महंगाई का महाघोटाला
प्रश्न यह हे की प्रधानमंत्री किसका ..?
महंगाई के महाघोटाले बाजों का !
- अरविन्द सिसोदिया
जनता का या मतदाताओं का या य़ू पी ए गठ बंधन का या कांग्रेस पार्टी का या सोनिया गाँधी का , या अमरीकी हितों का , या बहूराष्ट्रिय कंपनियों का , या जमाखोरों का , तेजड़ियों का , स्वंय प्रधानमंत्री ही बता सकते हें की वे किन किन के प्रधानमंत्री हें ! इस समय जो हालात हें उनमें तो प्रधानमंत्री जी जनता और मतदाताओं से तो कह नही सकते की वे उनके हें !!
सरकार मंहगाई के सच को कब मानेगी यह तो वह ही जाने . मगर अब आम आदमी का जीना मुहाल हो रहा हे महंगाई के कई कारण गिनाये जा सकते हें , मगर सच यह हे की किसी को चिंता ही नही हे की महंगाई क्यों हे.
एक प्रधान मंत्री था अटल विहारी वाजपेयी , जिसके शासन में एक बार आलू प्याज का दाम क्या बड़ा , उन्होंने एसी महंगाई की नकेल कसी की उनके ६ साल के शासन में कभी भी महंगाई ने दाम बडाने का नाम नही लिया , ज्यादा वक्त नही सिर्फ ६ साल पहले की ही बात हे , इन ६ सालों में कही कोई तुफान नही आया हे जो महंगाई इतनी सुरसा हो गई की उसमें देश का प्रधान मंत्रिम तक समां जाये ...
विसलेष्क बैठ कर गुटरगू करते रहते हें , जैसे बड़ती जनसंख्या, वायदा बाजार की पूर्व खरीददारी , अधिक नगद राशी बाजार में होने से जमा खोरी , पर्याप्त खेती सुधार नही होना , ज्यादातर असिचित भूमि होना , भारतीय खेती का वर्ष पर आधारित होना , मांग के अनुरूप मॉल नही होना , वर्ष का निरंतर कम होते जाना .और राजनेतिक द्रष्टि से गलत नीतियाँ !!
सच यह हे की भारत में महंगाई एक नासूर बन चुकी हे , पिछले पाँच साल से एक भी महिना येसा नही गया जब महंगाई का रोना जनता के बीच नही आया हो . और एक भी अवसर येसा नही हे जब य़ू पी ए सरकार की प्राथमिकता सूचि में महंगाई का मुद्दा नही हो , मगर चाहे अनचाहे अनेदों मोकों पार सरकार ने आगे हो कर महंगाई को प्रोत्साहन दिया . उनके अनेकों मंत्रियों ने आगे और मूल्य बदने की बात सार्वजनिक रूप से कही , पूरे एपीसोड़ों को देखने से लगता हे की सरकार के खाने के दाँत और हें दिखाने के और , सरकार स्वंय चाहती हे की महंगाई बड़े , यह किन को लाभ पहुचने बड़े यह सहज समझ में आता हे , सरकार पूजीवाद को , लाभ कमाने वालों को , जमाखोरों को फायदा पहुचा कर अपना हित साध रही हे . यह हित मोटी चंदा वसूली के अतिरिक्त और क्या हो सकता हे . ये महंगाई नही हे यह महा घोटाला हे . अर्थार्त महंगाई का महाघोटाला ...!!
-- राधा कृष्ण मन्दिर रोड, ड़डवाडा , कोटा २ , राजस्थान . . .
महंगाई के महाघोटाले बाजों का !
- अरविन्द सिसोदिया
जनता का या मतदाताओं का या य़ू पी ए गठ बंधन का या कांग्रेस पार्टी का या सोनिया गाँधी का , या अमरीकी हितों का , या बहूराष्ट्रिय कंपनियों का , या जमाखोरों का , तेजड़ियों का , स्वंय प्रधानमंत्री ही बता सकते हें की वे किन किन के प्रधानमंत्री हें ! इस समय जो हालात हें उनमें तो प्रधानमंत्री जी जनता और मतदाताओं से तो कह नही सकते की वे उनके हें !!
सरकार मंहगाई के सच को कब मानेगी यह तो वह ही जाने . मगर अब आम आदमी का जीना मुहाल हो रहा हे महंगाई के कई कारण गिनाये जा सकते हें , मगर सच यह हे की किसी को चिंता ही नही हे की महंगाई क्यों हे.
एक प्रधान मंत्री था अटल विहारी वाजपेयी , जिसके शासन में एक बार आलू प्याज का दाम क्या बड़ा , उन्होंने एसी महंगाई की नकेल कसी की उनके ६ साल के शासन में कभी भी महंगाई ने दाम बडाने का नाम नही लिया , ज्यादा वक्त नही सिर्फ ६ साल पहले की ही बात हे , इन ६ सालों में कही कोई तुफान नही आया हे जो महंगाई इतनी सुरसा हो गई की उसमें देश का प्रधान मंत्रिम तक समां जाये ...
विसलेष्क बैठ कर गुटरगू करते रहते हें , जैसे बड़ती जनसंख्या, वायदा बाजार की पूर्व खरीददारी , अधिक नगद राशी बाजार में होने से जमा खोरी , पर्याप्त खेती सुधार नही होना , ज्यादातर असिचित भूमि होना , भारतीय खेती का वर्ष पर आधारित होना , मांग के अनुरूप मॉल नही होना , वर्ष का निरंतर कम होते जाना .और राजनेतिक द्रष्टि से गलत नीतियाँ !!
सच यह हे की भारत में महंगाई एक नासूर बन चुकी हे , पिछले पाँच साल से एक भी महिना येसा नही गया जब महंगाई का रोना जनता के बीच नही आया हो . और एक भी अवसर येसा नही हे जब य़ू पी ए सरकार की प्राथमिकता सूचि में महंगाई का मुद्दा नही हो , मगर चाहे अनचाहे अनेदों मोकों पार सरकार ने आगे हो कर महंगाई को प्रोत्साहन दिया . उनके अनेकों मंत्रियों ने आगे और मूल्य बदने की बात सार्वजनिक रूप से कही , पूरे एपीसोड़ों को देखने से लगता हे की सरकार के खाने के दाँत और हें दिखाने के और , सरकार स्वंय चाहती हे की महंगाई बड़े , यह किन को लाभ पहुचने बड़े यह सहज समझ में आता हे , सरकार पूजीवाद को , लाभ कमाने वालों को , जमाखोरों को फायदा पहुचा कर अपना हित साध रही हे . यह हित मोटी चंदा वसूली के अतिरिक्त और क्या हो सकता हे . ये महंगाई नही हे यह महा घोटाला हे . अर्थार्त महंगाई का महाघोटाला ...!!
-- राधा कृष्ण मन्दिर रोड, ड़डवाडा , कोटा २ , राजस्थान . . .
विचारोत्तेजक आलेख!
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