चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के गेट के पास कई बम धमाके






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चीन में कई बम धमाके

देश की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के सालाना सम्मेलन से ठीक पहले पार्टी के प्रांतीय मुख्यालय के बाहर सिलसिलेवार बम धमाके हुए. चीन ने धमाकों के लिए अलगाववादी संगठन को जिम्मेदार ठहराया.  चीन के उत्तरी प्रांत शान्शी के ताइयुआन शहर में बुधवार सुबह एक के बाद एक कई धमाके हुए. स्थानीय पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी देते हुए कहा, "ताइयुआन में पार्टी की प्रांतीय आयोग के पास छोटे बमों से कई धमाके किए गए." प्रांतीय सरकार की वेबसाइट के मुताबिक धमाकों में एक व्यक्ति की मौत हुई है. एक गंभीर रूप से घायल है, जबकि सात को मामूली चोटें आई हैं.

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, "आठ धमाके सुने गए. पुलिस को घटनास्थल से बॉल बेयरिंग और बिजली की सर्किट की मदद से बनाए गए बम मिले हैं." धातु के नुकीले छर्रों या बॉल बेयरिंगों का इस्तेमाल बमों को ज्यादा घातक बनाने के लिए किया जाता है. विस्फोट के साथ ये आस पास बिखर जाते हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंच सकता है.

चीनी की मीडिया कंपनी काइक्षिन ने ब्लॉगरों के हवाले से कहा है, "चश्मदीदों के मुताबिक कुछ मिनटों के भीतर सात धमाके हुए और ये बहुत ताकतवर थे. बातचीत करने वाले कुछ लोगों ने कहा कि धमाकों का अहसास 100 मीटर दूर तक हुआ, जमीन कांप उठी." चीन में सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्क वीबो में शेयर हो रही तस्वीरों में गाड़ियों के टूटे शीशे और पंचर पहिए दिखाई पड़ रहे हैं.
 सरकारी टेलीविजन सीसीटीवी के मुताबिक ये बम कम्युनिस्ट पार्टी के गेट के पास सजाए गए फूलदानों में रखे गए थे. धमाकों के बाद शान्शी के बड़े अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों की आपात बैठक हो रही है.

बीते हफ्ते सोमवार को भी राजधानी बीजिंग के मशहूर पर्यटन स्थल और चीनी सरकार के मुख्यालय थियानमन चौक के पास एक कार में आग लग गई. हादसे में कार में सवार तीन लोग और दो पर्यटक मारे गए. इसके कुछ ही घंटों बाद चीन की पुलिस ने इसे आतंकवादी हमला करार दिया. घटना के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने पश्चिमी प्रांत शिनजियान में छापेमारी शुरू कर दी. शिनजियान में उइगुर मुस्लिम रहते हैं. चीनी अधिकारियों के मुताबिक हमलावरों की कार से मिले सुरागों के आधार पर शिनजियान में जांच चल रही है.

बुधवार के धमाकों के लिए चीन के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने शिनजियान के अलगाववादी गुटों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक धमाके अलग पूर्वी तुर्केस्तान देश की मांग करने वालों ने किये हैं. शिनजियान में चल रहे इस अलगाववादी अभियान का नाम ईस्ट तुर्किस्तान मूवमेंट है. उइगुर मुसलमान मूल रूप से तुर्की के हैं, इसीलिए अलगाववादी संगठन अपने इलाके के तुर्किस्तान कहलाना पसंद करते हैं.

इसी हफ्ते के अंत में एक पार्टी शासन वाले चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का सम्मेलन होना है. राजधानी बीजिंग में होने वाले सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पोलित ब्यूरो के नेता नई नीतियों पर चर्चा करेंगे. ताजा हमलों के बाद सम्मेलन में चीन की एकता पर भी चर्चा हो सकती है. अलगाववाद के मसले पर चीनी नेता हमेशा कड़ा रुख अपनाते आए हैं.

ओएसजे/एजेए (एएफपी)
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पाक से जुड़ते उइगुर हिंसा के तार
कूटनीतिक मामलों में एक दूसरे के पक्के दोस्त चीन और पाकिस्तान इस्लामी चरमपंथ के मुद्दे पर आमने सामने नजर आ रहे हैं. चीन का कहना है कि उसके शिनचियांग प्रांत में हालिया हमले करने वालों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग मिली. रविवार को कशगार शहर में हुए हमले में 11 लोग मारे गए. शिनचियांग में रहने वाले उइगुर मुसलमान हान चीनियों की मौजूदगी और चीन सरकार की तरफ से लगाई गईं धार्मिक और राजनीतिक पाबंदियों पर लंबे समय से नाराजगी जताते रहे हैं.

कशगार में उइगुर लोगों का दबदबा है. वहां रविवार को कम तीव्रता वाले दो हमले हुए. धमाकों के 24 घंटों के भीतर ही स्थानीय सरकार ने इनमें विदेशी चरमपंथियों का हाथ होने का आरोप लगाया है. सरकारी बयान में कहा गया है, "सप्ताहांत को हुए हमलों के पीछे ऐसे धार्मिक चरमपंथियों का हाथ है जिनका नेतृत्व विदेश में ट्रेनिंग हासिल करने वाले लोग कर रहे हैं." शुरुआती पुलिस पूछताछ से पता चलता है कि इस हमले को कराने वाले चरमपंथी गुट के नेताओं ने पाकिस्तान में मौजूद 'पूर्वी तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट' के शिविरों में विस्फोटकों और हथियारों के बारे में ट्रेनिंग ली.

