आतंकवाद को संवेदनशीलता से ले विश्व : नरेन्द्र मोदी



आतंकवाद को संवेदनशीलता से ले विश्व : नरेन्द्र मोदी
बर्लिन, एजेंसी 14-04-15

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद को परमाणु प्रसार के समान ही संवेदनशीलता के साथ लिए जाने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा किया और कहा कि विश्व को आतंकवादियों को शरण देने वाले देशों पर सामूहिक रूप से दबाव बनाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र में लंबित अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र समझौते (सीसीआईटी)  को इस वर्ष विश्व संगठन की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर अंतिम रूप दिए जाने की भी पुरजोर वकालत की। सीसीआईटी का मकसद अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के लिए सहयोग को मजबूती प्रदान करना है।

जर्मन चांसलर एंजला मर्केल के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाले सभी पक्षों को एक आवाज में बोलना चाहिए और इससे निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों को तेज करना चाहिए। दोनों नेताओं ने इससे पूर्व आतंकवाद के खतरे पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती है, इस मुद्दे से परमाणु प्रसार की तरह संवेदनशीलता से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि हमें इस दिशा में काम करने की जरूरत है कि हम कैसे उन स्रोतों को रोक सकते हैं जहां से हथियारों की आपूर्ति होती है। कैसे हम उन देशों पर दबाव बना सकते हैं जहां की सरकारें आतंकवादियों को शरण देती हैं, हमें ऐसे देशों और सरकारों को अलग-थलग करने की जरूरत है।

मोदी की यह टिप्प्णी पाकिस्तान की एक अदालत द्वारा लश्कर-ए-तय्यबा के आपरेशन कमांडर और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी को रिहा किए जाने के चार दिन बाद आयी है। लखवी की रिहाई पर कड़ी प्रतिक्रिया हुई है और अमेरिका, फ्रांस तथा इस्राइल समेत कई देशों ने इस पर चिंता का इजहार किया है।

लखवी की रिहाई पर कड़ा विरोध जताते हुए भारत ने कहा था कि इससे आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान की प्रतिबद्धता का मोल घट गया है। प्रेस से वार्ता में मोदी ने अपनी शुरूआती टिप्पणियों में कहा कि आतंकवाद का फैलाव बढ़ रहा है और इसका चरित्र बदल रहा है। दुनिया के हर क्षेत्र से यह खतरा हमारे करीब आ रहा है। हमें इस वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए समग्र वैश्विक रणनीति की जरूरत है जिसमें भारत और जर्मनी मिलकर काम कर सकें। जर्मन चांसलर मर्केल ने भी आतंकवाद को वैश्विक चुनौती बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सामूहिक रूप से आतंकवाद से लड़ने की सहमति बनी है।

मोदी ने कहा कि इसी प्रकार आने वाले दिनों में मैरीटाइम, साइबर और अंतरिक्ष सुरक्षा हर किसी के लिए चिंता का विषय होंगे और दोनों देशों को इन क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने पश्चिम एशिया में अस्थिरता और हिंसा के बारे में भी बात की और कहा कि यह देश में हमारे नागरिकों की सुरक्षा को प्रभावित करता है। मोदी ने अफगानिस्तान के शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक विकास के महत्व पर भी जोर दिया।

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