परिणामदायी मुख्यमंत्री माननीय श्रीमती वसुंधरा राजेजी : अरविन्द सिसोेदिया

परिणामदायी मुख्यमंत्री माननीय श्रीमती वसुंधरा राजे जी : अरविन्द सिसोेदिया

जो लोग बिना जानें समझे सरकार की आलोचना करते हें, यह उन्हे यह जबाव है कि श्रीमती वसुंधरा राजे जी के नेतृत्व में भाजपा की राजस्थान सरकार ने अपनी लगभग 80 प्रतिशत चुनावी घोषणाओं को पूरा कर लिया है। इससे पहले कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार थी, जो साड़े तीन साल तक पैसा नहीं है का रोना रोती रही और जब उन्हे सर्वे में पता चल गया कि जनता उनसे खिलाफ हो गई है और कांग्रेस सरकार जा रही है, तो सरकार बचानें के लिये न केबल सरकारी खजानें को लुटाया गया  बल्कि बिना इंतजाम के तमाम वोट ठगनी रेबडियां बांटीं गई,प्रदेश को भारी भरकम कर्जों में लाद दिया ताकि आनें वाली सरकार परेशान हो। जनता कांग्रेस की करतूतों को बारीक से देख रही थी और उसने कांग्रेस को इतिहास के सबसे बुरे परिणाम की स्थिती में लाकर दण्डित किया, वहीं भाजपा को 163 सीटों पर जिता कर नया ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया। भाजपा की मुख्यमंत्री माननीया श्रीमती वसुंधरा राजे जी ने अपने कुशल वित्तीय प्रबंधन से सबसे पहले राजस्थान को बीमारू ओर गतिहीन प्रदेश की स्थिती से बाहर लाईं और टाइम बाउन्डेड विकास कार्यों की नव विकसित प्रणाली स्थापित कर तेज गति से राजस्थान के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना प्रारम्भ कर मात्र 3 साल में ही 80 फीसदी कार्य सम्पन्न करवा लिये। जिनका लाभ आम जन को मिलने लगा है।
  भारतीय जनता पार्टी, सरकार को कुशल नेतृत्व एवं परिणामदायी विकास के लिये मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी को धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित करती है।

                                                                                                            भवदीय
                                                                                 अरविन्द सिसोदिया,
                                                                                                भाजपा जिला महामंत्री
                                                                                                  कोटा शहर जिला 
                                                                                                     9414180151
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सड़क निर्माण में 5 साल का लक्ष्य 3 साल में ही पूरा प्रदेश को मिलेंगी 32 हजार किलोमीटर सड़कें


हमने सुराज संकल्प पत्र में 20,000 kms सड़कों के निर्माण का वादा किया था
—हम 3 साल में ही 22,000 kms लम्बी सड़कों का निर्माण कर चुके हैं।

120 करोड़ की लागत वाले गेंता-माखीदा पुल का शिलान्यास

१५ जनवरी २०१७ को 
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने के मामले में 5 साल के लक्ष्य को 3 साल में ही हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि हमने सुराज संकल्प पत्र में प्रदेश में 20 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण का वादा किया था, जबकि हम 3 साल में ही 22 हजार किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण कर इस लक्ष्य को पीछे छोड़ चुके हैं। आगामी 2 वर्ष में अतिरिक्त 10 हजार किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

श्रीमती राजे रविवार १५ जनवरी २०१७ को कोटा जिले की इटावा पंचायत समिति के कृषि उपजमंडी प्रांगण में 120 करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से बनने जा रहे गेंता-माखीदा पुल के शिलान्यास समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कोटा जिले के लिए 158 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। बूंदी जिले के पापड़ी (लाखेरी) में गेंता-माखीदा पुल के दूसरे छोर पर आयोजित शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री ने इस जिले को पुल के अतिरिक्त 262 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने घोषणाओं में ही पूरा समय निकाल दिया और जमीनी स्तर पर कुछ नहीं किया। जबकि हमने अपने पहले कार्यकाल में भी अपने वादे पूरे किए और इस बार भी अपने वादे निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जनता को स्थाई राहत दिलाने के लिए समस्याओं को जड़ से खत्म करने पर फोकस कर रहे हैं।