चीन के लिए चुनौती

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया है कि पुलिस ने पांच लोगों को गोलीबारी में मार दिया और चार लोगों को गिरफ्तार किया. इन लोगों ने एक रेस्त्रां पर धावा बोला और उसमें आग लगा दी, उसके मालिक और वेटर को मार दिया और फिर वे सड़क पर निकल गए जहां उन्होंने चार लोगों की हत्या कर दी.

चीन की सत्ताधारी पार्टी के लिए शिनचियांग में हालिया हिंसा इलाके पर नियंत्रण रखने के लिहाज से एक और मुश्किल इम्तिहान है. इस इलाके में रहने वाले उइगुर और हान एक दूसरे को शक की निगाह से देखते हैं. चीन सरकार को इस बात की चिंता है कि कहीं अरब जगत में फैली अशांति कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के लिए मुश्किल न पैदा कर दे. कशगार शिनचियांग के दक्षिण में है जहां उइगुर लोगों का दबदबा है

सरकारी बयान में कहा गया है, "यह आतंकवादी हिंसा की एक और घटना है जिसे विशेष परिस्थितियों में दुश्मनों के एक छोटे से गुट ने संगठित और सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया है." गिरफ्तार लोगों ने माना है कि उनका मुखिया पहले पाकिस्तान जा चुका है जहां वह 'पूर्वी तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट' में शामिल हुआ. उसने वहां से ट्रेनिंग हासिल करके वापस चीन में घुसपैठ की. बयान में आगे कहा गया है, "इस आतंकवादी हिंसा का घिनौना मकसद अंतर-जातीय एकता और सामाजिक स्थिरता को बिगाड़ना और जातीय नफरत फैलाना है. वे जातीय संकट पैदा कर शिनचियांग को मातृभूमि से अलग करना चाहते हैं और सभी जातीय समूह के लोगों को मुश्किल में डालना चाहते हैं."

लोगों में दहशत

शिन्हुआ की खबर के मुताबिक हिंसा के बाद शहर की सड़कें वीरान हो गईं. कशगार से एक हान महिला कारोबारी ने फोन पर बताया, "सड़कों पर बहुत कम लोग हैं. जब तक बहुत जरूरी नहीं होगा, तो मैं बाहर नहीं जाऊंगी." उसने बताया कि शहर में पुलिस की भारी तैनाती की गई है.

जुलाई 2009 में शिनचियांग की राजधानी उरुमची में हान चीनियों और उइगुर लोगों के बीच हुई हिंसा में लगभग 200 लोग मारे गए. मरने वालों में ज्यादातर हान थे. चीन शिनचियांग को रणनीतिक लिहाज से बहुत अहम मानता है. चीन किसी भी तरह से इस इलाके पर अपनी पकड़ ढीली करने के संकेत नहीं देता. शिनचियांग चीन के कुल क्षेत्रफल का छठा हिस्सा है और वहां पर तेल और गैस के भंडार हैं.

उइगुरों की नाराजगी

शिनचियांग में चीन की नीति के विरोधी और उइगुरों के स्वशासन की वकालत करने वालों का कहना है कि चीन सरकार आतंकवादी संगठनों के प्रभाव को बढ़ा चढ़ा कर पेश करती है. उसकी कड़ी नीतियों के कारण ही उइगुर लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. सरकार के मुताबिक 18 जुलाई को शिनचियांग में एक पुलिस थाने पर हुए हमले में '14 दंगाइयों' समेत 18 लोग मारे गए.

बहुत से उइगुर लोगों का कहना है कि वह चीन सरकार की तरफ से अपने ऊपर लगाई गई राजनीतिक और धार्मिक पाबंदियों से परेशान हैं. वे अपने इलाके में बसाए जा रहे हान चीनी लोगों की मौजूदगी से भी नाराज हैं जिनका अब शिनचियांग में दबदबा हो गया है. हालांकि वहां जीवन स्तर ऊंचा हुआ है, लेकिन उइगुर लोगों का कहना है कि ज्यादातर फायदे हान लोगों को हो रहे हैं. शिनचियांग में तुर्क भाषा बोलने वाले अस्सी लाख से ज्यादा उइगुर लोग रहते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा




चीन में कम्युनिस्ट पार्टी दफ्तर में ब्लास्ट, 1 की मौत
पीटीआई | Nov 6, 2013,
पेइचिंग
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के दफ्तर में बुधवार को सीरियल धमाकों में एक शख्स की मौत हो गई। यह घटना चीन के तेइयान सिटी में हुई। इसमें कम से कम 8 लोग घायल भी हुए हैं। सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, चश्मदीदों का कहना है कि विस्फोटक एक मिनी वैन में रखे हुए थे।

घायलों में से एक की हालत नाजुक बनी हुई है। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि तेज धमाके की आवाज आई और चारों ओर धुएं के साथ आग की लपटें नजर आने लगीं। पुलिस ने धमाके के बाद चारों ओर नाकेबंदी कर दी।

गौरतलब है कि चीन में इससे पहले 28 अक्टूबर को भी तियेननमैन स्क्वेयर में एक फिदायीन हमला हुआ था। इसमें पांच लोगों के अलावा तीन फिदायीन हमलावर भी मारे गए थे। हमले में 40 लोग घायल हो गए थे।
पुलिस के मुताबिक, यह धमाका ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट से जुड़े लोगों ने किया था। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि क्या बुधवार को हुए धमाके के तार इसी मूवमेंट से जुड़े हैं?

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