अब काले धन के मामले में,सर्वोच्च न्यायलय को हस्तक्षेप करना पढ़ा है
- अरविन्द सिसोदिया
एक बार फिर से सर्वोच्च न्यायलय को हस्तक्षेप करना पढ़ा है .., सुप्रीम कोर्ट ने काले धन के मुद्दे पर उचित कार्रवाई न करने के लिए केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए एक पूर्व जज की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन कर दिया है। ये एसआईटी कालेधन को लेकर सरकार की बनाई उच्चस्तरीय जांच कमेटी के कामकाज की निगरानी करेगी। २ जी के बाद यह भी महत्वपूर्ण निर्णय है ...! राष्ट्रहित के लिए सर्वोच्च न्यायलय को बधाई !!!
अब काले धन के मामले में
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने काले धन के मुद्दे पर उचित कार्रवाई न करने के लिए केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए एक पूर्व जज की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन कर दिया है। ये एसआईटी कालेधन को लेकर सरकार की बनाई उच्चस्तरीय जांच कमेटी के कामकाज की निगरानी करेगी। कोर्ट ने कहा कि काले धन का मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, लेकिन सरकार ने तभी कोई कार्रवाई की जब कोर्ट ने आदेश दिया।
हालांकि काले धन की जांच के लिए सरकार ने एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे नाकाफी समझा। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी.पी. जीवनरेड्डी की अध्यक्षता वाली नई एसआईटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एम.बी. शाह के अलावा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के डायरेक्टर को भी शामिल किया गया है। सरकार की बनाई उच्चस्तरीय जांच टीम इसी एसआईटी को रिपोर्ट करेगी और एसआईटी सुप्रीम कोर्ट को समय-समय पर अपनी रिपोर्ट देती रहेगी।
एसआईटी इस बात को सुनिश्चित करेगी कि निचली अदालतों में काले धन के आरोपियों के खिलाफ जो मामले चल रहे हैं, वो सही दिशा में चलें। एसआईटी इस बात की भी निगरानी करेगी कि विदेशों में जमा काले धन की वापसी के लिए सरकार, विदेशी बैंकों और विदेशी सरकारों के साथ किस तरह बातचीत कर रही है।सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश मशहूर वकील राम जेठमलानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। राम जेठमलानी ने खासतौर पर दो चीजों की मांग की थी। एसआईटी का गठन हो और काला धन जमा करने वालों का नाम सार्वजनिक किया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सभी नाम सार्वजनिक करने का आदेश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जिन आरोपियों के खिलाफ किसी भी अदालत में मामला दर्ज किया गया है, उनके नाम सार्वजनिक किए जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के ढुलमुल रवैये पर भी सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने काले धन को लेकर जो भी कार्रवाई की, वो कोर्ट के निर्देश के बाद ही की। जबकि ये सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है कि काला धन विदेशों से वापस लाया जाए और दोषियों को सजा दी जाए। सरकार आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने से कतराती रही है। जो भी पूछताछ हुई है, वो कोर्ट के आदेश के बाद हुई है। सरकार के इस रुख पर हमें गंभीर आपत्ति है। काले धन का मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
जाहिर है, सुप्रीम कोर्ट के रुख ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के आंदोलन को संसदीय मर्यादाओं के खिलाफ बताने में जुटी सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का कोई जवाब नहीं है। नपा-तुपा बोलने वालों से लेकर बड़बोले मंत्री तक कालेधन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुछ बोलने को तैयार नहीं। पी चिदंबरम और कपिल सिब्बल ने पत्रकारों के बहुत पूछने पर भी सिर्फ इतना कहा कि वे कोर्ट का आदेश पढ़ेंगे और उसके बाद ही कोई प्रतिक्रिया देंगे।
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amreesh sharma at 17:18, Jul 04, 2011अब कुल मिलाकर ये तय है कि सिर्फ़ सुप्रीम कोर्ट ही कालेधन के खिलाफ कार्यवाई कर सकता है ऑर ये बहुत ही सराहनीय काम कर रही है ऑर देश के लिए अपने कर्तव्य का पालन कर रहे है . यह एक अच्छा सबक है सरकार के लिए जो पूरी तरह से सारे मामले को छिपा रही है ऑर अपने नेताओ को पूरा समय दे रही है अपने काले धन को छिपाने के लिए! परंतु ये सुप्रीम कोर्ट की अनदेखी करके मुसीबत मोल ले रहे है! ये कब तक अपने लोगो के नाम छिपा सकते है..? सुप्रीम कोर्ट सख़्त आदेश भी दे सकती है अभी ये सरकार मे है तो नाम छिपा लेंगे पर कभी तो कॉंग्रेस गद्दी छोड़ेगी तब तो इनके नाम खुल ही जाएँगे..या ये सोचकर काम हो रहा है केंद्र का अभी पब्लिक से कोई सरोकार नही है जब तक चुनाव ना हो ! फिर चुनावो मे ये सारा काला धन लगाकर फिर से जीतने की सोच रहे है जिसका उधाहरण इंदिरा गाँधी ने दिया था! सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ये सारे नाम देश को बताने से बच रहे है क्योकि सरकार ही सारे मंत्रियो को पाले हुए है! शरद पवार जैसे मंत्री का नाम कई बार आ चुका है, हसन अली कई बार कह चुका है ऑर वो हर बार बच जाता है क्योकि सरकार को पता है कि शरद पवार सरकार को गिराने तक की ताक़त रखता है ऑर छोटे दलो को एकजुट करने की ताक़त रखता है, कभी भी विपक्ष से मिल सकता है वरना अब तक तो इनके जैसे नेता जेल मे होते, डी. एम. के. पहले से ही कॉंग्रेस से परेशन चल रहा है, सपा ऑर बसपा का कोई भरोसा नही....कॉंग्रेस के अपने भी कई मंत्री इसमे शामिल है ....तो कुल मिलाकर कॉंग्रेस ऑर सरकार चाहते हुए भी काले धन के खिलाफ काम नही कर सकती.. हां रामदेव बाबा ऑर अन्ना हज़ारे के खिलाफ कार्यवाई करना ज़्यादा आसान है...सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद.....
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