नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू की प्रमुख बातें
नई दिल्ली: एबीपी न्यूज़ के लोकप्रिया कार्यक्रम घोषणापत्र में बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने गुजरात के 2002 दंगों, कश्मीर का हल, संघ और संविधान के टकराव, अपनी प्लानिंग के साथ ही अपनी निजी ज़िंदगी से जुड़े सवाल के जवाब दिए.
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आइए जानते हैं कि मोदी के इंटरव्यू की बड़ी-बड़ी बातें:
1. संघ नही संविधान
सवाल: अभी राजीव ने सवाल पूछा आरएसएस के बारे में आपका बचपन से जुड़ाव है आरएसएस के साथ, जाहिर है आपकी सोच पर, आपके जो क्रिया कलाप हैं उसपर आरएसएस की छाप होगी. अगर आप प्रधानमंत्री बनते हैं तो प्रधानमंत्री की हैसियत से आप जो करेंगे आप जो सोचेगें, उस पर भी संघ की छाप होगी क्या?
नरेंद्र मोदी: पहली बात है मुझे सरकार चलानी है, सरकार चलती है संविधान के तहत और मैं मानता हूं सरकार का एक ही रिलीजन होता है, इंडिया फर्स्ट. सरकार की एक ही होली बुक होती है अवर कॉन्सटीट्यूशन, सरकार की एक ही भक्ति होती है, भारत भक्ति, सरकार की एक ही कार्यशैली होती है, सबका साथ सबका विकास.
2. गुजरात दंगों की नैतिक जिम्मेदारी पर
नरेंद्र मोदी: डे वन से ली है. मेरे विधानसभा भाषण हैं, मेरे सब इंटरव्यू में है, available है. बस मेरी प्रार्थना है रिसर्च कर दीजिए. सब कुछ available है आप जो चाहते हैं वो जवाब उसी शब्दों मे है.
नरेंद्र मोदी: सब कुछ बोलता हूं… ऐसा नहीं है झूठ बोल रहे हैं आप मेहरबानी कीजिए..ये भाषा ठीक नहीं है आपकी . मैं 2007 तक हर व्यक्ति को हर सवाल का हर समय जवाब दिया है, प्रिंट मीडिया में पड़ा है..इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पड़ा है, आप लोग इसको रिसर्च कीजिए आप को बुरा लगे भला लगे और आप चाहो कि मैं आपसे दब जाऊं तो होने वाला नहीं है.
सवाल: नहीं मैं ये कह रहा…
नरेंद्र मोदी: आप चाहो मुझे नोच लो नहीं कर पाओगे, नहीं कर पाओगे हां 2009 में जब दोबारा यूपीए बना और उन्होंने षड़यंत्र करके कोर्ट, कचहरियों में मुझे सुप्रीम कोर्ट तक मुझे घसीट के फिर मुझे लगा कि अब मुझे कुछ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि सूप्रीम कोर्ट को इनफ्लुएंस नहीं होना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट को स्वतंत्र करना चाहिए. आज तक हिंदुस्तान के किसी मुख्यमंत्री को नौ घंटे किसी पुलिस वाले ने ग्रिल किया है? ये मुख्यमंत्री है जिसको नौ घंटे तक पुलिस अफसरों ने ग्रिल किया था , सुप्रीमकोर्ट के कहने पर किया था और सुप्रीम कोर्ट ने उसको वीडियो रिकॉर्डिंग करके देखा था..ये सब कसौटियों से निकला हूं और आगे भी..आगे भी हर कसौटी के लिए तैयार हूं. लेकिन झूठ और राजनीतिक इरादों को सरेंडर कोई करे तो मोदी होने वाला नहीं है .
