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देश पे हमला नहीं सहेगा हिंदुस्तान -अरविन्द सिसोदिया

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  देश पे हमला नहीं सहेगा हिंदुस्तान -अरविन्द सिसोदिया  India will not tolerate any attack on the country - Arvind Sisodia भारत को समझना होगा, भारत और हिंदुत्व को समाप्त करने का विश्वव्यापी एजेंडा India has to understand, the worldwide agenda to end India and Hindutva पिछले कुछ वर्ष पूर्व की ही बात है कि अमेरिका की जमीन से एक अभियान चला था जिसका नाम था डिसमेंटल ऑफ़ हिंदुत्व अर्थात हिंदू धर्म को समाप्त करो, इस अभियान में बड़ी संख्या में  विश्वविद्यालयों नें भाग लिया, वामपंथी एवं हिन्दू विरोधी संस्थाओं नें भाग लिया। बहुत बडी धनराशि व्यय की गईं। हलांकि इसका विरोध भी हुआ, मगर विषय यह है की जब हिन्दू नें किसीका का बुरा ही नहीं किया तो इस तरह का आयोजन क्यों? इसका उत्तर तलाशना ही होगा, तभी सही तथ्यों तक पहुंचा जा सकेगा। क्यों कि इस भारत विरोधी अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस नें भी 2020 में कहा था कि भारत का प्रधानमंत्री मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता है। हमें सच समझने के लिए कुछ दशक पीछे चलना होगा, जब भारत की जमीन से ही ईसाई धर्मगुरु पोप नें घोषणा की थी कि ईसा की पहली सहस्राब्...

अमेरिका को भारत के महत्व को स्विकारना होगा - अरविन्द सिसौदिया

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   अमेरिका को भारत के महत्व को स्विकारना होगा - अरविन्द सिसौदिया America has to accept the importance of India - Arvind Sisodia भारत की तटस्थ नीति को लेकर अमेरीका को जरूर यह लग रहा होगा कि भारत ने उसे कमतर आंका है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडन ने अब जो भारत से बातचीत की उसमें उन्हे भारत के वास्तविक अस्तित्व का पूरा पूरा अहसास हो चुका होगा। इससे पहले वे भी हवा हवाई थे। विशेषकर तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के समय, संभवतः अब वे उस नेरेटिव से बाहर आ गये होंगें । With regard to India's neutral policy, America must have felt that India has underestimated it. In the conversation that US President Joe Biden has now talked to India, he must have got a full realization of the real existence of India. Before that they too were airborne. Especially at the time of Taliban's occupation of Afghanistan, they may have come out of that narrative now. अमेरिका की गलतनीति से पूरा विश्व अचानक असुरक्षित हो गया । मानवता , अनुशासन एवं विश्व व्यवस्था अचानक से भरभरा कर ढह गई । हिंसा, अमानवीयता और आ...

stopping the war युद्ध रोकनें पर जोर दें , नाटो, यूरापीय संघ,अमेरिका - अरविन्द सिसौदिया

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प्रतिबंधों और सहायताओं के बजाये, युद्ध रोकनें पर जोर दें , नाटो, यूरापीय संघ,अमेरिका - अरविन्द सिसौदिया Instead of sanctions and aids, insist on stopping the war, NATO, European Union, America - Arvind Sisodia नाटो, यूरापीय संघ एवं अमेरिका के युक्रेन को लुभानें एवं वचनबद्धता के कारण आज युक्रेन तबाह हो चुका हैं। वहां लो नारकीय जीवन जी रहे है। दुःख और संताप में फंसे हुये है। तबाही का एक तरफा मंजर देख कर मानवता स्तब्ध है। किन्तु आज भी नाटो, यूरापीय संघ एवं अमेरिका आदि देश मात्र प्रतिबंधों की घोषणायें किये जा रहे है। रूस परेशान हो या अन्य दूसरे देश , कुल मिला कर आप सभी नागरिकों की परेशानी ही तो बढा रहे हो। Ukraine is devastated today because of NATO, EU and US allurement and commitment to Ukraine. There lo are living a hellish life. Stuck in sorrow and anguish. Humanity is shocked to see the one sided scene of devastation. But even today, only countries like NATO, European Union and America are announcing sanctions. Whether Russia is troubled or other countries, overall you are only increa...

भारत का दृष्टिकोंण सही, रूस को अलग थलग नहीं किया जा सकता - अरविन्द सिसौदिया

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bhaarat ka drshtikonn sahee, roos ko alag thalag nahin kiya ja sakata भारत का दृष्टिकोंण सही, रूस को अलग थलग नहीं किया जा सकता - अरविन्द सिसौदिया India's point of view is correct, Russia cannot be isolated  भारत का दृष्टिकोंण सही, रूस को अलग थलग नहीं किया जा सकता - अरविन्द सिसौदिया भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमेरिका का साथ न देकर अपने आपको तटस्थ रखा है। चीन, पाकिस्तान , म्यमांर सहित अनेकों एसियाई देशों का भी दृष्टिकोंण अमेरिका एवं यूरोपीय संघ से भिन्न - भिन्न है, तथा एक सामान्य सी बात है कि जो देश विश्व की दूसरे क्रम की महाशक्ति रहा हो , जिस पर 6000 से अधिक परमाणु हथिययार हों, जो सामरिक एवं तकनीकी साजो सामान की आपूर्ती का बडा संस्थान - प्रतिष्ठान हो। उसे आप अचनाक पूरी तरह अलग - थलग कैसे कर सकते है ? व्यापार , आर्थिक एवं आपूर्ती के अनकों मसले इस तरह के होते है। जिनसे वर्षों तो क्या दसकों भी छुटकारा नहीं पाया जा सकता। विशेषकर जब कोई ब्रांडनेम बडी चीज या बडी मशीनों के कलपूर्जों की,बाद में आवश्यक आपूर्तियां का तथ्य हो तो और भी मुश्किल हो जाता है। रूस निर्मित अनेकों सामरिक उपकरण भार...

