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देश का जनमत कांग्रेस के हिन्दुत्व में सिर्फ छल मात्र देखता है - अरविन्द सिसौदिया

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  देश का जनमत कांग्रेस के हिन्दुत्व में सिर्फ छल मात्र देखता है  - अरविन्द सिसौदिया कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लगभग एक बर्ष पूर्व राजस्थान के जयपुर में मंहगाई विरोधी रैली में भाषण देते हुये हिंदू और हिंदुत्ववादी शब्दों को टारगेट करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा । उन्होंने अपने 31 मिनट के भाषण में 35 बार हिंदू और 26 हिंदुत्ववादी बोले । पार्टी के संगठन महासचिव रणदीप सुरेजवाला ने तब  कहा था “महंगाई हटाओ महारैली ” केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का शंखनाद करेगी। इसके पहले और इसके बाद हुये सभी विधानसभा चुनावों में उनकी कांग्रेस पार्टी बहुत बुरी तरह हार गई। मई 2021 को पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आये थे जिनमें प0 बंगाल,असम,केरल और त्रिपुरा से कांग्रेस को बुरी खबर आई थी, तमिलनाडु में यूपीए से जुडी पार्टी खुद के बल पर जीती थी, उसमें भी कांग्रेस को कुछ खास नहीं मिला । हाल ही में उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर और गोवा से भी बुरी खबर ही उन्हे मिली है। महामहिम राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनावों में भी कांग्रेस की हालत खराब ही हुई । वह द

राजपूत शौर्य की कोई सानी नहीं

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इतिहास में हार-जीत होती रहती है। मुद्दे की बात है कि कौन स्पिरिट ज़िंदा रख पाता है। इज़राइल भी खदेड़ा गया था, लेकिन उसने अपनी स्पिरिट ज़िंदा रखी और आज वह अजेय देश है।  राजपूत राजा हारे या जीते; लेकिन उन्होंने " हिंदुत्व " की स्पिरिट की ज़िंदा रखा, इससे बढ़कर किसी का क्या अवदान हो सकता है आगामी पीढ़ियों के लिए ?  कासिम के आगमन से लेकर तराइन के दूसरे युद्ध तक पूरे भारत पर होने वाले आक्रमणों को यही राजपूत यौद्धा रोकते रहे। यही राजस्थान ढाल बनकर खड़ा था, आप जिसका बात-बात पर उपहास उड़ाते नहीं थकते।  या तो आप कहिए कि राजा अपने राज्यों के लिए लड़ रहे थे, फिर आप यह नहीं कह सकते कि उन्होंने किसका साथ दिया और क्यों दिया ... क्योंकि उन्हें हिंदुओं से मतलब नहीं था, सिर्फ राज चाहिए था। या आप कहिए कि हरेक राजा जितना भी उसके लिए शक्य था, हिंदुत्व की स्पिरिट को संरक्षित करने का काम कर रहा था।  आपके लिए यह कहना आसान है कि फलाँ युद्ध हार गए, फलाँ ने साथ नहीं दिया; भले आपको तत्कालीन स्थितियों का भान न हो। क्या आप जानते हैं कि इन राजपूत राजाओं के सामने एकमात्र चुनौती म्लेच्छ शत्रु ही नहीं थे; उन्हें अकाल