3. पिंक रेवल्यूशन के मुद्दे पर
मोदी: मुझे बहुत बड़ा दुख होता है कि मेरे देश के इतने बुद्धिमान पत्रकार मेरे सामने बैठे हैं इतने पढ़े लिखे. कोई मुझे समझाए कि पिंक रिवेल्यूशन शब्द में सांप्रदायिकता कहां आई. कोई मुझे समझाए . आप मेरे पास एक नौजवान आया बड़ा highly qualified लड़का है वो एक सर्वे लेकर आया कि जैसे गांव के किसान की अगर जमीन जाए और वो बर्बाद होता है वैसे ही पशु जाना उसकी पूरी इकोनॉमी को खत्म कर रहा है . कष्टों में भी वो पशु को पालेगा..खैर अच्छी स्थिति नहीं होगी तो चार लीटर दूध नहीं देगा तो डेढ़ लीटर दूध देगा लेकिन घर चल पाएगा . आज हिंदुस्तान के कई राज्यों के गांव के गांव किसान मर रहा है पशु उसके जा रहे हैं . जा रहे क्यों? तो तत्कालीन लोभ में आकर के वो दे देता है . ये पूरी तरह मुद्दा आर्थिक विषय है जैसे किसान की जमीन लेना वो पाप है वो बिन सांप्रदायिकता, सांप्रदायिकता का मुद्दा नहीं है वैसे ही पशु ये उसकी बड़ी संपत्ति है . और भारत ने seriously सोचना पड़ेगा और आवश्यकता है कि देश में मैं तो कहने वाला हूं भई कुछ लोग स्टडी करिए अगर इस प्रकार से पशु विहीन हमारी अवस्था बन जाएगी तो आगे वाले..अच्छा आज भारत को मिल्क प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की चिंता करने की जरूरत है . हमारे यहां कैटल की संख्या की तुलना में मिल्क प्रोडक्टिविटी बहुत कम है उसके साइंटेफिक तौर तरीकों पर सोचने की जरूरत है अब जैसे गुजरात में मैं कैटल कैंप लगाता हूं और कोशिश करता हूं एक पशु को तीन किलोमीटर से ज्यादा दूर जाना न पड़े ताकि उसकी ….मैं करता हूं . और मैं इस विषय में इतना सेंसिटिव हूं, हिंदुस्तान में मनुष्य के कैटेरैक्ट के ऑपरेशन आज भी कई जगह पर दिक्कत है, कोई एनजीओ कैंप लगाए तो होते हैं . गरीब आदमी को कैटेरैक्ट का ऑपरेशन भी मुश्किल है मेरे राज्य में पशु का भी मैं कैटेरैक्ट ऑपरेशन करता हूं जी, मेरे यहां पशु की डेंटल ट्रीटमेंट होती है इतना ही नहीं मैंने अभी मेरे यहां से वैटेनरी डॉक्टरों की एक ट्रिप अमेरिका भेजी,इसलिए भेजी कि आजकल बड़े घर के लोग इनको खून निकल न जाए इसलिए लेजर टेक्निक से ऑपरेशन होता है मैंने कहा ये मेरे पशुओं को लाभ मिल सकता है क्या? मेरे गुजरात के वेटेनरी डॉक्टर अमेरिका जाकर के पढ़ कर के आए और आज मैंने कई सेंटर्स में पशु के ऑपरेशन लेजर स्टैटिक से कर रहा हूं . मैं मानता हूं कि ये देश की बहुत बड़ी संपत्ति है, गांव की इकोनॉमी का एक बहुत बड़ा आधार है इसको हम निगलेक्ट न करें इस पर हम बल दें . इसको अगर कोई सांप्रदायिक के रंग से रंग देगा तो मेरे देश का इतना बड़ा दुर्भाग्य होगा .भगवान ऐसे न्यूज ट्रेडर्स से बचाए .
सवाल: आप ने जो बात कही उसके जवाब में आप कत्ल खानों की बात करते हैं तो एक समुदाय विशेष की रोजीरोटी भी उससे जुड़ी है दूसरी बात ये कि एनडीए के कार्यकाल में भी मीट एक्सपोर्ट बड़े पैमाने पर हुआ तो उस समय आप की सरकार ने क्यों नहीं किया कुछ ?
