भावी सत्ता परिवर्तन की आहट के संकेत .....
- अरविन्द सिसोदिया
कुल मिला कर अभी तक जो सत्ता में वापसी का ट्रेंड था वह बदल गया है , अब सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड फिरसे आगया है , कांग्रेस को अभी तो ख़ुशी हो रही होगी मगर यही उन्हें आगे चल कर सत्ता से बाहर करने वाला है | इन चुनाव में भाजपा को खोनें को कुछ नहीं था .., वामपंथी हार गए मगर अगली वापसी से उन्हें भी कोई नहीं रोक पायेगा ! अब खतरा कांग्रेस को बड़ा है | उप चुनाव ही कांग्रेस के फेवर के नहीं हैं एक भी सीट उन्हें नहीं मिली |
हाल ही में हुए ५ राज्यों के चुनाव और ५ राज्यों में हुए उप चुनाव के परिणाम ..भावी सत्ता परिवर्तन की आहट लेकर आये हैं ..! पांच राज्यों में से ४ राज्यों में सत्ता परिवर्तन हो गया है ! बंगाल में ३४ साल से जमें वाम पंथी एतिहासिक हार को प्राप्त हुए हैं .., मगर इसमें कांग्रेस की जीत नहीं है , यह जीत ममता के संघर्ष की जीत है , अन्यथा कुछ साल पहले तक कांग्रेस तो वाम पंथियों के सहारे सरकार चला रही थी ..!! सोनिया जी और सोमनाथजी की गुड्डी गुड्डी किसनें नहीं देखी..! केरल में सत्ता परिवर्तन एक परंपरा है , सत्ता में आनें की बारी कांग्रेस गठ बंधन की ही थी , लोकसभा चुनाव में यहाँ कांग्रेस को भारी सफलता मिली थी यदि सही दृष्टिकोण से देखा जाये तो , केरल में कांग्रेस ने मात्र १ सीट बहुमत से अधिक प्राप्त की है ..! वहां सत्ता पक्ष और विपक्ष में मात्र ४ सीटों का अंतर है ! तमिलनाडू में कांग्रेस और सहयोगी डी एम् के का पूरी तरह से सफाया हो गया है | भ्रष्टाचार वहां मुद्दा ही बना और २ जी स्पेक्ट्रम के घोटालेबाजों को सत्ता से बाहर कर दिया गया ! पांडिचेरी में कांग्रेस की सत्ता थी वह वहां बुरी तरह हार गए ..! असम में सच यही है वहां विपक्ष नहीं है .., वहां अवैध्य रूप से घुसे बंगलादेशी नागरिक अब इअतनी बड़ी संख्या में हैं की हिन्दू विपक्ष कभी नहीं जीत सकता , वहां भी ममता की तरह ही कोई स्थानीय नेत्रित्व जन्मेंगा तब असम कांग्रेस से मुक्त होगा ! कुल मिला कर ५ में से ४ राज्यों में सत्ता परिवर्तन हो गया ..! अन्य पांच राज्यों के उप चुनाव में कांग्रेस को एक भी जगह सफलता नहीं मिली !
१- छत्तीसगढ़ में बस्तर लोकसभा की एक सीट का उप चुनाव भाजपा ने जीता है |
२- कर्णाटक में तीन विधानसभा उप चुनाव भाजपा ने जीतें हैं | इन तीन सीटों के साथ 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में अब बीजेपी के 109 सदस्य हो गए हैं। जबकि उसे एक निर्दलीय सदस्य का भी समर्थन हासिल है। वहीं कांग्रेस की 71 और जेडीएस की 26 सीटें हैं।
३- आंध्र प्रदेश में एक लोकसभा और एक विधान सभा उप चुनाव कांग्रेस , जगनमोहन रेड्डी की पार्टी से हार गई है |
४- उत्तर प्रदेश में भी पिपराइच विधानसभा सीट का उप चुनाव समाजवादी पार्टी ने जीता है , वहां कांग्रेस प्रथम तीन में नहीं है |
५- नागालैंड में भी कांग्रेस पर नागा लैंण्ड पीपुल्स फ्रंट ने जीत दर्ज की है |
* जगनमोहन ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार डीएल रविंद्र रेड्डी को 5.45 लाख वोटों से शिकस्त दे दी। रेड्डी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं। जगन की मां विजय लक्ष्मी पुलीवेंदुला विधानसभा सीट पर 81 हजार वोटों से जीतीं। उन्होंने यहां अपने रिश्तेदार और कांग्रेस प्रत्याशी वाईएस विवेकानंद रेड्डी को मात दी। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के पुत्र जगनमोहन ने कांग्रेस हाईकमान के साथ मतभेद होने के बाद पार्टी को अलविदा कह दिया था।
* पांच मौकों पर नागालैंड के मुख्यमंत्री रह चुके कांग्रेस के दिग्गज नेता एस.सी. जमीर उपचुनाव में नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के उम्मीदवार तोसीकोपबा लोंगकुमेर से हार गए। वर्ष 2011 में कांग्रेस के विधायक एन. लोंगकुमेर के निधन के बाद उपचुनाव कराए गए थे। कांग्रेस ने हालांकि जमीर की हार को 'बड़ा अपमान' करार दिया है। राज्य में कांग्रेस पार्टी नेतृत्व को लेकर विवादों का शिकार रही है।
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