सरकार सामूहिक विवाह सम्मेलनों को सहयोग करें
सामूहिक विवाह सम्मेलनों को सरकार , कर्तव्य और उत्सव के रूप में आयोजित करे . - अरविन्द सिसोदिया यूँ तो आवश्यकता अविष्कार कि जननी होती हे , सामूहिक विवाह सम्मलेन भी इसी कि उपज हे . सरकार के स्तर पर सामूहिक विवाह सम्मेलनों को सहयोग कि बात मुझे जहाँ तक ध्यान आती हे वह नाम भैंरो सिंह शेखावत का आता हे वे राजस्थान के मुख्यमंत्री थे . जनता को सरकारी खजाने से पैसा मिलने का काम भी १९७७ में आई जनता सरकार से ही प्रारंभ हुआ हे , उससे पहले तो सरकार जनता से पैसा लेना ही जानती थी . देना नही जानती थी . बड़ती महंगाई के कारण जातीय पंचायतों और संगठनों ने कुछ धन वर-वधु के आभिभाव्कों से और कुछ धन समाज के सम्पन्न लोगों से लेकर यह कार्य प्रारंभ किया था जो बहुत ही तेजी से सम्पूर्ण समाज में फैल गया . पिछड़ी जातियों और गरिवों के नाम पर बाद में सरकारें भी जुडी . - सामूहिक विवाह सम्मलेन को प्रोत्सहान देने कि आवश्यकता हे , सरकारी सहयोग राशी भी बडानी चाहिए , इन्हें लोकप्रिय और व्यवहारिक बनने के लिए जिला पंचायतों को ही आगे करना चाहिए . केंद्र सरकार को भी योगदान देना चाहिए , इसमें कमियां खो