गुजरात अपने मान सम्मान और स्वाभिमान की परम्परा को दौहरायेगा - अरविन्द सिसौदिया

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    चुग्गा डाल फंसानें वालों को गुजरात ट्रिपल जीरो से वापस लौटायेगा - अरविन्द सिसौदिया   gujarat-assembly-election  गुजरात एक स्वाभिमानी प्रदेश है और उसनें भीख के लिये हाथ फैलानें के बजाये हमेशा स्वाभिमान का पसीना बहाया है।  गुजरात में 1 और 5 दिसम्बर 2022 को विधानसभा चुनावों के मतदान होनें है। मुफतखोरी का चुग्गा डाल कर मत हथियानें का नुक्सा गुजरात में भी चला जा रहा है। इस चुग्गा डाल नेता को हाल ही में यूपी औ र उतराखण्ड ने 00 जीरो के साथ वापस दिल्ली भेजा है। अब गुजरात की बारी है कि वह भी गुजरातियों को भिखारी समझ कर चुग्गा डाल कर वोट हथियानें निकले नेता जी को 000 जीरो के साथ लौटायें। गुज रा त के वोट ठगनें की कल्पना भी कोई कैसे कर सकता है।  गुजरात को सांस्कृतिक स्वभिमान याद है। गुजरात को राष्ट्रीय स्वाभिमान भी याद है। गुजरात वही जगह जिसनें साम्प्रदायिक ताकतों को मुंह तोड जबाव दिया था । गुजरात न मुफतचोरी का चुग्गा डाल की धूर्तता में फंसेगा, न भारत तेरे टुकडे होंगे की इच्छा वालों के चक्कर में आयेगा, न गुजरात , नर्मदा का पवित्र जल गुजरात के खेतों तक लानें में अडंगा लगानें वालों के मंसूवों क

कांग्रेस की विरोधियों के प्रति बोली जानें वाली परम्परागत भाषा ही तो है गहलोत बोल रहे हैं - अरविन्द सिसौदिया

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    कांग्रेस की विरोधियों के प्रति बोली जानें वाली परम्परागत भाषा ही तो है गहलोत बोल रहे हैं - अरविन्द सिसौदिया राजस्थान में भाग्य के धनी कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , भाग्य के धनी व्यक्ति ही हैं, क्यों कि जब जब वे मुख्यमंत्री बनें तब तब उन्होनें पार्टी जितानें के लिये कुछ नहीं किया था। बस कांग्रेस के हाई कमान अर्थात नेहरू परिवार के कान में मंत्र दिया और मुख्यमंत्री बन कर आ गये। अन्याय तो हाई कमान ने किया,कि वह फूंक में आ गया । यह क्यों किया और क्यों हुआ ?? यही तो रहस्य ! क्यों कि गहलोत के किसी आर्शीवाद से कांग्रेस की आयु तो कभी बढ़ी नहीं ! प्रश्न तो है ही .....! देखनें समझनें वाली बात यह है कि कान में दिया मंत्र क्या था, जो कोई और कांग्रेसी नहीं दे पाया और विफल रहे। गहलोत ने पद संभाल कर कभी भी पुनः कांग्रेस को सत्ता नहीं दी, फिर भी वे बार बार मुख्यमंत्री बनें...? क्या दिया हाई कमान को वे बार बार मुख्यमंत्री बनें ? यही तो रहस्य है। कांग्रेस की राजस्थान सरकार होते हुये भी,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोइी जी को राजस्थान से 25 की 25 सीटें मिलीं यहां तक कि स्वंय गहलोत का पुत्र चुनाव हारा , तब

भविष्य में भारत की युवा पीढ़ी अपना मौलिक संविधान अवश्य बनायेगी - अरविन्द सिसौदिया indian constitution

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  भविष्य में भारत की युवा पीढ़ी अपना मौलिक संविधान अवश्य बनायेगी - अरविन्द सिसौदिया नोट - ये विचार पूरी तरह से मेरे निजि विचार हैं। इन विचारों को मुझ से जुडे किसी भी संगठन के नहीं माने जानें चाहिये। आज संविधान दिवस पूरे जोर शोर से मनाया गया , मनाया जाना भी चाहिये । मगर जब पाठ्यपुस्तकों में पाठ्य क्रम के रूप में संविधान पढ़ाया जाता है। तब बताया जाता है कि अंग्रेजों का एक भारत शासन अधिनियम कानून था , उसकी 75 प्रतिशत धाराओं को हमारे संविधान में ज्यों का त्यों ले लिया गया है। हमारे संविधान करीब - करीब 10 देशों के संविधान से कुछ न कुछ लिया है। ब्रिटिश सरकार ने 1935 में भारत पर शासन के लिये भारत शासन अधिनियम कानून लागू किया था, भारत को जो वर्तमान संविधान है, जिसमें 2/3 भाग उसी की सामग्री है। किंतु जब भारत शासन अधिनियम बना और लागू हुआ तो उसके सबसे बड़े आलोचक पं0 जवाहरलाल नेहरू ही थे। उन्होंने तब प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा था कि यह एक ऐसी मोटर कार है जिसमें ब्रेक अनेक हैं मगर इंजन नहीं है। बाद में उन्हीं प0 जवाहरलाल नेहरू की देखरेख में भारत का संविधान बना जो पहले कांग्रेस कार्यालय में डिसक

