इंटरनेशनल हिन्दी केन्द्र अमेरिका में स्थापित होगा



अमेरिका में स्थापित होगा इंटरनेशनल हिन्दी केन्द्र
sanjeevnitoday.com
Sunday, April 12, 2015

http://www.sanjeevnitoday.com
न्यूयॉर्क। हिंदी को एक वैश्विक भाषा के रूप में बढ़ावा देने के लिए यहां पास में एक 'हिंदी केंद्र खोलने की योजना बनाई गई है। यह केंद्र एक अकादमिक एवं सांस्कृतिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा और भारतीय एवं अमेरिकी यूनिवर्सिटीज के बीच आदान-प्रदान कार्यक्रमों को सुगम बनाएगा।

महावाणिज्य दूत ज्ञानेश्वर मुले ने गत सप्ताह न्यू जर्सी स्थित रगर्स विश्वविद्यालय के भवन में आयोजित दूसरे इंटरनेशनल हिंदी समिट  में जुटे शिक्षाविदों, कारोबारियों, जन अधिकारियों और सामुदायिक नेताओं को भारत सरकार की ओर से इंटरनेशनल हिंदी केंद्र के लिए समर्थन का विश्वास दिया है।

सम्मेलन आयोजित करने वाले हिंदी संगम फाउंडेशन के प्रबंधक ट्रस्टी अशोक ओझा ने कहा कि यह केंद्र हिंदी को एक वैश्विक भाषा के रूप में प्रोत्साहित करने पर आधारित शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के जीवंत केंद्र के रूप में काम करेगा। केंद्र के लिए धन एकत्रित करने के काम में अपने सहयोग का विश्वास दिलाते हुए मुले ने बोला है कि हिंदी सेंटर जल्दी ही एक हकीकत बनेगा, जहां आदान-प्रदान कार्यक्रमम समेत हिंदी सीखने से जुड़ी सभी शैक्षणिक गतिविधियां और भारत के साथ साझा स्कीमों को एक ही छत के नीचे कामयाबी दी गई है। इस केंद्र से जुड़ा खाका पेश करते हुए हिंदी संगम फाउंडेशन के अधिकारी वेद चौधरी ने बोला है कि मध्य न्यू जर्सी में इस केंद्र को एक स्वतंत्र यूनिट की तरह शुरू करने में करीब 40 लाख डॉलर की आवश्यकता होगी। रगर्स भी यहीं स्थित है।

हिंदी संगम बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ द्वारा इस केंद्र के सलाहाकार बोर्ड में अमेरिका, कैरेबियाई द्वीपों और दक्षिण अमेरिकी देशों से हिंदी के समर्थकों को नामित किया जाएगा। इस सम्मेलन में 250 से ज्यादा प्रतिनिधि आए थे और रगर्स के डिपार्टमेंट ऑफ अफ्रीकन, मिडल ईस्टर्न एंड साउथ एशियन लैंग्वेजेज एंड लिटरेचर्स और साउथ एशिया स्टडीज प्रोग्राम इस सम्मेलन के सह-मेजबान थे।

इस सम्मेलन की थीम थी- हिंदी की विस्तृत होती दुनिया: संभावनाएं और चुनौतियां। यह थीम भारत के भीतर और बाहर हिंदी भाषा और साहित्य शिक्षा की गुणवत्ता को विस्तार देने के लिए निजी एवं सार्वजनिक भाषाई शिक्षा और सरकार के बीच समन्वित प्रयासों की बढ़ती जरूरत की बानगी पेश करती है।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism