सिर्फ धनाढय वर्ग के लिये ही हे उच्च शिक्षा... ??? डरावने कट-ऑफ !!!!!




- अरविन्द सीसौदिया 

अब यह समझ नहीं आ रहा है कि जो बच्चें कम अंक पर उत्तीर्ण हुये हैं, वे क्या कर सकेंगे....! क्या उनकी अब तक की पढाई बेकार हो गई है। प्रथम श्रैणी के बावजूद इच्छित विषय और कालेज में प्रवेश नहीं हो सकता । अधिक अंक,अब सम्पन्न वर्ग का लगभग स्वामित्व है, कोचिंग के बल पर धनाढय वर्ग के बच्चे ही अधिक अंक पाते है। मुझे इस बत की अधिक चिन्ता है कि आम व्यक्ति और गरीव वर्ग को जो उच्च शिक्षा के कमाई वाले क्षैत्र से तो लगभग बाहर कर ही दिया गया है। क्या देश सिर्फ धनाढय वर्ग के लिये ही हे ???????? 


यूं भी बहुत से विषय 50 प्रतिशत अंक से कम पर प्रवेश योग्य ही नहीं रहते। यह जरूरी है कि जो भी पढना चाहते हैं उन्हे शिक्षा का इंतजाम पूर्व से ही होना चाहिये। प्रतिवर्ष सीटें व सेक्शन बढाने के झंझट नहीं होना चाहिये, इसके लिये अनिवार्य व्यवस्था होनी चाहिये। स्वतः सीटों का व सेक्सनों को बढाना चाहिये।
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कोटा। शहर के राजकीय महाविद्यालयों में बढ़ी हुई सीटों की वरीयता सूची का प्रकाशन मंगलवार को कर दिया गया। राजकीय महाविद्यालय, जेडीबी कॉलेज और कॉमर्स कॉलेज में जारी सूचियों में एक बार फिर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों के हाथ भी निराशा ही लगी है।

लगभग सभी विषयों में प्रवेश का कटऑफ 65 प्रतिशत से अधिक है। सिर्फ आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को कुछ राहत है। आरक्षित वर्गों में अधिकांश जगह विद्यार्थियों का प्रवेश लगभग सुनिश्चित हो गया है। कॉलेजों में आरक्षित वर्गों में कुछ स्थान तो रिक्त भी रह गए हैं। जेडीबी कॉलेज में आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा द्वारा जीव विज्ञान विषय में एक सेक्शन बढ़ा दिया गया, जबकि यहां जरूरत गणित में सेक्शन बढ़ाने की थी। ऎसे में सेक्शन पूरा खाली है।

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कोटा.
कोटा शहर के तीन सरकारी कॉलेजों में इन दिनों एडमिशन लेने के लिए छात्रों का तांता लगा हुआ है. लेकिन छात्रों को एडमिशन के लिए निराशा हाथ लग रही है. छात्र छात्राओं को एडमिशन के लिए भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. कारण साफ है, कॉलेज में कट ऑफ इतनी हाई है कि छात्रों के फर्स्ट डिवीजन आने के बावजूद भी उन्हें एडमिशन के लाले पड़ रहे हैं.

हम आपको बता दें कि छात्राओं ने कड़ी मेहन्नत कर बोर्ड परीक्षाओं में अपना परचम लहराया, लेकिन कॉलेज में पढ़ाई जारी रखने के लिए उनके बीच एडमिशन के लिए प्रतिस्पर्धा भी लड़कों से कहीं ज्यादा है.

शहर के तीनों कॉलेजों में बीए. बीकॉम और बीएससी फर्स्ट ईयर में एडमिशन के लिए सोमवार को जारी कट ऑफ लिस्ट जारी हुई, जिसमें छात्राओं के एडमिशन के लिए कड़ा मुकाबला रहा और जेडीबी में कट ऑफ मार्क्स बहुत हाई रहे, वहीं उनके मुकाबले छात्रों को पांच फीसदी कम अंक लाने पर भी उन्हें एडमिशन मिल गया. तीनों संकायों में जेडीबी गल्र्स कॉलेज में एडमिशन का कट ऑफ छात्रों के दोनों कॉलेजों से ज्यादा रहा.

तीनों सरकारी कॅालेजों में बीए. बीकॉम और बीएससी फर्स्ट ईयर में एडमिशन हेतु पहली कट ऑफ सूची सोमवार को जारी की गई थी, ये छात्र 28 से 30 जून तक अपनी फिस जमा करा सकेंगे. इस बार तीनों कॅालेजों की कुल सीटों की तुलना में लगभग तीन गुना ज्यादा आवेदन फॉर्म आए थे.