मोदी: मैं देखूंगा उस समय उनके क्या प्रॉब्लम थे. मैं देखूंगा, लेकिन इन दिनों स्थिति गंभीर होती गई उस समय हो सकता है शुरू में मेरे पास डिटेल नहीं है..उस समय हो सकता है कि हमारे पास दूध न देने वाले पशुओं की संख्या एक्सेस हुई हो उस वजह से एक विचार बना हो लेकिन ये आपकी जानकारी सही नहीं है कि कोई एक कम्युनिटी इस बिजनेस में है. ऐसा नहीं है जी मेरे कई जैन मित्र हैं जो इस व्यापार में हैं, इसको किसी कम्युनिटी से मत जोड़िए. मुद्दा उस…अब जैसे enviornment का प्रॉब्लम होता है तो किसी का कारखाना बंद हो जाता है तो उसकी जाति देखते हैं क्या . enviornment के कारण किसी ने अगर हो हल्ला किया और किसी का कारखाना बंद हो गया तो कारखाना बंद होने की जाति देखते हैं क्या ? कि enviornment की चिंता करते हैं उसी प्रकार से रूरल इकोनॉमी को देखेगें कि कारखाना किसका बंद हुआ उस रंग से रंगेगें. तो ये देश का प्रॉब्लम मोदी नहीं है ये घिसी पिटी परवर्टेड सोच का परिणाम है. कि उसको हर चीज उसी एक कॉर्नर में ले जाने की कोशिश होती है.
4. मुस्लिम समुदाय के संपर्क स्थापित करने के सवाल पर
नरेंद्र मोदी: पहली बात है मेरी जिम्मेवारी है गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते 6 करोड़ नागरिकों से जितना जुड़ सकूं उतना जुड़ना चाहिए . और इन दिनों मुझे देश की जिम्मेवारी मिली है तो एड़ी चोटी का जोर लगा करके सवा सौ करोड़ तक पहुंचने की कोशिश करता हूं . ये मेरी पार्ट ऑफ my responsibility है, and i must do it. हो सकता है 100 कदम चलना हो 3 चल पाऊं, 5 चल पाऊं, 7 चल पाऊं वो अलग विषय है लेकिन ये मेरी जिम्मेवारी है कि मेरे देश के हर किसी व्यक्ति तक, मेरे राज्य के हर व्यक्ति तक पहुंचने का मुझे प्रामाणिक प्रयास करना चाहिए .
सवाल: उसमें मुस्लिम समुदाय भी शामिल है ?
मोदी: मैं..ये आपकी टर्मिनोलॉजी है. मैं इस टर्मिनोलॉजी में कभी जाने वाला नहीं हूं . आप रस्सी बांध करके मुझे ले जाओगे तो भी नहीं ले जा पाओगे .मैं मेरे देशवासियों को मिलूंगा. मैं एक ही भाषा समझता हूं ये मेरे भारतवासी हैं, ये मेरे भाई हैं ये आप जिस कलर से देखना है आप की मर्जी मोदी उस कलर में जाने वाला नहीं है ये काम..कल अगर मुझे चुनाव हार जाऊं तो हार जाऊं मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन देश को तबाह कर दिया इस भाषा ने, बर्बाद कर दिया है आप लोगों की सोच ने उस सोच को मैं कभी भी ओन नहीं करूंगा और आप मेहरबानी करके मेरी स्वतंत्रता पर इस प्रकार के हमले करना बंद कर दीजीए .
5. बिहार बीजेपी के नेता गिरिराज सिंह के बयान पर
नरेंद्र मोदी: कोई सहमत नहीं हो सकता है.
6. शहजादा शब्द के इस्तेमाल पर
सवाल: लेकिन मोदी जी आपकी जो भाषा है भाषणों में..दिल्ली सल्तनत, शहजादा उसे भी बोला जाता है कि एक विशेष समुदाय को टार्गेट करके बोलते हैं आप ?
नरेंद्र मोदी: कमाल हो भइया . ये शहजादा शब्द हमारे यहां इतिहास में हम पढ़ते थे जी, शहजादा शब्द पढ़ते थे. अभी एक दिन कांग्रेस के लोगों ने
सवाल: लोग बोल रहे हैं आप राजकुमार नहीं बोल…
नरेंद्र मोदी: कांग्रेस ने चार पांच साल पहले की बात है सोनिया जी को राजमाता करके बोला था जी. काफी देर तक राजमाता कहते थे . अब मैं कोई कांग्रेस वालों को कहने जाऊं क्या.. कि भई अब ये राजा रजवाड़े चले गए राजमाता क्यों बोला? ठीक है बोल दिया उन्होंने .
7. राबर्ट वाड्रा पर
सवाल: आपने जो जीजाजी कहा रॉबर्ट वाड्रा को ये उसी विनोद का व्यंग का हिस्सा है ?
