सीबीआई - सोनिया जी की बाई .....


भा ज पा ने संसद में सी बी आई के चाल चलन को ले कर बहस करना चाहती थी मगर वह नही हो सकी । तब उन्होंने महामहिम से मिलने का और देश भर में १२ मई २०१० को धरना करने का कम किया । इस से जन जागरण तो हुआ हे मगर यह विषय अभी भी एक दम से समझ में नही आ रहा हे और ज्यादा आच्छे डंग से समझाना होगा ।
कांग्रेश ने तो आपना हित इसलिए साध लिया की लालू मुलायम माया सिबू और न जाने कितनी लम्बी कतार हे राजनीती में जिन्होनें सात सात पीढ़ी का इंतजाम कर लिया हे । पोजीसन के प्रभाव से पैसा बनाने में सभी ने कांग्रेश की नक़ल की हे । यह तो आच्छा हे की उनकी पहुच बड़ी बड़ी मछ्लीयें पर ही हे अन्यथा हजारों की संखया में छुट भेइया नेता भी फंसे होते । देश में भक्त कुछ भगबान भरोसे चल रहा हे उसमें न्याय भी हे । कांग्रेस ने सी बी आई का दूर उपयोग तो जम कर किया हे , क्वात्र्ची को बचाने में क्या कुछ नही किया , समझ से परे तो उन नमक हरामों की हे जो तनखाह तो जनता के टेक्स से लेते हें और बजाते भ्रष्ट नेताओं की हे , इससे भी शर्मनाक सिख विरोधी १९८४ के दंगों के मास्टर माइंड कांग्रेस के दिग्गज नेता जगदीश टाईटलर को अदालत से बरी करबाने में किया गया । हजारों सिख सरे आम कांग्रेस के लोगों नें nrr sans डंग से मर डाले और सजा किसी को नही ...
पेट्रोल पम्प आबंटन में सतीश शर्मा के विरुद्ध चल रहे १५ केस बंद करवा दिए । इसी तरह छतीस गड़ के पूर्व मुख्य मंत्री अजित जोगी के बचाया ।
कांग्रेस को समर्थन देने वाले लालू और मुलायम के अकूत धन से जुड़े मामले कभी डिले कभी खीचें रख कर उसको कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने के लिए मजबूर करती हे । ये कागजी शेर एक संदेश पर पेरों में आ गिरते हें । जय जय सोनिया जी और जय जयकांगेरस बोलने लगते हें । यही हाल माया बती का हे , २७ अप्रेल २०१० को जब केंद्र sarkar गिरने बाली थी तब बसपा के २१ सांसदों की मदद ली गई । यही डर लालू मुलायम को सदन के बहार रखने में सफल हुआ हे । कुल मिला कर सी बी आई कांग्रेस की नही बल्कि सोनिया जी की बाई कह लाने लायक हे । कांग्रेस ने कई संस्थानों का जम कर उपयोग किया हे , देश का अरबों खरबों लुटा हे यदि दम हे तो स्विस बेंको में जमा १४५६ अरब अमेरिकी डालर का काला धन किन किन भारतीयन का हे , उनके नाम सी बी आई बताये
सी बी आई तीन काम कर रही हे ,
१- कांग्रेस से जुड़े लोगों के केस ख़त्म कर बाना। जेसे क्वात्रोची , टाईटलर, सतीश शर्मा और अजित जोगी ।
२- कांग्रेस को समर्थन दे रहे एनी दलों के नेताओं को , सी बी आई के प्रकरणों से दवाव में रखना और वक्त जरूरत उनसे अपने पक्ष में मत प्राप्त करना । मुलायम सिंह यादव , लालू प्रशाद यादव , मायावती , शिबू सोरेन , करुना निधि , शरद पंवार और आन्य ।
३- जो दल कभी साथ नही दे सकते उनको सी बी आई के द्वारा खूब परेसान करना जेसे गुजरात सरकार और उसके अधिकारी गन । बीजेपी के अडवाणी पर , नरेन्द्र मोदी पर , शिव सेना पर, हिन्दू संगठनों पर ।
सी बी आई के क्रिया कलापों पर न्यायालयों को कड़ी नजर रखनी चाहिए , उनके किसी भी आरोप पर उनसे प्रतिबधता लेनी चाहिए और फिर पलटने की इजाजत नही देनी चाहिए । जहाँ कोई न नुकुर करे वही उस पर कड़ी टिपणी भी करनी चाहिए और उसे गेर जिम्मेवार करार देना चाहिए ।

अरविन्द सीसोदिया
राधा क्रिशन मंदिर रोड ,
ददवारा वार्ड ५९ ; कोटा ।
राजस्थान .

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