आगामी चुनाव में कांग्रेस की राज्य सरकार को उखाड़ फेकेंगे -  अरविन्द सिसोदिया jan aakrosh rally

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  जन आक्रोश रैलियों के माध्यम से भाजपा, जन संकट बनीं कांग्रेस सरकार के विरुद्ध व्यापक जन जागरण करेगी - अरविन्द सिसोदिया राजस्थान की जनता के जन आक्रोश का  प्रकटीकरण होगा, भाजपा का  जन आक्रोश आंदोलन - अरविन्द सिसोदिया आगामी चुनाव में कांग्रेस की राज्य सरकार को उखाड़ फेकेंगे -  अरविन्द सिसोदिया    कोटा 26 नवम्बर। भाजपा जन आक्रोश रैली के जिला मीडिया संयोजक एवं भाजपा  राजस्थान के प्रदेश सह संयोजक मीडिया संपर्क विभाग अरविन्द सिसोदिया ने बताया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में दिसम्बर 2022 के प्रथम दिन से पूरे राजस्थान में एक साथ जन आक्रोश आंदोलन प्रारंभ होगा। जिस में 1 दिसंबर को जन आक्रोश रथों का जिला स्तरों पर एक साथ उद्घाटन एवं 4 दिसंबर से विधानसभा स्तरों पर  रैलियां, जन आक्रोश रथों पर निकलेंगी एवं प्रत्येक विधान क्षेत्र में दस - दस  दिनों तक के प्रवास पर रहते हुये, व्यापक जन जागरण कर राज्य की कांग्रेस सरकार की विफलताओं को उजागर करेंगीं। आगामी चुनाव में कांग्रेस की राज्य सरकार को उखाड़ फेकेंगे। सिसोदिया ने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार, गठन वाली दिन

भीषण ठंड में हार्ड अटैक से बचाव जरूरी Heart Attack

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मैं Dr. Dipali , मै यह कह रही हूँ कि इस भीषण ठंड में जिनकी आयु 45 वर्ष से अधिक है,  उन्हें रात में 10 बजे सोने के बाद से जब भी बिस्तर से उठे, तब आप  एकदम से ना उठे। क्योँकि ठंड के कारण शरीर का ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो वह धीरे धीरे कार्य करने के कारण पूरी तरह हार्ट में नहीं पहुँच पाता और शरीर छूट जाता है। इसी कारण से शर्दी के महीनों में 40 वर्ष के आस पास के लोग या  40 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने से दुर्घटनाए अत्यधिक होती पाई गई हैं, इसलिए हमें सावधानी अत्यधिक बरतने की आवश्यकता है। यही सुझाव में भी देता हु।* *साढ़े तीन मिनिट:  मेरी  सलाह!*        डॉ. विजय सिंह राजपूत            जनरल फिजीशियन            *जिन्हें सुबह या रात में सोते समय  पेशाब करने जाना पड़ता हैं उनके लिए विशेष सूचना!!*         हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनिट में सावधानी बरतनी चाहिए। *यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है?*         यही साढ़े तीन मिनिट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं।         जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं।         ऐसे लोगों के बार

