सांस्कृतिक विरासत के मेलों और उत्सवों को मिलेगी वैश्विक पहचान : मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी








मेलों और उत्सवों को मिलेगी वैश्विक पहचान
28 जनवरी, 2017
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी ने कहा कि अपनी अनूठी सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर राजस्थान के मेलों और उत्सवों को देश-दुनिया में पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार पूरा प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि ये मेले विश्व स्तर पर हमारी संस्कृति का शो-केस हैं और विदेशी पर्यटक बडे़ उत्साह से इन उत्सवों को देखने आते हैं। हम सभी का पूरा प्रयास होना चाहिए कि ऐसे आयोजनों की गौरवशाली विरासत को सहेज कर उसे और अधिक समृद्ध बनाया जाए।

श्रीमती राजे शनिवार को कोटा जिले के खैराबाद धाम में श्री फलौदी माता के दर्शन के बाद 19वें द्वादशवर्षीय मेले के उद्घाटन समारोह में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रही थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्योतिर्मय अवंतर पीठ के श्री ज्ञानानंद जी तीर्थ युवाचार्य ने की।

शीतलहर एवं ओलावृष्टि से नुकसान की गिरदावरी के निर्देश
श्रीमती राजे ने कहा कि बीते दिनों कोटा संभाग सहित प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीतलहर और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा शीघ्र ही दिया जायेगा। इसके लिए उन्होंने फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए आपदा प्रबन्धन एवं राहत विभाग तथा राजस्व विभाग को जल्द से जल्द गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करवाने के निर्देश दिए हैं।

तकली बांध का काम जल्द शुरू होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में तकली बांध की परियोजना शुरू की गई थी, जो किन्हीं कारणों से अटक गई और काम पूरा नहीं हो सका। उन्होंने घोषणा की कि अगले दो-तीन माह में सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श कर इस बांध का काम फिर शुरू किया जाएगा। इससे इस क्षेत्र के लोगों को पेयजल और खेती के लिए पानी उपलब्ध होने से राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकता में एकता लिए हुए हमारा प्रदेश एक गुलदस्ते की तरह है। इसी तरह यह मेला भी राजस्थान की सभी 36 कौमों की आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी मेलों और उत्सवों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए पोर्टल शुरू किया है। श्री फलौदी माता मेले को भी इस पोर्टल में शामिल किया जाएगा।

मेले के लिए विभिन्न समुदायों ने की मदद की पहल
मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई की साम्प्रदायिक सौहार्द की अभूतपूर्व मिसाल बने इस मेले के आयोजन के लिए खैराबाद के मुस्लिम समाज ने अपनी खेती की भूमि उपलब्ध कराई है। इसी प्रकार गुर्जर समाज ने अपने कुआें से पानी उपलब्ध कराया है। श्रीमती राजे ने सभी समाजों की भागीदारी को साधुवाद दिया।

मेले को आकर्षक और भव्य बनाने में करेंगे सहयोग
श्रीमती राजे ने कहा कि खैराबाद (कोटा) के श्री फलौदी माता मेले को अधिक आकर्षक और भव्य बनाने की दिशा में राज्य सरकार हर संभव सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि मेड़तवाल वैश्य समाज की कुलदेवी श्री फलौदी माता की यह पवित्र सिद्धपीठ साम्प्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल है तथा हर 12 साल बाद आयोजित होने वाले इस सामाजिक मेले का कुम्भ के मेले की तरह ही ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व है।

इस अवसर पर रमणरेती, मथुरा के महामंडलेश्वर स्वामी गुरुशरणानंद जी महाराज और केवल्य योग आश्रम, दौलाज के संत स्वामी रघुनाथानंदाचार्य, नगरीय विकास मंत्री श्री श्रीचंद कृपलानी, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्री श्रीकृष्ण पाटीदार, सांसद श्री ओम बिड़ला, विधायक श्री प्रहलाद गुंजल, श्री विद्याशंकर नंदवाना, श्री संदीप शर्मा, श्रीमती चंद्रकांता मेघवाल, श्री रामचंद्र सुनारीवाल एवं श्री हीरा लाल, कोटा नगर निगम के महापौर श्री महेश विजय, मध्यप्रदेश के विधायक श्री सुदर्शन गुप्ता और श्री गिरीश भंडारी, अन्य जनप्रतिनिधि, लघु उद्योग भारती के संगठन मंत्री श्री प्रकाशचन्द, अखिल भारतीय मेड़तवाल समाज के अध्यक्ष श्री माणकचंद आतोलिया एवं महामंत्री श्री गोपाल गुप्ता, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों सहित गणमान्यजन और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

इससे पहले श्रीमती राजे ने खैराबाद धाम पहुंचकर श्री फलौदी माता के मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की और प्रदेश में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की।

जयपुर/कोटा, 28 जनवरी 2017


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