पहली कट ऑफ में नाम ना आने के बाद कई स्टूडेंट्स मायूस हुए. लेकिन उन्हें यह अम्मीद है कि कॉलेज निदेशालय सीटे या सेक्शन बढ़ायेगें जिससे उनका एडमिशन हो जाएगा. पहली कट ऑफ में जिन छात्रों के सीनियर हायर सैकंडरी में 63 प्रतिशत से कम अंक है उनका एडमिशन नहीं हो पाया. छात्र इस बात से चिंतित है कि फर्स्ट डिविजन बनाने के बाद भी उनका कॅरिअर संकट में है.

कॉमर्स में 70 प्रतिशत कट ऑफ
इस बार जेडीबी गल्र्स कॉलेज में बीकॉम फर्स्ट ईयर का कट ऑफ काफी हाई रहा. जिस वजह से सामान्य वर्ग में 12वीं कॉमर्स में न्यूनतम 70.20 प्रतिशत अंक पर ही नियमित प्रवेश मिल सका.

आर्ट्स में 68.62 प्रतिशत कट ऑफ
जेडीबी गल्र्स कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर के एडमिशन के लिए कट ऑफ हा हाल कॉमर्स की तरह ही काफी हाई रहा. बीए फर्स्ट ईयर में एडमिशन के लिए 12वीं आर्ट्स में न्यूनतम 68.62 प्रतिशत अंक पर ही नियमित प्रवेश मिल सका. वहीं गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में बीए में प्रवेश के लिए कट ऑफ 63.38 प्रतिशत रहा.

इंजीनियरिंग करना आसान
इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए 12वीं में 50 प्रतिशत अंक ही काफी है. जबकि बीएससी मैथ्स में गल्र्स का 74.62 प्रतिशत और बॉयज का 66.62 परसेंट से कम वालों का एडमिशन नहीं हुआ है. जेडीबी के प्रिंसिपल प्रो. एच एस मीणा ने जानकारी दी कि बीए में करीब 2032 छात्राएं प्रवेश से वंचित रह गई हैं.


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जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के बीएससी प्रथम वर्ष की कट ऑफ सूची बुधवार को जारी कर दी गई है। सूची में शामिल अभ्यर्थियों को 13 जुलाई तक फीस जमा करानी होगी। वहीं विलंब शुल्क के साथ 18 जुलाई तक फीस जमा हो सकेगी।

विज्ञान संकाय के डीन प्रो. जी सी टिक्कीवाल ने बताया कि बुधवार को बीएससी प्रथम वर्ष की कट ऑफ सूची जारी की गई। सामान्य श्रेणी की कट ऑफ 68 प्रतिशत, ओबीसी की 65 प्रतिशत, एससी की 54 प्रतिशत व विकलांग व एसटी की सभी आवेदकों को प्रवेश सूची में शामिल कर लिया गया है। टिक्कीवाल ने बताया कि पहली सूची में 720 स्टूडेंट्स को शामिल किया गया है। अगली प्रवेश सूची 18 जुलाई के बाद जारी की जाएगी।

इसी प्रकार विज्ञान संकाय में इलेक्ट्रॉनिक्स विषय के साथ बीएससी करने वाले अभ्यर्थियों की भी प्रवेश सूची जारी हुई। जिसमें सामान्य श्रेणी की कट ऑफ 71 प्रतिशत, ओबीसी की कट ऑफ 68 प्रतिशत, एससी की कट ऑफ 56 प्रतिशत रही। वहीं कंप्यूटर साइंस विषय के साथ बीएससी के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की भी कट ऑफ सूची हुई।

जिसमें सामान्य श्रेणी की कट ऑफ 71 प्रतिशत, ओबीसी की कट ऑफ 68 प्रतिशत, एससी की कट ऑफ 55 प्रतिशत रही। कंप्यूटर साइंस व इलेक्ट्रॉनिक्स विषय के साथ बीएससी के लिए आवेदन करने वाले विकलांग व एससी अभ्यर्थियों को प्रवेश सूची में शामिल कर लिया गया है। इनकी फीस जमा करवाने की अंतिम तिथि 13 जुलाई व विलंब शुल्क के साथ 18 जुलाई ही होगी।