श्रीमती राजे ने कहा कि आज जिस गेंता-माखीदा पुल का काम शुरू किया गया है, उसके निर्माण की मांग 60 वर्षों से की जा रही थी, लेकिन उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। हमारी सरकार ने यहां की जनता को राहत दिलाने के लिए इस पुल को लेकर जोरदार पैरवी की। इस पुल के लिए सुप्रीम कोर्ट तथा केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से निर्माण की स्वीकृति लेकर आए। साथ ही, इसके निर्माण के लिए हमने कैम्पा फण्ड के लिए 20 करोड़ रुपये वन विभाग में भी जमा करवा दिए। अब इसका काम विधिवत रूप से शुरू हो गया है, जो मई 2018 तक पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि गेंता-माखीदा पुल के निर्माण से यहां के निवासियों को आने-जाने में करीब 150 किलोमीटर की दूरी कम तय करनी पड़ेगी, जिससे उनके समय, श्रम एवं धन की बचत होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर की तर्ज पर कोटा सहित अन्य संभागों में भी ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट’ का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘न्याय आपके द्वार’ और ‘दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण पंचायत शिविर’ आगे भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल में कोटा जिले में 8900 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए गए हैं।

श्रीमती राजे ने कहा कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार ने राज्य में करीब 40 हजार से ज्यादा ई-मित्र केन्द्र स्थापित किए हैं, जिससे विभिन्न विभागों की सेवाओं को डिजीटलाईज किया गया है। उन्होंने बताया कि ई-मित्र पर किए जाने वाले प्रत्येक कार्य की दर बोर्ड पर अंकित की गई है, ताकि आमजन से किसी प्रकार से अवैध वसूली न हो। उन्होंने बताया कि राज्य में संचालित सभी राशन की दुकानों में पीओएस मशीनें लगाई जा चुकी हैं, जिससे गरीब को मिलने वाले खाद्यान्न का हक अब कोई नहीं मार सकेगा। साथ ही, शहरी क्षेत्र में गरीब-मजदूरों को सस्ती दरों पर नाश्ता एवं भोजन उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की अनूठी महिला वित्तीय सशक्तीकरण योजना के तहत भामाशाह खातों में अब तक 5.5 हजार करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। इस योजना के साथ ही स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी दिया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 300 करोड़ रुपए से अधिक के बीमा भुगतान किए जा चुके हैं।

श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से बूंदी जिले के आबादी क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा अभ्यारण्य क्षेत्र से बाहर आ गया है। इसके बाद लोग अपनी जमीन के खुद मालिक हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि चम्बल का पानी कोटा से बूंदी तक लाने की लम्बे समय से चली आ रही मांग भी पूरी हो गई है। उन्होंने बूंदी जिले के चतरगंज (हिण्डौली) में 10 करोड़ रुपये की लागत से सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र बनाने की घोषणा भी की। इस केन्द्र पर किसानों को नई तकनीक से खेती करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान सरकार का राज्य को अकाल से सुकाल की ओर ले जाने का उठाया गया एक बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि अभियान के प्रथम चरण में 3500 गांवों में वर्षा जल का संग्रहण करने के लिए जल संरचनाएं बनाई गई हैं। इस अभियान से सम्पूर्ण राज्य में लोगों को न सिर्फ पेयजल, सिंचाई के लिए वर्षा का शुद्ध पानी मिला है बल्कि इससे गिरते भू-जल स्तर में भी 2 से 3 फीट का सुधार हुआ है।

श्रीमती राजे ने कोटा में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की सफलता से संबंधित पुस्तिका ‘जल संरक्षण की नई इबारत’ का विमोचन किया। उन्होंने बूंदी में प्रतिभाशाली छात्राओं को स्कूटी की चाबियां सौंपी तथा उपस्थित जन समूह के बीच जाकर लोगों से मुलाकात की।

इस मौके पर सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान, राज्य बीज निगम के अध्यक्ष श्री शम्भू सिंह खेतासर, सांसद श्री ओम बिड़ला ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान सांसद श्री रामचरण बोहरा, विधायक श्री विद्याशंकर नन्दवाना, श्रीमती चन्द्रकान्ता मेघवाल, संभागीय आयुक्त श्री रघुवीर सिंह मीणा, आईजी श्री विशाल बंसल सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे। बूंदी के कार्यक्रम में पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री यूनुस खान, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बाबू लाल वर्मा, सांसद श्री ओम बिड़ला एवं श्री नारायण पंचारिया, राज्य सफाईकर्मी आयोग के अध्यक्ष श्री गोपाल लाल पचेरवाल, विधायक श्री अशोक डोगरा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं आमजन उपस्थित थे।

