धर्मान्तरण अनीश्वरीय अपराध है – इन्द्रेश कुमार


धर्मान्तरण अमानवीय, अलोकतांत्रिक और अनीश्वरीय अपराध है – इन्द्रेश कुमार

कुशलगढ़ (विसंकें). राजस्थान के प्रवेश द्वार कुशलगढ़ में देश के ख्यातनाम संतों और राष्ट्रीय चिंतकों के सानिध्य में असंख्य लोगों ने स्वधर्म में बने रहने दुर्व्यसनों का त्याग करने, अपने गांवों को रूद्राक्ष गांव बनाने की वचनबद्धता व्यक्त करते हुए राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद् की प्रेरणा से एक से पांच अप्रैल के मध्य आयोजित रूद्राक्ष महाभिषेक में भाग लिया.

वैदिक ऋचाओं के बीच सवा लाख रूद्राक्ष से निर्मित पांच फीट उंचे शिवलिंग पर अनुष्ठान के दौरान वेदज्ञ विप्रवरों के सानिध्य में महाभिषेक के दौरान 108 दम्पतियों ने रूद्राक्ष शिवलिंग पर अभिषेक किया. जिसमें राजस्थान सहित मध्यप्रदेश और गुजरात से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेते हुए पूर्णाहुति पर उमड़ी जनगंगा में श्रद्धालुओं ने हाथ खड़े कर पांच संकल्पों में वृक्षों की रक्षा के साथ पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन, शिक्षा से वंचितों को सरस्वती के मंदिरों तक पहुंचाने, दुर्व्यसनों को त्यजने, धर्म संस्कृति और परमपराओं पर दृढ़ रहते हुए धर्मान्तरण कर गये समाज बन्धुओं को स्वधर्म से जोड़ने और उनके कंठों में रूद्राक्ष का मनका धारण कराये जाने को लेकर वचनबद्धता व्यक्त की और हर हर महादेव के गगन गुंजित रूद्राक्ष महाभिषेक की पूर्णाहुति धर्म सभा के बाद सम्पन्न हुई.

परिषद की प्रेरणा से यह आयोजन बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ स्थित टाउनहाल परिसर में धन्वन्तरी पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर संत सुरेशानन्द सरस्वती महाराज के सानिध्य में हुआ. जिसमें साध्वी हेमानन्द सरस्वती, महर्षि उत्तम स्वामी सहित कई संतों ने समाज का दिग्दर्शन किया.

धार्मिक अनुष्ठान की पूर्णाहुति प्रसंग पर आयोजित विशाल धर्मसभा को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि धर्मान्तरण अमानवीय, अलोकतांत्रिक और अनीश्वरीय अपराध है, लोकतांत्रिक मानवीय धर्म है कि हर व्यक्ति अपने धर्म पर चले और दूसरे धर्म का सम्मान करे. यही ईश्वरीय परम्परा है. उन्होंने कहा कि स्वर्ग नरक का फैसला पंथ धर्म से नहीं कर्म व आचरण से होता है. इंसान जन्म लेता है तो देश, जाति भाषा, संस्कृति भगवान से मिलती है. जिसे बदलना न्यायोचित नहीं है. उन्होंने दुनिया के गुरूओं से अपील की कि वह अपने अनुयायियों को सभी धर्म का सम्मान करने की सीख देते हुए देश और दुनिया की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करें.

ईसा और रसूल ने भी यही संदेश दिया. किंतु उनके कुछ अनुयायी धर्म के नाम पर दिग्भ्रमित कर दुनिया में अशांति फैलाकर मानवीय संवेदनाओं के प्रतिकूल प्रयास में लगे हैं. उन्होंने धर्मान्तरण के अपराध से निजात के लिये कड़े कानून बनाये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि देश और दुनिया को इस पाप व अपराध से तब ही मुक्ति मिल पाना संभव है.

धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए संत सुरेशानन्द महाराज ने दुर्व्यसनों, भ्रूण हत्या, बलात्कार, घरेलू हिंसा को कलंक निरूपित करते हुए पाश्चात्य संसकृति के बढ़ते दुष्प्रभाव से समाज को उभारने के लिये वेदिक सनातन शाश्वत, सत्य को धारण कर जीवन को कुंदन बनाने की सलाह दी और कहा कि शिव और शक्ति के साथ धर्म का पथ प्रदर्शक है रूद्राक्ष, जिसे धारण करने से धारणा शक्ति को बल मिलता है, क्योंकि रूद्र की अश्रुधारा से रूद्राक्ष की उत्पति हुई है जो सभी प्रकार के दुष्प्रभाव से मुक्ति दिलाने में सहायक है.

पांच दिवसीय अनुष्ठान के दौरान साध्वी हेमानन्द सरस्वती, महर्षि उत्तमस्वामी, अ.भा. कल्याण आश्रम के अध्यक्ष जगदेवराम उरांव, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री सुदर्शन भगत, सहित अन्य ने धर्म सभा में आयोजन की प्रस्तावना के साथ ही संगठन की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला.

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत

सर्व हिंदू समाज की " हिंदू नववर्ष शोभायात्रा " अद्भुत और दिव्यस्वरूप में होगी Hindu Nav Varsh Kota

स्वदेशी मेला हिंदू संस्कृति के विविध रंगारंग कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न Hindu Nav Varsh Kota

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

आज होगा विराट हिंदू संगम, लघु कुंभ जैसा दृश्य बनेगा कोटा महानगर में Hindu Nav Varsh

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

प्रत्येक हिंदू 365 में से 65 दिन देश को दे, जनसंख्या में वृद्धि कर समाज की सुरक्षा करें - महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज

भारतवासी भूल गए अपना खुद का हिन्दू नववर्ष Hindu New Year