राजीव गाधी को , कांग्रेस की श्रधान्जली झूठी.....

राजीव गाधी की दुखद हत्या २१ मई १९९१ में हुई थी . तब यह सामने आया था की हत्या के लिए एल टी टी ई जिम्मेवार  हे उसकी सुबह चिन्तक ड़ी एम् के की करुनानिधि सरकार को १९९१ में बर्खास्त कर दिया गया था, तब कांग्रेस की १ नम्वर दुश्मन करुनानिधि की पार्टी थी . केंद्र में गुजराल सरकार का हिस्स भी ड़ी एम् के थी और जेन आयोग  ने भी इस की भूमिका को संदिग्ध ठहराते हुए टिप्पणी की थी . तब कांग्रेस ने गुजराल सरकार से समर्थन वापिस  ले लिया था . और सरकार को गिरा दिया था .तब तक कांग्रेस को और सोनिया जी को राजीव बड़े थे , दुश्मन दुश्मन था . मगर सत्ता का सुख बहुत बुरा होता हे सब कुछ भुला देता हे . आज जब भारत सरकार कांग्रेस चला रही हे तब कुराना निधि को गले लगाया जा चूका हे . कांग्रेस और करुणानिधि आब एक हें . कुछ साल पहले शत्रु थे , स्वार्थ की दोस्ती हे , राजीव की जाँच कर रहे, जेन  आयोग ने हत्या के लिए करुणानिधि के सामने ऊँगली उठाई थी . मगर सत्ता की लिए सब भूल गये .  .
प्रश्न यह हे की सोनिया के होते हुए भी जब स्वर्थ बड़ा हे तो फिर राजीव क्या हें . उनके तो वे पति थे और की बात छोडो मगर उन्हें तो यह नही कर्ण चाहिए था . अब उन्हें भी सतत की स्वर्थी खा जाये तो आपत्ति नही होनी चाहिए .
राजीव को पुरे देश ने श्रधान्नजली  दी हे , मगर कांग्रेस की श्रधान्जली झूठी मणि जाएगी . क्यों की वे करुणानिधि की गोदी में बेठी हे . उनके सहयोगी हें. उनको एक पूरा मंत्रालय लुटवा रहे हें .
यूँ तो विदेशों में , राजीव की हत्या के लिए कुआत्रोची  को जिम्मेव्र मन जा रहा हे . उसने एल टी टी ई का इस्तेमाल किया बताया जा रहा हे . पूर्व में कांग्रेस के भी उनसे आछे सम्बन्ध थे .करुणानिधि तो उनके कर्ण ही सत्ता में हे . अभी जब एल टी टी ई का जब लंका में सफाया हो रहा था तब भी करुणानिधि ने कांग्रेस को मजबूर कर दिया की वह एल टी टी ई के पक्ष में बोले .और वह बोली थी .
हम तो यहाँ यही कहेगे , कांग्रेस ने सत्ता  के   लिए सभी मर्यादाएं तोड़ डाली

अरविन्द सिसोदिया
राधा क्रिशन मंदिर रोड .
ददवारा , कोटा
राजस्थान . . . .  . .

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