Jan Aakrosh Rally :- राजस्थान भाजपा का आरोप पत्र कोटा शहर में जारी

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  Jan Aakrosh Rally   :- राजस्थान भाजपा के द्वारा जारी आरोप पत्र एवं स्टीकर कोटा शहर में जारी किया गया   कोटा शहर भाजपा कार्यालय में, जिला अध्यक्ष कृष्णकुमार सोनी एवं जन आक्रोश रैली संयोजक जगदीश जिंदल एवं जिला महामंत्री चन्द्रशेखर नरवाल नें राजस्थान भाजपा के द्वारा जारी आरोप पत्र एवं स्टीकर जारी किया । जिसमें सहसंयोजक लक्ष्मणसिंह खीची, जिला उपाध्यक्ष जटाशंकर शर्मा, नेता खण्डेलवाल,मीडिया सर्म्पक विभाग के प्रदेश सहसंयोजक अरविन्द सिसौदिया,जिला मंत्री सीमा भारद्वाज, यात्रा के विधानसभा प्रभारी दक्षिण अनिल गोयल एवं उत्तर लव शर्मा, सोसल मीडिया विभाग के संयोजक सार्थक शर्मा एवं सह संयोजक हिमाशु सैनी सहित प्रअंधन से जुडी टीम मौजूद रही। भाजपा जन आक्रोश रैलियों के माध्यम से भाजपा, राजस्थान के लिये जनसंकट बनीं कांग्रेस सरकार के विरूद्ध व्यापक जनजागरण करेगी - अरविन्द सिसौदिया यात्रा के मीडिया संयोजक एवं प्रदेशसह संयोजक अरविन्द सिसौदिया ने बताया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में दिसम्बर 2022 के प्रथम सप्ताह से पूरे राजस्थान में एक साथ जन आक्रोश रैलियां, जन आक्रोश रथों पर निकलेंगी

Jan Aakrosh Rally :- 2023 के बाद राजस्थान में अनंतकाल तक भाजपा सत्ता का माध्यम बनेगी - प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया

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   जन आक्रोश यात्रा कार्यशाला , पूनिया बोले-2023 के बाद राजस्थान में  अनंतकाल तक भाजपा  सत्ता का माध्यम बनेगी, जनता राज करेगी राजस्थान की सभी विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी जन आक्रोश यात्रा निकालेगी। इसको लेकर प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, सांसद घनश्याम तिवारी और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जयपुर सी स्कीम स्थित महावीर स्कूल सभागार में जिला और विधानसभा संयोजक व सह-संयोजकों की कार्यशाला को संबोधित किया। जयपुर में बीजेपी की ओर से आयोजित कार्यशाला में प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष सरदार अजयपाल सिंह, हेमराज मीणा, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा, पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर, गजेंद्र सिंह खींवसर, सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी, प्रदेश मंत्री श्रवण सिंह बगड़ी, महेंद्र जाटव और मधु कुमावत सहित कई लोग मौजूद रहे। जन आक्रोश यात्रा कार्यशाला को संबोधित करते हुए सतीश पूनिया ने कहा, प्रदेश में कांग्रेस सरकार के शासन में जनविरोधी नीतियों और वादाखिलाफी से हर वर्ग प्रताड़ित है। कोई नौजवान केवल 35 सौ रुपये कर्जे के कारण न केवल अपनी जीवन लीला को समाप्त करता है, बल

राजस्थान :- दिसम्बर में भयंकर राजनैतिक गर्मी रहने वाली है - अरविन्द सिसौदिया

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  राजस्थान में दिसम्बर में भयंकर राजनैतिक गर्मी रहने वाली है - अरविन्द सिसौदिया राजस्थान में कांग्रेस राजकुमार की भारत जोडा यात्रा का प्रवेश, राजस्थान की अशोक गहलोत नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के चार साल की वर्षगांठ और भाजपा राजस्थान की जन आक्रोश रैली की टाईमिंग लगभग एक साथ है। इससे राजस्थान में राजनैतिक वातावरण में भीषण गर्मी रहने वाली है। आरोप प्रत्यारोप और राजनैतिक भ्रामकताओं के बीच राजस्थान में दिसम्बर 2022 जबरदस्त राजनैतिक सरगर्मी के रहने वाले है। 1- गहलोत मंत्रीमण्डल की चौथी वर्षगांठ - राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी पारी 17 दिस्मम्बर 2018 ये प्रारम्भ की थी । 2- गहलोत सरकार की विफलताओं के खिलॉफ भाजपा की जनआक्रोश रैलीयां दिसम्बर के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ होकर 17 दिसम्बर तक 3- राहुल गांधी की भारत जोडा यात्रा राजस्थान में दिसम्बर के पहले सप्ताह में प्रवेश करेगी और करीब करीब 18/20 दिन रहेगी। अर्थात 17 दिसम्बर 2022 के दिन राहुल गांधी का राजस्थान में रहने की पूरी पूरी संभावना है। फिलहाल माना जा रहा है कि 3 से 20 दिसंबर के बीच राहुल गांधी की भारत जोड़