रूस विश्व का डिक्टेटर बननें की लडाई लड़ रहा है - अरविन्द सिसौदिया Russia Ukraine War

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रूस विश्व का डिक्टेटर बननें की लडाई लड़ रहा है - अरविन्द सिसौदिया Russia is fighting to be the dictator of the world roos vishv ka diktetar bananen kee ladaee lad raha hai एक समय था जब सम्पूर्ण विश्व में भारतीय सभ्यता का ढ़का बजता था। उसके द्वारा खोजी गईं 12 राशियां, 27 नक्षत्र , 7 दिन का सप्ताह , माह और वर्ष को सम्पूर्ण विश्व ने अपनाया । उसके तत्समय ज्ञात देवी देवताओं की पूजा विश्व में होती थी। देवीयों की पूजा के अवशेष एवं उदाहरण विश्व के तमाम क्षेत्रों में बहुतायत प्राप्त होते है। नंदी की पूजा के अवशेष , गणेश जी की पूजा के अवशेष लगभग समस्त विश्व में है। भारतीय संस्कृति के आदि ग्रंथों में विश्व भर में भारतीय ज्ञान,विज्ञान एवं आध्यात्म के विस्तार एवं फैलाव की व्यापक चर्चा है। अर्थात एक समय विश्व को दिशा देनें का काम भारतीय करते थे। उस समय सामाजिक सुव्यवस्था का ज्ञान सबसे महत्वपूर्ण रहा है। इसके बाद कई विचारधाराओं का,व्यवस्थाओं का अभ्युदय हुआ और समाप्त हो गईं। यूनान मिश्र रोमा मिट गये जहाँ से ....! विश्व में मानव सभ्यता का विकास भी करोड़ों वर्ष पूर्व से अपने अस्तित्व में है। भारतीय संस्कृ...

अमेरिका, हथियारों का मुंह पाकिस्तान की तरफ रखो, आतंकवाद नियंत्रित हो जायेगा - अरविन्द सिसौदिया

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        अमेरिका सहित तमाम विश्व के मानवतावादी देशों ने आज से 20 साल पहले हुई। विश्व की सबसे बडी आतंकी घटना न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुये भीषणतम आतंकी हमले को स्मरण किया एवं हताहतों का श्रृद्धासुमन अर्पित किये। तथा अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्वयं स्विकार किया कि “ चाहे कितना भी वक्त क्यों न बीत जाए लेकिन ये उस दर्द की याद ऐसी ही ताजा कर देते हैं जैसे कि आपको यह खबर कुछ सेकेंड पहले ही मिली हो......इसे विडंबना ही कहेंगे कि अफगानिस्तान पर फिर उन्हीं लोगों का कब्जा हो गया है जिन्होंने 11 सितंबर 2001 में हुए हमले के साजिशकर्ताओं को पनाह दी थी ।” साथ ही उन्होने अमेरिकी देशवासियों से आग्रह किया है कि “जो एक जुटता तब दिखाई थी वह अब भी बनी रहनी चाहिये। ”         जब यह हमला हुआ तब जो बाईडेन सीनेटर थे और अब वे राष्ट्रपति है। अफगानिस्तान से सेना की वापसी के निर्णय में जो भी त्रुटि रही , वह तो हो चुकी किन्तु अब आगे की रणनीति ही मुख्य विषय है। उन्होने संभवतः अल कायदा को तो आंतकी माना और तालिवान के प्रति उनके मन में नम्र भाव था। यह उनकी भूल ...

“ताइवान " पर अफगान वाली गलती न हो - अरविन्द सिसौदिया

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    अमेरिका एवं संयुक्त राष्ट्र संघ से “ताइवानः पर अफगान वाली गलती न हो - अरविन्द सिसौदिया      जब से अफगान में तालिबान का जबरिया कब्जा एवं जबरिया सरकार बनी है। तब से ही चीन के विस्तारवादी मंसूबे उफान मार रहे है। अफगान की जबरिया सरकार को अभी विश्व मान्यता नहीं मिली है। लेकिन चीन ने किसी की भी परवाह किये बिना ही बहुत बडी राशी उस सरकार को देने ंकी घोषणा कर दी है। उसी के साथ वह अब लगातार ताईबान की हवाई सीमा का जानबूझ कर उल्ल्ंघन कर रहा है। उसके लडाकू विमान जबरिया घुस रहे हैं। चीन अपनी विस्तारवादी हवस को प्रदर्शित कर रहा है। अमेरिका एवं संयुक्त राष्ट्र संघ को चीन की विस्तारवादी नियत पर अंकुश लगाना होगा । उसने मंसूबो को लगाम देनी होगी। अफगान वाली लचर भूमिका से पूरी तरह बाहर आकर अपनी शक्ति एवं सामर्थ्य का सर्वोच्च प्रदर्शन भी करना होगा । चीन महासागर में भी अपनी शक्ति दिखानी होगी। अब समय आ गया है कि अमेरिका और यूएनओ अपनी सर्वोच्चता को प्रदर्शित करें।      अमेरिका के अफगान से बोरिया बिस्तर समेटते ही, चीन अपने आप को स्वछंद मान रहा है। उसका व्यवह...