नरेंद्र मोदी: नहीं नहीं देखिए पहचान तो करनी पड़ेगी न, पहचान कैसे करोगे बताइए. जो घटना घटी है… घटना घटी है तो एक परिवार का संबंध है संबंध इसी शब्दों में है मुझे और किसी शब्दों का तो मालूम नहीं है कोई और होता तो मैं वो बोलता
सवाल: लेकिन अगर आप की निजी जिंदगी में अगर कोई झांकता है आप भी तो सार्वजनिक जीवन में हैं आप का जीवन भी उसी तरह से पारदर्शी है तो आप पर आरोप लगते हैं तो क्या वो सही हैं ?
नरेंद्र मोदी: मैंने ये कहां कहा कि भई मेरे ऊपर जो आरोप लगे हैं वो गलत है और सही है या मैं आरोप लगाता हूं वो गलत है और सही है उसके लिए तो देश है देखता है.. देश देखेगा इसमें क्या है .
सवाल: इस पर मतभेद है लगता है पार्टी में कि रॉबर्ट वॉड्रा पर कारवाई होगी या नहीं होगी ?
मोदी: ये मैं समझता हूं कि बहुत ही गंदा सवाल है , बहुत गंदा सवाल है.. एक तरफ देखें तो कोई कानून से परे नहीं है मान लीजिए नरेंद्र मोदी पर कोई इल्जाम हो और कल मानो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गया तो क्या उस पर केस चलने चाहिए कि नहीं चलने चाहिए चूंकि मैं प्रधानमंत्री बन गया तो इसलिए नहीं नहीं सब बंद करो ऐसा तो नहीं होना चाहिए. मैं किसी से परे तो हूं नहीं मैं मेरी बात बताता हूं मैं जिनके लिए आपने पूछा मैं उनके लिए जबाव नहीं दे रहा हूं इसलिए मिक्सअप मत करना वो न्यूज ट्रेडर वाला खेल आप तो नहीं करेंगे मुझे आप पर भरोसा है लेकिन सरकार में मेरा 14 साल का अनुभव मैं बताता हूं मैंने कभी किसी की फाइल खोली नही किसी की भी नहीं और मेरा ये मत रहा है कि अगर मैं उसमें उलझ जाता तो उसमें घुसता ही चला जाता मैं कोई अच्छा काम नहीं कर पाता लेकिन मैंने वो दरवाजे ये मेरा व्यक्तिगत सोच है इसको मैं सरकारी सोच के रुप में नहीं बता रहा हूं. मैंने अपने आपको इससे अलग कर लिया 14 साल में और मैंने नए पॉजीटीव initiative पर ही बल दिया. मुझे मालूम तक नहीं होता है पुरानी चीजें है चलती होगी चलती होगी वो सरकार जाने सरकार का काम जाने हम पांच साल के लिए आते है पांच साल में ये कूड़ा कचरा लेकर घूमते रहेंगे कि कुछ अच्छा करेंगे. तो व्यक्तिगत मेरा मत है कि मेरी शक्ति ये कूड़े कचरा में न जाए ये मेरा मत है . मेरी शक्ति सकारात्मक कामों में जाए अच्छा करने में जाए वरना पांच साल बहुत कम समय होता है जी इसमें हम उलझे रहेंगे तो देश का भला क्या करेंगे. बाकि कानून कानून का काम करता रहे वो करता रहे.
8. अदाणी और अंबानी पर
नरेंद्र मोदी: राजनीतिक विरोधियों की चलाई गई कथा को लेकर आप घूम रहे हो और मीडिया से ये अपेक्ष नहीं है. आप से अपेक्षा ये है 14 साल गुजरात में मोदी ने कैसे राज चलाया है मोदी कि पहचान ये है कि पहले यहां सरकार चलती थी तो कॉरीडोर में दलाल घूमते थे 14 साल हो गए आज लोग कहते हैं कि यार एक सरकार ऐसी आई है कि कोई दलाल जा नहीं पाता है . आज भी हिंदुस्तान के कह सकते हैं लोग कि एक सरकार ऐसी है कि जिसको दबाया नहीं जा सकता है, खरीदा नहीं जा सकता, चलाया नहीं जा सकता . 14 साल का मेरा ट्रैक रिकॉर्ड बोलेगा ये राजनीतिक आरोपों को कम से कम आप जैसे मीडिया के लोगों ने ओन नहीं करना चाहिए…here i am using word media.