ये 15 मंत्र जो....हर हिंदू को सीखना चाहिए

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ये 15 मंत्र जो....हर हिंदू को सीखना और बच्चों को सिखाना चाहिए, 1. Mahadev           ॐ त्र्यम्बकं यजामहे,             सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ,            उर्वारुकमिव बन्धनान्,            मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् !! 2. Shri Ganesha               वक्रतुंड महाकाय,                सूर्य कोटि समप्रभ                निर्विघ्नम कुरू मे देव,               सर्वकार्येषु सर्वदा !! 3. Shri hari Vishnu            मङ्गलम् भगवान विष्णुः,            मङ्गलम् गरुणध्वजः।            मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः,            मङ्गलाय तनो हरिः॥ 4. Shri Brahma ji              ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा,               नमस्ते परमात्ने ।               निर्गुणाय नमस्तुभ्यं,               सदुयाय नमो नम:।। 5. Shri Krishna                वसुदेवसुतं देवं,                कंसचाणूरमर्दनम्।                देवकी परमानन्दं,                कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम। 6. Shri Ram               श्री रामाय रामभद्राय,                रामचन्द्राय वेधसे ।                रघुनाथाय नाथाय,                सीताया पतये नमः ! 7. Maa Durga             ॐ जयं

वरिष्ठ बनें... बूढ़े नहीं.....।

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वरिष्ठ बनिये बूढ़े नहीं- ....................................... 👨🏾‍🦳 *" बूढ़े न हों. वरिष्ठ बनें"*👴🏻 *दोनों के अंतर को समझें* *और जीवन का आनंद लें*।🙏🙏 इंसान को उम्र बढ़ने पर...  *" बूढ़ा"* नहीं बल्कि .... *" वरिष्ठ "* बनना चाहिए ।  • *" बुढ़ापा "*... अन्य लोगों का आधार ढूँढता है,  *" वरिष्ठता "*... लोगों को आधार देती है.            • *" बुढ़ापा "*... छुपाने का मन करता है,     *"वरिष्ठता"*... उजागर करने का मन करता है ।          • *" बुढ़ापा "*... अहंकारी होता है,   *"वरिष्ठता"*... अनुभवसंपन्न, विनम्र व संयमशील होती है           • *"बुढ़ापा"*... नईपीढ़ी के विचारों से छेड़छाड़ करताहै,  *"वरिष्ठता"*... युवापीढ़ी को बदलते समय के अनुसार, जीने की छूट देती है । • *"बुढ़ापा"*... *"हमारे ज़माने में ऐसा था"* की रट लगाता है,   *"वरिष्ठता"*...  बदलते समय से अपना नाता जोड़ती है और उसे अपना लेती है।  • *"बुढ़ापा"*... नईपीढ़ी पर अपनी राय थोपता है,

