मदद का राजनीतिकरण


भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल में हुई हिंसा में गंभीर रूप से ज़ख्मी हुए लोगों को 50 हज़ार रुपए और मामूली रूप से ज़ख्मी हुए लोगों को 10 हज़ार रुपए की वित्तीय मदद देने का ऐलान किया है. २२ मई २०११ / रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ़ से जारी बयान में इसकी सूचना दी गई है कि उत्तर प्रदेश के भट्टा परसौल और गौतम बुद्ध नगर ज़िले के अन्य इलाक़ों के ज़ख्मी किसानों और उनके परिवार के सदस्यों को ये वित्तीय मदद दी जाएगी.
      उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा किए गए भूमि अधिग्रहण के एवज़ में ज़्यादा मुआवज़े की मांग कर रहे किसानों के हिंसक होने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कथित तौर पर उनकी पिटाई की थी.इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि ज़िला कलक्टर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ज़ख्मी हो गए थे.
पिछले हफ़्ते कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के किसानों के समर्थन में भट्टा परसौल पहुंचने और पीड़ित किसानों के परिजनों के साथ पूरा दिन बिताने पर ये एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था.इसके बाद माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने राहुल गांधी को ग़िरफ़्तार कर लिया था हालांकि कुछ ही घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया था.
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया था.
पूर्व बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी भट्टा परसौल पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें इसकी इजाज़त नहीं दी गई थी.इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये और राज्य में बढ़ते कथित क़ानून-व्यवस्था के संकट के ख़िलाफ़ गाज़ियाबाद में 24 घंटे का उपवास किया था.

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