नोटबंदी पर विरोधी इसलिए दुखी क्योंकि उन्हें वक्त नहीं मिला : पीएम मोदी
नोटबंदी पर विरोधी इसलिए दुखी क्योंकि उन्हें वक्त नहीं मिला : पीएम मोदी
November 25, 2016
नई दिल्ली : नोटबंदी के मुद्दे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को फिर अपनी राय रखी और इस फैसले के आलोचकों को करारा जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग सरकार पर नोटबंदी के लिए तैयारी नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं, वे खुद इस कदम के लिए तैयार नहीं थे। पीएम ने मनमोहन सिंह के आरोपों पर भी पलटवार किया।
संविधान दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने नोटबंदी के फैसले की आलोचना करने वालों को जमकर आड़े हाथों लिया। बता दें कि गुरुवार को पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि जनता के पैसे की संगठित लूट हो रही है। नोटबंदी का फैसला बिना पूरी तैयारी के लिया गया।
नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष की ओर से सरकार पर हमला तेज किये जाने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर इन लोगों को 72 घंटे का वक्त मिल जाता तो वे प्रशंसा करते। यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 500 और 1000 रपये के पुराने नोटों को अमान्य करने के फैसले की बहुत कम आलोचना हुई है। उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ लोग अब भी आलोचना कर रहे हैं कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की। मेरा मानना है कि मुद्दा यह नहीं है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की थी। बल्कि मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को इस बात की पीड़ा है कि सरकार ने उन्हें किसी तैयारी का मौका नहीं दिया। मोदी ने कहा कि अगर इन लोगों को तैयारी करने के लिए 72 घंटे मिल जाते तो वे तारीफ करते कि मोदी जैसा कोई नहीं है।
नोटबंदी पर पीएम मोदी ने कहा कि इस फैसले की आलोचना करने वालों को इस बात की पीड़ा है कि उन्हें समय नहीं दिया गया। आलोचना करने वाले कह रहे हैं कि इस फैसले को लेने से पहले पूरी तैयारी नहीं की गई। अगर उन्हें 72 घंटे का वक्त देते तो वो मेरी वाहवाही करते। विरोधी इसलिए दुखी हैं क्योंकि उन्हें समय नहीं मिला। यदि नोटबंदी का फैसला अचानक नहीं लेता तो लोग अपना कालाधन बदल लेते। हमने भ्रष्टाचारियों को तैयारियों का मौका नहीं दिया। ऐसे में अब
विपक्ष नोटबंदी की आलोचना कर रहा है। इस समय कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ देश लड़ाई लड़ रहा है। कालेधन के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आपकी पाई-पाई पर आपका पूरा हक है। हर किसी को उसके पैसे का पूरा अधिकार है।
उन्होंने नोटबंदी के फैसले की उपलब्धि को रेखांकित करते हुए कहा कि इसे नगरपालिकाओं को रिकार्ड टैक्स मिला। नगरपालिकाओं को टैक्स के तौर पर करोड़ों रुपये मिले हैं। नोटबंदी का सबसे ज्यादा फायद नगरपालिकाओं को मिला है, नोटबैन से नगरपालिकाएं मालामाल हो गईं हैं।
पीएम ने कहा कि देश के विकास के लिए डिजिटल करेंसी जरूरी है। इस समय कुछ वक्त की दिक्कत है लेकिन हमें कैशलेश इकोनॉमी की तरफ बढ़ना होगा। डिजिटल करेंसी की ओर जाने की जरूरत है। साथ ही करेंसी में ट्रांसपेरेंसी होनी चाहिए। देश बहुत बड़ा है और दिक्कतों को मिल जुलकर खत्म करना है। हम सब मिलकर सामाजिक बुराइयों को दूर करें। आज देश का हर नागरिक सिपाही की तरह लड़ रहा है। आम आदमी भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ सैनिक बन चुका है। भ्रष्टाचार को लेकर भारत की स्थिति अक्सर खराब बताई जाती है, हमें इसमें सुधार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल में कानूनों और संविधान का दुरुपयोग करने वालों ने देश को भ्रष्टाचार में डुबो दिया है। वैश्विक भ्रष्टाचार सर्वेक्षणों में भारत का नाम प्रमुखता से आने को गर्व नहीं करने की बात बताते हुए उन्होंने कहा कि देश का नाम उंचा करने के लिए कुछ फैसले लेने होंगे। प्रधानमंत्री के ये बयान कल राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के तीखे हमले की पृष्ठभूमि में आये हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल उच्च सदन में कहा था कि सरकार का यह कदम ‘संगठित और कानूनी लूट-खसोट’ है।
डिजिटल लेनदेन पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सभी को अपने धन का इस्तेमाल करने का अधिकार है और कोई उन्हें नहीं रोकता। यह जरूरी नहीं है कि आपके पास नकदी हो क्योंकि डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करके भी लेनदेन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल से खरीदारी करना व्हाट्सएप संदेश भेजने की तरह ही आसान है। मोदी ने कहा कि हमें पारदर्शिता लाने के लिए ट्रांजेक्शन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि करीब 500 शहर छोटी सी अवधि में यह काम कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री के मुताबिक नोटबंदी के बाद नगर निगमों ने 13000 करोड़ रुपये का कर एकत्रित किया है। उन्होंने कहा कि मुझे कुछ शहरों के नगर निगमों के बारे में जानकारी मिली है। पहले वे 3000 से 3500 करोड़ रुपये कर वसूलते थे और आठ नवंबर के बाद उन्होंने 13000 करोड़ रुपये कर वसूली की है। इस पैसे का इस्तेमाल सड़कों के निर्माण और बिजली आपूर्ति जैसे विकास कार्यों के लिए किया जाएगा। मोदी दो पुस्तकों के विमोचन के मौके पर संबोधित कर रहे थे। इनमें ‘अपडेटेड एडिशन ऑफ कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया’ और ‘मेकिंग ऑफ द कांस्टीट्यूशन’ हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान के अनेक अनुच्छेदों के बारे में केवल जानकारी रखने के बजाय ‘संविधान की भावना’ से जुड़े रहना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने युवा पीढ़ी के संविधान और उसके आदर्शों से जुड़ाव होने के महत्व पर भी जोर दिया।
इससे पहले, पीएम मोदी ने संविधान दिवस पर दो पुस्तकों का विमोचन किया। 'भारत का संविधान' के नए संस्करण का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि अधिकारों के लिए संविधान का दुरुपयोग न करें। छात्रों को संविधान की प्रस्तावना पढ़ाई जाए। सामान्य जीवन में संविधान का स्थान बने। संविधान के निर्माण में बाबा साहब अंबेडकर ने हमारे लिए महान काम किया है।
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