वास्तविक लोकतंत्र निर्माण पर आगे बड़े देश - अरविन्द सिसोदिया loktantr nirman

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वास्तविक लोकतंत्र निर्माण पर आगे बड़े देश - अरविन्द सिसोदिया  लोकतंत्र लूटतंत्र में कैसे बदलता जाता है, जानें गणित - अरविन्द सिसोदिया लोकतंत्र का अर्थ जनता का राज, नागरिकों का शासन। मगर यह जनता के हाथ में होते हुए भी जनता से बहुत दूर है। क्योंकि इसका जो तरीका है वह बेहद खर्चीला है, इसमें पैसे की जरूरत होती है। पैसा पूँजीपतियों के पास है, वह उन पर लाभ से एकत्र हुआ है। वे ज़ब उसे राजनीति पर खर्च करेंगे या निवेश करेंगे, तो उससे लाभ कमायेंगे और ज्यों ही लोकतंत्र लाभ कमाने का कार्य करेगा, वह व्यापार हो जायेगा और फिर वह भ्रष्टाचार में बदल जायेगा। यह हो भी रहा है। इसलिए लोकतंत्र में तमाम जनहित होनें के बावजूद वह लूटतंत्र में बदल जाता है। उदाहरण, एक विधानसभा क्षेत्र में 2 से 3 लाख मतदाता होते हैं, उन तक पहुंचने के लिए, उन्हें खुश रखने के लिए उनके वोट प्राप्त करने के लिए धन  की जरूरत तो है ही, यही जरूरत लूटतंत्र का निर्माण करती है। लोकसभा 20 लाख मतदाताओं की देश कमसे कम 100 करोड़ के लगभग मतदाताओं का, खर्च तो होगा और चाहिए भी। सवाल लूटतंत्र बनने से कैसे रोका जाये? पहले वोट लेने के लिए राजनैतिक दल प्

परमवीर, मेजर शैतान सिंह

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परमवीर, मेजर शैतान सिंह राजस्थान के जोधपुर के बनासर में जन्मे मेजर शैतान सिंह भाटी वर्ष 1949 में भारतीय सेना की तेरहवीं कुमाऊं रेजिमेंट में नियुक्त हुए थे वर्ष 1962 के सिनो-भारत युद्ध के दौरान मेजर शैतान सिंह को कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी की कमान सौंपी गई थी जो युद्ध के दौरान लद्दाख के चुसुल में तैनात थी केवल 123 जवानों की कंपनी पर 18 नवंबर की सुबह लगभग 1500 से अधिक चीनी सैनिकों ने जोरदार हमला बोला जमा देने वाली सर्द के बीच पुरानी बंदूकों एवं मुट्ठी भर गोलियों के साथ मोर्चे पर डटे शैतान सिंह को वरीय अधिकारियों द्वारा उनकी पोस्ट छोड़ पीछे हटने को कहा गया हालांकि विपरीत परिस्थितियों में शैतान सिंह और 120 बहादुर जवानों की टुकड़ी ने अंतिम सांस तक मातृभू की रक्षा की सौंगन्ध ली और अंतिम जवान अंतिम गोली तक संघर्ष करते रहे इस भीषण संघर्ष में अंतिम सांस तक मेजर शैतान सिंह अपने जवानों की अगुवाई करते रहे, इतिहास में इस युद्ध को द लास्ट स्टैंड के रूप में जाना गया, जिसकी गौरव गाथा अमर है अदम्य साहस एवं कर्तव्य की पुकार से परे जाकर मां भारती पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले शैतान सिंह को मरणोपरांत प

अद्वितीय वीरतापूर्ण संघर्ष पूर्ण बलिदानी मेजर शैतान सिंह पर बनी थी फ़िल्म हकीकत....

