेंट सिस्टम’’ विकल्प को समस्त उचित मूल्य दुकानों पर अपनाया जाना है। इस हेतु आर.आई.एस.एल. द्वारा शीघ्र ही एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन तैयार कर उपलब्ध करायी जा रही है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा उचित मूल्य दुकानदारों का प्रशिक्षण एवं योजना के प्रचार-प्रसार संबंधी उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में पोस मशीनों वितरण के समय ही केम्प आयोजित कर उचित मूल्य दुकानदारों को प्रशिक्षण दिया गया है एवं उचित मूल्य दुकानदारों की सुविधा एवं योजना संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने हेतु एक हैल्पलाईन प्रारम्भ की गई हैं जिसका न. 1800-180-6127 है। इसी तरह दैनिक समाचार पत्रों तथा टेलीविजन के माध्यम से भी विज्ञापन दिये जा रहे है तथा पोस मशीन के संचालन में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों के समाधान संबंधी जानकारी भी दी जा रही है। उचित मूल्य की दुकानों के डिजिटलाइजेशन में केन्द्रीय सहयोग बढ़ाया जावे श्री वर्मा ने केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री रामविलास पासवान से आग्रह किया कि राज्य में 135 उचित मूल्यों की दुकानों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करवाने हेतु संबंधित विभाग में सक्षम स्तर से कार्यवाही करवाना उचित होगा। ताकि प्रदेश की समस्त उचित मूल्यों की दुकानों का पूर्ण ऑटोमेशन संभव हो सके। श्री वर्मा ने केंद्रीय मंत्री को सुझाव देते हुए कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को नकदी रहित पद्धतियों से जोड़ने के लिए इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि लाभार्थियों को वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न प्राप्त करते समय उन्हें किसी अतिरिक्त शुल्क का भुगतान न करना पड़े।
उन्होनें कहा कि मार्च, 2017 के बाद बैंकिग भुगतान अंतरणों पर आने वाले बैकिंग शुल्कों का भार राज्य सरकारों अथवा उपभोक्ताओं पर नही डाला जाना चाहिए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के सुझाव का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री रामविलास पासवान एवं राज्यमंत्री श्री सी.आर. चौधरी ने आश्वासन दिया कि इन बैकिंग अंतरण शुल्कों के मामले पर जल्द ही निर्णय लिया जायेगा तथा राज्य सरकारों एवं उपभोक्ताओं पर बैकिंग अंतरण शुल्कों का भार नहीं डाला जाऎगा।
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