एक और मौका : बेहिसाब धन रखने वालों के लिए



एक और मौका: बेहिसाब धन रखने वालों के लिए सरकार लाएगी नई स्कीम
इकनॉमिकटाइम्स.कॉम | Updated: Nov 25, 2016

दीपशिखा सिकरवार
नोटबंदी के बाद बैंकों में बड़े पैमाने पर अघोषित धन जमा कराने वाले लोगों के लिए मोदी सरकार एक बार फिर से डिसक्लोजर स्कीम लॉन्च कर सकती है। इस योजना के तहत अघोषित आय रखने वाले लोगों के धन पर 50 पर्सेंट का टैक्स लगेगा और उन्हें अपनी राशि को 4 साल के लिए भूलना होगा। यदि इस स्कीम को न मानने वाले लोगों पर 60 पर्सेंट से अधिक तक की पेनल्टी लगाई जा सकती है। इसके अलावा अगले सप्ताह केंद्र सरकार इनकम टैक्स ऐक्ट में संशोधन भी कर सकती है।

केंद्र सरकार की ओर से यह योजना कैबिनेट की ओर से टैक्स कानूनों को मंजूर किए जाने के एक दिन बाद सामने आई है। बता दें कि देश भर में 8 नवंबर की रात से 1000 और 500 रुपये के नोट महज 'कागज का टुकड़ा' रह गए हैं। नोटबंदी के बाद से विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर 'आम जनता की तकलीफों' को आधार बनाकर निशाना साध रहा है।

शुक्रवार को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को मौका नहीं मिला, इसलिए वे नाराजगी जता रहे हैं। प्रधनमंत्री ने कहा, ‘भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ एक बहुत बड़ी लड़ाई देश लड़ रहा है।

देश का सामान्य नागरिक इसका सिपाही बना है। सरकार के निर्णय पर बहुत कम आलोचना हो रही है लेकिन कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार ने तैयारी नहीं की। असल में उन लोगों को दुःख इस बात का है कि सरकार ने किसी को तैयारी करने का समय नहीं दिया।’
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GDP में आएगी कमी, 3 महीने तक कैश किल्लत: पनगढ़िया

भाषा | Updated: Nov 26, 2016,

मुंबई
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने स्वीकार किया है कि सरकार के नोटबंदी के कदम से नकदी की तंगी के चलते देश में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा और और वृद्धि दर प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि प्रणाली में नकदी की कमी तीन महीने तक रह सकती है। पनगढ़िया ने यहां एशिया सोसायटी के एक कार्यक्रम में शुक्रवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘फौरी तौर पर, नकदी की कमी होगी। इसका असर आर्थिक गतिविधियों पर पड़ेगा और यह हो रहा है। समस्या धीरे-धीरे सुलझाई जा रही है, प्रणाली में नकदी डाली जा रही है और जिस गति से हम यह काम कर रहे हैं उसके मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा एक तिमाही तक कमी रह सकती है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रणाली में नकदी की स्थिति एक पखवाड़े पहले की तुलना में अब काफी बेहतर है।

उन्होंने कहा कि तिमाही के आखिरी महीने में पखवाड़े के दौरान तरलता की कमी बहुत छोटी होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी। उसके बाद से अर्थव्यवस्था में नकदी की तंगी बनी हुई है और लोग नए नोट पाने के लिए बैंकों में लाइन लगाकर खड़े हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में सरकार के नोटबंदी के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि इससे देश की आर्थिक वृद्धि में दो प्रतिशत तक कमी आ सकती है। इसके एक दिन बाद ही पनगढ़िया ने यह बात कही है, उन्होंने कहा कि यह एक तिमाही की बात है। इसका आर्थिक वृद्धि पर कितना असर होगा यह देखने की बात है।

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