भगवान श्रीराम का जन्म : रामनवमी


गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस के अनुसार चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि तथा पुनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण एवं कर्क लग्न में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम का नाम लेने मात्र से सभी समस्याओं का निदान संभव है। यदि नित्य राम स्तोत्र का पाठ किया जाए तो ऐसी कोई मनोकामना नहीं जिसे भगवान राम पूरी नहीं करते। राम स्त्रोत भगवान राम की उपासना करने बहुत ही सरल व सहज माध्यम है, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान राम का स्मरण व पूजा-पाठ करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दिन यदि भगवान श्रीराम को राशि के अनुसार भोग लगाया जाए तो वे बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्त के सभी कष्टों का तुरंत निवारण कर देते हैं


टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत

सर्व हिंदू समाज की " हिंदू नववर्ष शोभायात्रा " अद्भुत और दिव्यस्वरूप में होगी Hindu Nav Varsh Kota

स्वदेशी मेला हिंदू संस्कृति के विविध रंगारंग कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न Hindu Nav Varsh Kota

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

आज होगा विराट हिंदू संगम, लघु कुंभ जैसा दृश्य बनेगा कोटा महानगर में Hindu Nav Varsh

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

प्रत्येक हिंदू 365 में से 65 दिन देश को दे, जनसंख्या में वृद्धि कर समाज की सुरक्षा करें - महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज

हिन्दू नव वर्ष 2082 के आगमन पर मेटा AI से बनाये कुछ चित्र Hindu Nav Varsh AI Meta