डाउ केमिकल्स ने,भारत और प्रणव दा का अपमान किया
भारत और प्रणव दा का अपमान किया डाउ केमिकल्स ने ....!
समुद्री जीवों से भी गये गुजरे भारतीय ....!!
भारत सरकार सरकार हे या अमरीकी गुलाम ...!!!
-- अरविन्द सिसोदिया
समुद्री जीवों से सस्ते भारतीय हें , अमरीकी नजर में --
- मेक्सिको की खाड़ी में ब्रिटिश पेट्रोलियम के तेल कुएं में विस्फोट से 11 कर्मचारियों की मौत हो गई और समुद्र में तेल का रिसाव शुरू हो गया। करीब दो महीने से रिसाव जारी है। इससे अब तक 597 पक्षियों, 243 कछुओं और 31 दूसरे समुद्री जीवों की मौत हो गई है। 30 डॉल्फिन की मौत की बात भी कही जा रही है । रिसाव के चलते अमेरिका ने तुरंत 2 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान लगा लिया और ब्रिटिश पेट्रोलियम पर दबाव बना कर एक अरब डॉलर हर्जाना भरने के लिए उसे राजी भी कर लिया लिया। कंपनी समुद्र तटों की सफाई पर एक अरब डॉलर खर्च भी कर चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ब्रिटिश पेट्रोलियम को यह कहते हुए आड़े हाथों भी लिया कि यहां पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और कंपनी अपनी छवि सुधारने के लिए विज्ञापन पर पैसे उड़ा रही है। 25 साल पहले भोपाल में अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड की भारतीय ईकाई यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के प्लांट से जहरीली गैस रिसने से अब तक 35 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और करीब छह लाख लोग प्रभावित हुए हैं इसके एवज में यूनियन कार्बाइड ने करीब डेढ़ देशक पहले 47 करोड़ डॉलर हर्जाना देकर छुट्टी पा ली थी। इस तरह एक आदमी के हिस्से में 12 हजार रुपये आ रहे हैं। ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर मुआवजा मिलने और दोषियों को मात्र दो साल की सजा मिलने को अमेरिका पर्याप्त बता रहा है। अमेरिकी कंपनी के अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि अब इस संबंध में पीड़ित कोई नया बखेड़ा खड़ा नहीं करेंगे।भारत सरकार भी भारतीय पैसे से भोपाल गैस पीड़ितों का मुह बद करने की कोशिश में लगी हुई हे .
अमेरिका के 27 सांसदों ने भारतियों का पक्ष लिया ..., मगर भारत सरकार ने कोई पहल नही की ..,
वॉशिंगटन,अमेरिका के 27 सांसदों ने डाउ केमिकल कंपनी से कहा है कि वह भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के इलाज और उनके आर्थिक पुनर्वास के लिए तत्काल कदम उठाए। उल्लेखनीय है कि यूनियन कार्बाइड कंपनी अब डाउ केमिकल के पास ही है।
सांसदों ने कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ ऐंड्रू लिवरीस को भेजे एक पत्र में कहा है, 'हम डाउ से अनुरोध करते हैं कि भारत में चल रहे भोपाल से संबंधित मुकदमों में उसका कोई प्रतिनिधि उपस्थित हो, त्रासदी के पीड़ितों की चिकित्सा एवं आर्थिक जरूरतों की ओर कंपनी ध्यान दे और फैक्ट्री स्थल के आसपास की मिट्टी और भूमिगत जल की सफाई करे।' इंटरनैशनल कैम्पेन फॉर जस्टिस इन भोपाल (आईसीजेबी) ने कहा है कि फैक्ट्री की सफाई की जाए और कंपनी प्रदूषित भूमिजल की सफाई करे।पलोन ने कहा कि घटना के 25 साल बाद भी भोपाल की त्रासदी हमारे जेहन में कायम है। उन्होंने कहा कि हजारों लोग अब भी परेशानी झेल रहे हैं, जबकि यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्य कंपनियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे।
भारत सरकार का अपमान किया यूनियन कार्बाइड के नए अवतार, डाउ केमिकल्स ने
-22 जून को हुई इंडो-यूएस की प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में नहीं पहुंचे इस बैठक में भारत की ओर से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने भाग लिया था। यह बैठक करीब सात महीने पहले से निर्धारित थी।कंपनी के प्रवक्ता लुईस अधिकारी ने बताया कि कुछ पूर्व निर्धारित बैठकों के कारण चेयरमेन मीटिंग में नहीं आ सके।
इसके साथ ही यूनियन कार्बाइड के नए अवतार, डाउ केमिकल्स ने फिर एक बार दोहराया है, कंपनी की जहरीली गैस कांड के पीड़ितों के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है। कंपनी के दूसरे प्रवक्ता स्काट व्हीलर के, यूएस के अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल को भेजे मेल से विवाद फिर उभर आया है। अपने मेल में व्हीलर ने साफ शब्दों में कहा है कि डाव केमिकल्स का भोपाल गैस पीड़ितों के प्रति कोई उत्तरदायित्व नहीं है और प्लांट की सफाई की जवाबदेही केंद्र और राज्य सरकारों की है।
कुल मिला कर यह बात हे की , वे अमेरिकन हें और हमारे पास पूछ हिलाने वाली सरकार ..!
- राधा कृष्ण मन्दिर रोड ,
डडवाडा , वार्ड ५९ , कोटा २ ,
राजस्थान .