18 नवम्बर/इतिहास-स्मृति (मेजर शैतान सिंह स्मृति दिवस) अन्तिम सांस तक संघर्ष भारतीय वीर सैनिकों के बलिदान की गाथाएं विश्व इतिहास में यत्र-तत्र स्वर्णाक्षरों में अंकित हैं। चाहे वह चीन से युद्ध हो या पाकिस्तान से; हर बार भारतीय वीरों ने अद्भुत शौर्य दिखाया है। यह बात दूसरी है कि हमारे नेताओं की मूर्खता और समझौतावादी प्रवृत्ति ने रक्त से लिखे उस इतिहास को कलम की नोक से काट दिया। 18 नवम्बर 1962 को चुशूल में मेजर शैतान सिंह और उनके 114 साथियों का अप्रतिम बलिदान इसका साक्षी है। उत्तर में भारत के प्रहरी हिमालय की पर्वत शृंखलाएं सैकड़ों से लेकर हजारों मीटर तक ऊंची हैं। मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13वीं कुमाऊं की 'सी' कम्पनी के 114 जवान शून्य से 15 डिग्री कम की हड्डियां कंपा देने वाली ठंड में 17,800 फुट ऊंचे त्रिशूल पर्वत की ओट में 3,000 गज लम्बे और 2,000 गज चौड़े रजांगला दर्रे पर डटे थे।  वहां की कठिन स्थिति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि चाय बनाने के लिए पानी को कई घंटे तक उबालना पड़ता था। भोजन सामग्री ठंड के कारण बिलकुल ठोस हो जाती थी। तब आज की तरह आधुनिक ठंडरोधी टैंट भी नही

जीव दया ही सर्वोच्च पुण्य है - अरविन्द सिसोदिया Arvind Sisodia

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  अहिंसा परमो धर्म:  - यूं तो पृथ्वी को मृत्युलोक कहा गया है, जो जन्मा है, जिसे शरीर मिला है, उसकी मृत्यु भी हुई है। पेड़ पौधों को छोड़ दें तो मानव सहित तमाम पशु पक्षी जानवर कीट पतंगे तक किसी दूसरे जीव के शरीर को कष्ट और क्षति पहुंचा ही रहे हैं। मेरे जीवन के लिए किसी दूसरे प्राणी को मरना ही पड़ रहा है। कोई कह पा रहा, कोई कराह रहा है,कोई खामोश मौत की आगोश में समा रहा है, कुल मिला कर मृत्यु का खेल निरंतर चल रहा है। - फ़िरभी जो हिंसा अनावश्यक है उससे बचना चाहिए, अहिंसा से जीवन निकल जाये इसकी ईमानदार कोशिश होनी चाहिए.. *◆ अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है व्यक्ति ...…* मौत के स्वाद का  चटखारे लेता मनुष्य ... थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है ... मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है। बकरे का,  गाय का, भैंस का, ऊँट का, सुअर, हिरण का, पाए का,  तीतर का,  मुर्गे का,  हलाल का,  बिना हलाल का,  झटके का, ताजा बकरे का,  भुना हुआ, छोटी मछली,  बड़ी मछली,  हल्की आंच पर सिका हुआ।  और न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के। क्योंकि मौत किसी और की, और स्वा

भारतीय इंटेलिजेंस को बहुत अधिक सावधान रहना होगा, गुजरात चुनाव प्रभावित करने की कोशिश हो रही है - अरविन्द सिसोदिया

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भारतीय इंटेलिजेंस को बहुत अधिक सावधान रहना होगा, गुजरात चुनाव प्रभावित करने की कोशिश हो रही है - अरविन्द सिसोदिया  पहली - उदयपुर-अहमदाबाद रेल लाइन पर रात में विस्फोट की आवाज से हड़कंप मच गया।  जानकारी के मुताबिक विस्फोट की आवाज ओडा पुल से आई थी, इसके बाद ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर देखा तो नया ट्रैक क्षतिग्रस्त मिला। लोगों ने इसकी सूचना तुरंत रेलवे को दी, लोगों की सजगता की वजह से बड़ा हादसा टल गया। दरअसल, यह रेल लाइन 31 अक्टूबर से ही शुरू हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रैक का उद्घाटन किया था. इसकी उच्च स्तरीय जाँच प्रारंभ हो गई है। दूसरी -  30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज टूटने से 135 लोगों को मौत हो गई थी। हादसे के बाद 5 दिनों तक हताहत हुए लोगों की तलाश जारी रही। इस घटना की भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। इन दोनों घटनाओं से गुजरात चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की बू आती है। दिल्ली के लाल किले पर जिन्होंने हुडदंग करवाई थी.... वे ताकतें गुजरात चुनाव के दौरान चुप नहीं रहेंगी.... भारतीय इंटेलिजेंस को बहुत अधिक सावधान रहना होगा।