नरेंद्र मोदी: जी, मेरे पास डिटेल फिगर अभी नहीं है लेकिन मैं चाहूंगा कि आपकी चैनल इस पर एक 15-20 मिनट का समय और निकाले आपके रिपोर्टर को मैं डिटेल दे दूंगा लेकिन मोटी- मोटी डिटेल मैं बता दूं क्यों कि आज कल क्या होता है मैं चार बोलूं और साढ़े चार हो तो तीन दिन तक साढ़े चार की चार पर मोदी क्यों बोले इस पर विवाद होता है इसलिए एक्जैक्ट आंकड़ो.. लेकिन गुजरात में 85- 95 कांग्रेस की सरकार थी उसने जमीन किस दाम में दी और किसको दी इसके आंकड़े अवेलेबल हैं . 97 में शंकर सिंह वाघेला की सरकार थी कांग्रेस के समर्थन से चल रही थी उन्होंने 25 पैसे में जमीन दी है कुछ जमीन तो 5 पैसे में दी है ये ….सरकार भाजपा की ऐसी है कि जिसने पैरामीटर तय किए हैं और आपको देश को ये बताना चाहिए रिसर्च करके बताना चाहिए मैं कहता हूं इसलिए नहीं भारत की सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि जमीन के विषय में गुजरात की नीति और राज्यों ने फॉलो करनी चाहिए ये सुप्रीम…और अभी अभी का है तीन साल पहले का अगर आपको राहुल की बात अच्छी लगती है आपको मुबारक, सुप्रीमकोर्ट की अच्छी लगती है तो आप देश की जनता को बताइए और मैं आज रिक्वेस्ट करता हूं आपको ये सारी चीजें आपके रिपोर्टर को मिल जाएगी मेरी सरकार में से देश के सामने जरा रखे तो सही और ये सिद्ध कीजिए कि नेता झूठ बोल रहे हैं .
9. काले धन पर
नरेंद्र मोदी: एक बात तो सारे देश में चर्चा है कि भई विदेशी बैंकों में हिेंदुस्तान का पैसा है और बाई इनलार्ज उसमें कोई डिस्प्यूट नहीं है . अब ये जानकारियां सरकार के पास है , हम सरकार में नहीं है, जो सरकार में हैं वो इसका जवाब देते नहीं हैं. तो हमारा स्टैंड ये है कि जब हम सरकार में आएगें तो हमारी ये प्रयॉरिटी रहेगी कि दूध का दूध पानी का पानी करेंगे . अगर मानों नहीं है तो भी ये हवा बाजी बंद हो जाएगी और अगर है तो हम लाएंगे .
10. शादी और पत्नी के मुद्दे पर
सवाल: लेकिन अगर आप की निजी जिंदगी में अगर कोई झांकता है आप भी तो सार्वजनिक जीवन में हैं आप का जीवन भी उसी तरह से पारदर्शी है तो आप पर आरोप लगते हैं तो क्या वो सही हैं ?
नरेंद्र मोदी: मैंने ये कहां कहा कि भई मेरे ऊपर जो आरोप लगे हैं वो गलत है और सही है या मैं आरोप लगाता हूं वो गलत है और सही है उसके लिए तो देश है देखता है.. देश देखेगा इसमें क्या है .
सवाल: मेरा ये कहना था कि आपने अापके मन में किस हद तक आरोप हो सकते हैं इसका कुछ तो आपके मन में आकलन होगा लेकिन आपने चुनाव में जब अपना एफिडेबिट दिया और उसके बाद आपके मेरिटल स्टेटस के बारे में जिस तरह से आरोप और चर्चा हो गई क्या आपने ये एक्सपेक्ट किया था कि ये भी हो जाएगी इसकी चर्चा ?\
नरेंद्र मोदी: मुझे किसी चीज का आश्चर्य नहीं होता है मेरी जिंदगी में कुछ नहीं है ऐसी भी बातें चलती हैं अब उनके पास कोई है नहीं तो क्या करें.. करते रहेंगे .
सवाल: बंगाल में हर चुनावी क्षेत्र में खुद ममता बनर्जी मुख्यमंत्री जा जा करके आपकी निजी जिंदगी का वो एफिजेविट वाला हिस्सा बता रहे हैं कैसा लग रहा है .