समुद्री जीवों से भी गये गुजरे भारतीय ....!!
भारत सरकार सरकार हे या अमरीकी गुलाम ...!!!
-- अरविन्द सिसोदिया
समुद्री जीवों से सस्ते भारतीय हें , अमरीकी नजर में --
- मेक्सिको की खाड़ी में ब्रिटिश पेट्रोलियम के तेल कुएं में विस्फोट से 11 कर्मचारियों की मौत हो गई और समुद्र में तेल का रिसाव शुरू हो गया। करीब दो महीने से रिसाव जारी है। इससे अब तक 597 पक्षियों, 243 कछुओं और 31 दूसरे समुद्री जीवों की मौत हो गई है। 30 डॉल्फिन की मौत की बात भी कही जा रही है । रिसाव के चलते अमेरिका ने तुरंत 2 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान लगा लिया और ब्रिटिश पेट्रोलियम पर दबाव बना कर एक अरब डॉलर हर्जाना भरने के लिए उसे राजी भी कर लिया लिया। कंपनी समुद्र तटों की सफाई पर एक अरब डॉलर खर्च भी कर चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ब्रिटिश पेट्रोलियम को यह कहते हुए आड़े हाथों भी लिया कि यहां पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और कंपनी अपनी छवि सुधारने के लिए विज्ञापन पर पैसे उड़ा रही है। 25 साल पहले भोपाल में अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड की भारतीय ईकाई यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के प्लांट से जहरीली गैस रिसने से अब तक 35 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और करीब छह लाख लोग प्रभावित हुए हैं इसके एवज में यूनियन कार्बाइड ने करीब डेढ़ देशक पहले 47 करोड़ डॉलर हर्जाना देकर छुट्टी पा ली थी। इस तरह एक आदमी के हिस्से में 12 हजार रुपये आ रहे हैं। ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर मुआवजा मिलने और दोषियों को मात्र दो साल की सजा मिलने को अमेरिका पर्याप्त बता रहा है। अमेरिकी कंपनी के अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि अब इस संबंध में पीड़ित कोई नया बखेड़ा खड़ा नहीं करेंगे।भारत सरकार भी भारतीय पैसे से भोपाल गैस पीड़ितों का मुह बद करने की कोशिश में लगी हुई हे .
अमेरिका के 27 सांसदों ने भारतियों का पक्ष लिया ..., मगर भारत सरकार ने कोई पहल नही की ..,
वॉशिंगटन,अमेरिका के 27 सांसदों ने डाउ केमिकल कंपनी से कहा है कि वह भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के इलाज और उनके आर्थिक पुनर्वास के लिए तत्काल कदम उठाए। उल्लेखनीय है कि यूनियन कार्बाइड कंपनी अब डाउ केमिकल के पास ही है।
सांसदों ने कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ ऐंड्रू लिवरीस को भेजे एक पत्र में कहा है, 'हम डाउ से अनुरोध करते हैं कि भारत में चल रहे भोपाल से संबंधित मुकदमों में उसका कोई प्रतिनिधि उपस्थित हो, त्रासदी के पीड़ितों की चिकित्सा एवं आर्थिक जरूरतों की ओर कंपनी ध्यान दे और फैक्ट्री स्थल के आसपास की मिट्टी और भूमिगत जल की सफाई करे।' इंटरनैशनल कैम्पेन फॉर जस्टिस इन भोपाल (आईसीजेबी) ने कहा है कि फैक्ट्री की सफाई की जाए और कंपनी प्रदूषित भूमिजल की सफाई करे।पलोन ने कहा कि घटना के 25 साल बाद भी भोपाल की त्रासदी हमारे जेहन में कायम है। उन्होंने कहा कि हजारों लोग अब भी परेशानी झेल रहे हैं, जबकि यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्य कंपनियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे।
भारत सरकार का अपमान किया यूनियन कार्बाइड के नए अवतार, डाउ केमिकल्स ने
-22 जून को हुई इंडो-यूएस की प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में नहीं पहुंचे इस बैठक में भारत की ओर से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने भाग लिया था। यह बैठक करीब सात महीने पहले से निर्धारित थी।कंपनी के प्रवक्ता लुईस अधिकारी ने बताया कि कुछ पूर्व निर्धारित बैठकों के कारण चेयरमेन मीटिंग में नहीं आ सके।
इसके साथ ही यूनियन कार्बाइड के नए अवतार, डाउ केमिकल्स ने फिर एक बार दोहराया है, कंपनी की जहरीली गैस कांड के पीड़ितों के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है। कंपनी के दूसरे प्रवक्ता स्काट व्हीलर के, यूएस के अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल को भेजे मेल से विवाद फिर उभर आया है। अपने मेल में व्हीलर ने साफ शब्दों में कहा है कि डाव केमिकल्स का भोपाल गैस पीड़ितों के प्रति कोई उत्तरदायित्व नहीं है और प्लांट की सफाई की जवाबदेही केंद्र और राज्य सरकारों की है।
कुल मिला कर यह बात हे की , वे अमेरिकन हें और हमारे पास पूछ हिलाने वाली सरकार ..!
- राधा कृष्ण मन्दिर रोड ,
डडवाडा , वार्ड ५९ , कोटा २ ,
राजस्थान .
बहुत अच्छी रचना
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