स्थानीय लोगों के लिए साबित होगा राहतों का सेतु
गेंता-माखीदा पुल 1562.40 मीटर लम्बाई, 11.23 मीटर चौड़ाई और 40.80 मीटर ऊंचाई में बनेगा। इस पुल के निर्माण से सवाईमाधोपुर एवं लाखेरी की तरफ से इटावा, बारां, झालावाड़ तथा मध्यप्रदेश के शिवपुरी की तरफ जाने के लिए लगभग 70 किमी की दूरी कम हो जाएगी। राज्य की मध्यप्रदेश से कनेक्टिविटी बढे़गी। कोटा जिले के गेंता (इटावा) निवासियों के लिये 55 किमी और बारां से वाया कोटा लाखेरी आने वाले यात्रियों के लिए 62 किमी का सफर कम हो जायेगा। बून्दी के निवासियों को मध्यप्रदेश के लिये इटावा, खातौली, श्योपुर होते हुये कम दूरी तय करनी पड़ेगी।

कोटा में 158.22 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण

लोकार्पण/उद्घाटन लागत   कुल 158.22 करोड़
1. सुल्तानपुर (गौण मण्डी) कृषि उपज मण्डी समिति यार्ड में टीनशेड, सीसी निलामी चबूतरा व प्रशासनिक भवन 2.38 करोड़
2. इटावा में कृषि उपज मण्डी समिति में सीमेंट कांकरिट पेवमेंट नीलामी चबूतरा 4.20 करोड़


शिलान्यास
1. आईटीआई बिल्डिंग, इटावा 9.98 करोड़
2. माखिदा (बून्दी) से गेंता (कोटा) तक चम्बल नदी पर ब्रिज निर्माण 120.60 करोड़
3. इटावा कस्बे में गौरव पथ का शिलान्यास 2.50 करोड़
4. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लुहावद जिला कोटा 1.85 करोड़
5. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुरिया तहसील पीपल्दा जिला कोटा 1.27 करोड़
6. ग्रामीण जलप्रदाय योजना सुल्तानपुर के पुनर्गठन का कार्य 5 करोड़
7. सुल्तानपुर में राजस्थान बीज निगम प्रोसेसिंग यूनिट का शिलान्यास 3.84 करोड़
8. विधानसभा क्षेत्र पीपल्दा में 11 ग्रामीण गौरव पथ कार्य 6.60 करोड़


बूंदी में 382 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण  लोकार्पण/उद्घाटन लागत

माखीदा (बून्दी) से गेंता (कोटा) तक चम्बल नदी पर ब्रिज निर्माण 120.60 करोड़

1. मॉडल स्कूल बरूंधन (भूमि तल), हिण्डोली (प्रथम तल), नैनवां (प्रथम तल) 8.19 करोड़
2. देवनारायण आवासीय कन्या विद्यालय भवन हिण्डोली 9.67 करोड़
3. तहसील भवन तालेडा, उप तहसील भवन दबलाना एवं लाखेरी का निर्माण कार्य 5.25 करोड़
4. 33/11 केवी सब स्टेशन फूलेता, देवपुरा, अरनेठा 5.81 करोड़
5. बन्सोली लघु सिंचाई परियोजना की मरम्मत एवं पुनरोद्धार 5.52 करोड़
6. चम्बल बून्दी पेयजल परियोजना फेज-प्रथम 74.37 करोड़

शिलान्यास
1. 33/11 केवी जीएसएस जयनिवास (इन्द्रगढ) एवं बालापुरा 2.70 करोड़
2. चम्बल बून्दी पेयजल परियोजना 15.84 करोड़
3. नगरीय गौरव पथ निर्माण कार्य नगर पालिका, लाखेरी, केशोरायपाटन, कापरेन, इन्द्रगढ़, बून्दी, नैनवां 15.00 करोड़
4. 40 ग्रामीण गौरव पथ (प्रत्येक अनुमानित 60 लाख) 24.00 करोड़
5. पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-12 के निर्माण के पश्चात छूटे हुए भाग बून्दी बाईपास के सुदृढीकरण एवं

नवीनीकरण 14.51 करोड़
6. पुनर्गठित ग्रामीण पेयजल योजना, हिण्डोली एवं डाबी 11.41 करोड़
7. जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय भवन निर्माण, बून्दी 1 करोड़
8. बड़ा नया गांव लघु सिंचाई परियोजना 63.56 करोड़
9. रामगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य की दक्षिणी सीमा दीवार का निर्माण कार्य 4.31 करोड़
10. धनेश्वर की राजस्व भूमि की सुरक्षा दीवार 1.74 करोड़
कुल 262.28 करोड़









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