नरेंद्र मोदी: मुझे कुछ नहीं लगता है उनकी मर्जी उनके पास जो शस्त्र हैं वो उसका उपयोग करें , इसके लिए मन में क्या कटुता, आलोचना क्यों करनी चाहिए .लोगों को जज करने दीजिए ऩ
11. राज ठाकरे के समर्थन पर
नरेंद्र मोदी: 16 मई के बाद चुनावों के जो नतीजे आएंगे मेरा पक्का विश्वास है कि सरकार चलाने के लिए कोई भी ऐसे सपोर्ट की जरुरत नहीं पड़ेगी लेकिन देश चलाने के लिए सबके सपोर्ट की जरुरत रहेगी और मेरा ये मत है कि लोकतंत्र में देश चलाने के लिए राजनीती से ऊपर उठकर के हर किसी का सहयोग लेना चाहिए.
12. क्या मोदी के दोस्त हैं लालू?
सवाल: क्या इसमें सच्चाई है कि शरद पवार और आप एक दूसरे के साथ politically जाने की बात हो रही थी
नरेंद्र मोदी: नहीं, नहीं, नहीं… ऐसी कोई बात नहीं है.. ऐसी कोई बात नहीं है.. ऐसी कोई बात नहीं है.. जहां तक दोस्ती का सवाल है आपको हैरानी होगी मेरी लालू जी से भी दोस्ती रहती है जी. हम सार्वजनिक जीवन में हैं, राजनीतिक विचारधारा के कारण हम अपने अपने stand लेते हैं लेकिन ये एक विशाल परिवार है जी… इसमें कोई दुश्मनी थोड़े होती है..
13. ममता बनर्जी पर
नरेंद्र मोदी: नहीं नहीं नहीं.. ममताजी नहीं आएंगी वो पक्का था, उसमें कोई दुविधा हमारे मन में नहीं थी, कोई दुविधा नहीं थी और उसमें हमारे मन में कोई आशंका नहीं है… लेकिन मैं जरूर मानता हूं और उसमें हमारे मन में कोई आशंका नहीं है लेकिन मैं जरूर मानता हूं कि लेफ्ट ने जो हालत करके रखा हुआ है उसको बाहर निकालने में अभी ममता जी को काफी समय मिला है लेकिन वो symptoms नजर नहीं आते तो गुस्से से ज्यादा मेरी निराशा है ममता जी के संबंध में, गुस्सा कम है, निराशा ज्यादा है.
14. अमेरीका जाने के सवाल
सवाल: इसी से जुड़ा एक और सवाल सवाल ये कि क्या आप अमेरीका जाएंगे अगर आप प्रधानमंत्री बनते है तो
नरेंद्र मोदी: ये बड़ा भारी सवाल है, जी ये बड़ा भारी सवाल है देश की जनता ने मुझे देश का काम करने के लिए चुना है.
15. कशमीर पर मोदी
सवाल: क्या ये सही है कि आप की तरफ से कोई पहल हुई थी एक अलगाववादी से बात करने कि.
नरेंद्र मोदी: मैं तो सुनकर तो हैरानी हुई… ये कहां से आया खैर आज तो शायद मैंने मालूम नहीं मैंने मीडिया देखा नहीं पर क्लियर हो गया किसी ने कह दिया कि नहीं नहीं हम कोई मोदी के दूत नहीं है मुझे तो नाम भी मालूम नहीं हैं ऐसे ही कोई खबर चलती है
सवाल: पाकिस्तान के बारे में आपकी पार्टी आरोप लगाती है यूपीए पर कि कमजोर रवैया है पाकिस्तान के प्रति आपकी नजर में मजबूत रवैये की परिभाषा क्या है?
नरेंद्र मोदी: पहली बात ये है हम लोग देश को ऐसे चलाएं, देश को ऐसा बनाएं, ताकि कोई हमें आंख न दिखाए और हमे भी दुनिया के सामने आंख दिखाकर के व्यवहार नही कर सकते हैं. आंख दिखाकर के भी दुनिया नहीं चल सकती, आंख झुकाकर भी नहीं चल सकती है. बात आंख मिलाके होनी चाहिए और वो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में reciprocacy होती है वहीं उत्तम तरीका होता है.
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