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भगिनी निवेदिता ने बीकॉम में दाखिले के लिए 69.75 फीसदी पर कट ऑफ निकाली है। कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टेडी में 90.25 से 93.25 फीसदी अंक पर बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के विकल्प खुले हैं। हंसराज में 77 फीसदी वालों को बीए में मौका दिया गया है। किरोड़ीमल में भूगोल ऑनर्स में दाखिले के लिए 83 से 88.75 फीसदी वाले दाखिला ले सकते हैं। रामजस में अब 91.5 फीसदी से 96.5 फीसदी वालों को इकॉनोमिक्स में दाखिला मिल जाएगा। श्यामलाल सांध्य कॉलेज में 62 फीसदी अंक वालों को राजनीति विज्ञान ऑनर्स में दाखिला मिल जाएगा। बाकी सभी कॉलेजों के अधिकांश कोर्सो में अभी ओबीसी के लिए विकल्प खुले हैं। इसके बाद ओबीसी की सीटों को डीयू दाखिला नियमों के मुताबिक सामान्य श्रेणी में कन्वर्ट कर दिया जाएगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार कॉलेजों को सामान्य श्रेणी की तुलना में ओबीसी कोटे की सीटें भरने के लिए 10 फीसदी तक गिरावट करने का निर्देश। जिसके बाद कॉलेज सामान्य श्रेणी छात्रों के लिए अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर बची सीटों को भरने के लिए सूचना जारी करेंगे।
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नई दिल्ली दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) द्वारा बी. कॉम ऑनर्स संकाय में दाखिले के लिए 100 फीसदी कट ऑफ अंक निर्धारित किए है। इस कट ऑफ से चारों तरफ बवाल मच गया है और इसकी कड़ी आलोचना की जा रही है। देश के एजुकेशन सिस्टम को लेकर ट्विटर पर छात्रों और शिक्षा जगत से जुड़ें लोगों सहित अभिभावक अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
100 फीसदी कट ऑफ ? और ट्विटर पर दे दना दन विरोध शुरू
ट्विटर पर गौरव, आकाश, कुंवर चौहान सुमित गुलाठी जैसे कई युवाओं ने अपनी पोस्ट में यहां तक लिखा है कि श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में प्रवेश के लिए 100फीसदी कट ऑफ देखने के बाद तो ऐसा लगता है कि अब इसका नाम सर रजनीकांत कॉलेज ऑफ कामर्स कर देना चाहिए।
100 फीसदी कट ऑफ ? क्या यह सर रजनीकांत कॉलेज ऑफ कामर्स है?
एजुकेशन सिस्टम नहीं, एक्जाम सिस्टम हैं
100 फीसदी क्या मजाक है? ओह ऐसा लगता है हमारे यहां एक्जाम सिस्टम हैं , एजुकेशन सिस्टम नहीं ।
आकाश गुप्ता
केवल हंसा जा सकता है
100 फीसदी कट अफ पर तो एक बात तय है40 फीसदी लाने वाला बंदा 100 फीसदी वाले पर जरूर मुस्कराएगा।
प्राची करन, क्रेजी ड्रीमर, पेंटर , ¨सगर
एकता को इस पर ड्रामा बनाना चाहिए
मुझे इस बात का इंतजार रहेगा कि 100 प्रतिशत कट ऑफ पर एकता कपूर कब नया ड्रामा बनाती है।
कुछ ना कुछ तो गड़बड़ चल रहा हैं
100 फीसदी कट ऑफ । क्या अभी भी इस बात की व्याख्या करनी की जरूरी है कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ी चल रही हैं?
चेतन भगत
100 फीसदी कट ऑफ सबसे बड़ी और सबसे खास न्यूज हैं
मेड आई जेडी
चिंतित हूं बेटे 100 फीसदी कैसे लाएंगे
कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा-मैं अपने बेटों को लेकर परेशान हूं। उनके दोनों बेटे दिल्ली में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि जब जमीर (उमर का बेटा) कॉलेज जाएगा, तब कटऑफ और ऊपर चली जाएगी।
उमर ने आगे लिखा-
यदि एडमिशन के लिए कम से कम 100 फीसदी नंबर तय किए जाते हैं तो क्या उनके बेटे 100 में से 100 ला पाएंगे? उमर ने कहा- आज के ‘डरावने’ कट-ऑफ को देखते हुए मैं खुश हूं कि मैंने अपना कॉलेज 20 साल पहले पूरा कर लिया। 

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