सरकार सामूहिक विवाह सम्मेलनों को सहयोग करें


सामूहिक विवाह सम्मेलनों को सरकार ,
कर्तव्य और उत्सव के रूप में  आयोजित  करे .

- अरविन्द सिसोदिया
 यूँ तो आवश्यकता अविष्कार कि जननी होती हे ,
सामूहिक विवाह सम्मलेन भी इसी  कि उपज हे .
सरकार के स्तर पर सामूहिक विवाह सम्मेलनों को सहयोग कि बात मुझे जहाँ तक ध्यान आती हे वह नाम भैंरो सिंह शेखावत  का आता  हे वे राजस्थान  के मुख्यमंत्री थे . जनता को सरकारी खजाने से पैसा मिलने का काम भी १९७७ में आई जनता सरकार से ही प्रारंभ हुआ हे , उससे पहले तो सरकार जनता से पैसा लेना ही जानती थी . देना नही जानती थी .
बड़ती महंगाई  के कारण जातीय पंचायतों और संगठनों ने कुछ धन वर-वधु के आभिभाव्कों से और कुछ धन समाज के सम्पन्न लोगों से लेकर  यह कार्य प्रारंभ किया था जो बहुत ही तेजी से सम्पूर्ण समाज में फैल गया . पिछड़ी जातियों और गरिवों के नाम पर बाद में सरकारें भी जुडी  .  
  - सामूहिक   विवाह सम्मलेन को प्रोत्सहान   देने कि आवश्यकता हे , सरकारी सहयोग राशी भी बडानी चाहिए , इन्हें लोकप्रिय और व्यवहारिक बनने के लिए जिला पंचायतों को ही आगे करना चाहिए . केंद्र  सरकार को भी योगदान देना चाहिए , इसमें कमियां खोजने के बजाये पहुच रही मदद के नजरिये से देखना चाहिए , गरीव कि परिभाषा   का मतलब भी मात्र बी पी एल नही हो बल्कि ६०  हजार रूपये से कम वार्षिक आमदनी वालों को भी इसमें सम्मिलित किया जाये .
प्रेरक प्रशंग  
-- २८ मई २०१० , मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ विकासखण्ड के ग्राम कुंवर कोटरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में कहा कि व्यक्ति जब कर्ज लेकर बिटिया की शादी करता है तो वह हमेशा सोचता है कि उसके परिवार में कभी दूसरी बिटिया नहीं हो। लेकिन मैंने संकल्प लिया है कि बेटी को वरदान बना कर ही चैन लूंगा। सम्मेलन में 451 कन्याओं का विवाह हुआ,जिसमें 9 मुस्लिम कन्याओं का निकाह भी हुआ।

     मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बेटी के जन्म होने पर लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ, स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई का खर्च, विवाह के लिये मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और फिर प्रसव होने पर जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिया जाता है। इस प्रकार बेटी के जन्म से लेकर उसके मां बनने तक शासन की ओर से अनेक योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाता है। प्रसव के दौरान श्रमिक माताओं को 45 दिन की मजदूरी का पैसा बिना काम के ही दिया जाता है।
एक अन्य कार्यक्रम  में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने कहा है कि मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक विवाह योजना इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगी। जिसमें सभी धर्म जाति के लोग बिना भेदभाव के हजारों की संख्या में उपस्थित होकर सामूहिक विवाह कार्यक्रम को सम्पन्न कराते हैं। विधानसभा अध्यक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह की चिन्ता कर मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक विवाह योजना बनायी है। इसका क्रियान्वयन पूरे छत्तीसगढ़ में हो रहा है। श्री कौशिक ने कहा कि इस योजना ने गरीबों को अपनी बेटी के विवाह के चिंता से मुक्ति दिलायी है।

     -- एक अन्य सम्मलेन मध्य प्रदेश के गढाकोटा में भी हुआ. जो सुर्ख़ियों में हे. भाजपा के नेता और वर्तमान में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गोपाल भार्गव ने लगातार आठवी बार सामूहिक विवाह सम्मलेन आयोजित किया हे जिसमें १०५१ जोड़ों का विवाह संपन्न करवाया गया . प्रत्येक जोड़े को १० हजार रूपये सरकार से और मंत्री महोदय ने अपने प्रभाव से एकत्र राशी से ४० हजार रूपये का अन्य सामान भी इन जोड़ों को दिया हे. जेसे ग्रहस्थी के सामान के रूप में गैस चूल्हा , गैस सिलेंडर , टी वी , पलंग , सूटकेस , बिस्तर , सोफा, सोने का मंगल सूत्र , चाँदी  कि पायलें  , घड़ी , सीडी प्लेयर , मेकअप बाक्स आदि आदि . अम्म्स्लन में २५१ पुरोहित और ५१ काजी सहित अन्य व्यवस्थों का भी इतजाम था . उनकी कुछ आलोचना भी हुई .
   मेरा मानना हे कि राजनीती में रह कर यह व्यक्ति बहुत ही अच्छा काम कर रहा हे. यह उनका आठवां आयोजन था , में भगवान से आशा कर सकता हु कि वे जियें तब तक निरंतर इस आयोजन को करते रहें . गरीव के लिए यह बहुत बड़ी समस्या हे , इसमें सहयोग  करना  . महान पुन्य का काम हे.
- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में भिण्ड जिले में जारी मई माह में 196 कन्याओं के विवाह सम्पन्न होगें। जिसके तहत जनपद पंचायत लहार में 103, गोहद में 22 और नगर पालिका भिण्ड में 70 विवाह विभिन्न तिथियों में आयोजित किये गये है। इस तरह के समाचार तो सभी जगह हें मगर उनमें सरकार अपनेपन से साथ हो यही बड़ी बात हे .
मेरा विशेस कर आनी राज सरकारों से अनुरोध रहेगा कि वे आम व्यक्ति कि इस समस्या में राहत देकर राजधर्म निभाएं . 
- राधाकृष्ण मन्दिर रोड , डडवाडा , कोटा २ , राजस्थान .

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