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आखिरी ओवर : युवराज और रैना ने पलटा मैच : ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर क्लीन स्वीप

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आखिरी ओवर : युवराज और रैना ने पलटा मैच : 140 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर क्लीन स्वीप खेल डेस्क.  तीसरे और आखिरी टी-20 मैच में जीत के लिए 198 रनों के टारगेट का पीछा कर रही टीम इंडिया के सामने आखिरी ओवर में 17 रन बनाने का चैलेंज था। 19th ओवर की आखिरी बॉल पर युवराज ने एक रन ले लिया। इसका मतलब था कि 20th ओवर की पहली बॉल वही खेलेंगे। युवराज के सामने ऑस्ट्रेलिया के बॉलर टाई थे। युवी ने पहली दो बॉल्स पर 10 रन बनाकर मैच का रुख भारत की तरफ मोड़ दिया। रैना ने आखिरी बॉल पर चौका मारते हुए अपनी टीम को जीत दिला दी।   इस तरह   भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट से हराते हुए सीरीज3-0 से जीत ली। 20वें ओवर में ऐसे बने रन ... पहली बॉल - इंडियन इनिंग के 19 वें ओवर में सिर्फ 5 रन बने थे। युवराज कई शॉट्स मिस टाइम कर रहे थे। इससे युवराज पर प्रेशर था। - 20 वें ओवर की पहली बॉल पर स्ट्राइक युवी के पास थी। ऑस्ट्रेलिया की ओर से बॉलर टाई ने युवराज के पैड्स की तरफ लेंथ बॉल फेंकी। युवी ने फाइन लेग के ऊपर से फ्लिक करते हुए बॉल को बाउंड्री के बाहर भेज दिया। दूसरी...

दुनिया में चमक रहा है भारतीय मेधा का सितारा : शेषाद्रि चारी

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दुनिया में चमक रहा है भारतीय मेधा का सितारा तारीख: 04 Jan 2016 शेषाद्रि चारी (लेखक आर्गेनाइजर साप्ताहिक के पूर्व संपादक और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं।) भारत की विदेश नीति में अनिवासी भारतीयों की एक बड़ी भूमिका है, ठीक वैसे ही जैसी चीन में आधुनिक औद्योगिक समाज बनाने में अनिवासी चीनियों की, इस्रायल के संदर्भ में अमरीका और पश्चिमी यूरोपीय नीतियों में अनिवासी यहूदियों की भूमिका है। आज संगठित अनिवासी समूहों की नीति प्रक्रिया में प्रमुख भागीदारों के नाते भूमिका एकाएक बढ़ गई है। पश्चिम में इस प्रकिया से एकदम विपरीत, एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में अनिवासी भारतीयों का दखल सांस्कृतिक संवाद और सामाजिक-व्यावसायिक आदान-प्रदान के नाते रहा है। अनिवासियों में नस्लीय, राष्ट्रीय, पांथिक और जातीय समूह शामिल हो सकते हैं। इसमें संदेह नहीं कि अनिवासी भारतीय समाज अब खुद को अपने मूल देश यानी भारत में घटने वाली घटनाओं से जुड़ा महसूस करता है। इस देश में किसी वक्त जरूरत पड़ने पर यह समूह राजनीतिक रूप से सक्रिय हो सकता है। बीते कुछ वर्षों के दौरान अनिवासी समाज पूरी दुनिया में एक ताकतवर ...

हिन्दू जगेगा तो ही विश्व जगेगा : सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी

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हिन्दू जगेगा तो ही विश्व जगेगा: भैयाजी जोशी तारीख: 04 Jan 2016 गत 29 दिस्म्बर को इंदौर के एमराल्ड हाइट्स इंटरनेशनल में हिन्दू स्वयंसेवक संघ के 'विश्व संघ शिविर-2015' का उद्घाटन हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी तथा लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने दीप प्रज्वलित करके इस पांच दिवसीय आवासीय शिविर का शुभारम्भ किया। शिविर में दुनिया के 40 देशों से 750 से ज्यादा शिविरार्थियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने कहा कि रक्त, मन, मस्तिष्क में स्थापित विचार कभी दुर्बल नहीं होते। आज हम भिन्न प्रकार का चिंतन लेकर विश्व में खड़े हैं। हमने विश्व को एक परिवार माना है, इसे हम अपने चिंतन से प्रभावित करना चाहते हैं। सभी संघर्षों को समाप्त करने हेतु चिंतन हिन्दू समाज ही दे सकता है। हम हिन्दू हैं, यह अहंकार नहीं, स्वाभिमान है। विश्व तभी जगेगा, जब हिन्दू जगेगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत से हजारों लोग विश्व के अनेक देशों में किसी को हराने या लूटने नहीं गए। भारत में देने की परम्परा है, लेने की नहीं। हम शास्त्र व ...

सत्य की अधूरी खोज : डॉ. वी.एस. हरिशंकर

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सत्य की अधूरी खोज तारीख: 18 Jan 2016 12:21:03 -डॉ. वी.एस. हरिशंकर http://panchjanya.com जून 2011 में पेनांग, मलेशिया में 'हमारे विश्वविद्यालयों की उपनिवेशीकरण से मुक्ति' विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था, जिसमें पश्चिम से बाहर के विश्वविद्यालयों को पश्चिमी संस्थानों द्वारा पहंुचाई गई हानि चर्चा का मुख्य विषय रही। 'पश्चिम की सांस्थानिक घुसपैठ' पर चर्चा करते हुए वक्ता इस निष्कर्ष पर पहंुचे -' हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि यूरोप केन्द्रित प्रत्येक बिन्दु हमारे विश्वविद्यालयों की कई अंतर्निहित विधाओं में झलकता है। पश्चिम ने हमारे प्रकाशन, सिद्धांतों, अनुसंधान के आदर्शों को भी प्र्रभावित किया है जो हमारी संास्कृतिक और बौद्धिक परंपरा के लिए उचित नहीं है।' सांस्कृतिक समालोचक प्रो. एडवर्ड सैद ने कहा कि 'पश्चिम ने बर्बरता, जनजातीयता और आदिम व्यवस्थाओं को विकसित किया।' वास्तव में सैद उन कुछ अध्येताओं में थे जिन्होंने पश्चिम के सांस्कृतिक आक्रमण से पूर्वीय संस्कृति को पहुंचे नुकसान की चर्चा की। जाने-माने समाजशास्त्री जे.पी.एस. ओबेराय ने वि...

मोदी टीम : 83% फैसले लागू ! लगता हे देश में सरकार हे !!

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83% फैसले लागू, नहीं बदलेगी टीम मोदीः PM अब हर महीने लेंगे मंत्रियों की क्लास aajtak.in [Edited by: विकास वशिष्ठ] | नई दिल्ली, 29 जनवरी 2016 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं करने जा रहे हैं. यानी फिलहाल कैबिनेट फेरबदल की योजना टाल दी गई है. कारण है कि मोदी अपने मंत्रियों के कामकाज से संतुष्ट हैं. उन्होंने 27 जनवरी को अपने मंत्रियों की बैठक बुलाई थी. कयास लगाए जा रहे थे कि इसके बाद कभी भी फेरबदल का ऐलान हो सकता है. फेरबदल टलने की 3 बड़ी वजहें मोदी इससे संतुष्ट हैं कि सरकार के 83 फीसदी फैसलों पर काम शुरू हो चुका है.सरकार का फोकस अटके पड़े अहम विधेयकों को बजट सत्र में पास कराने पर है. कहा जा रहा था कि मोदी को अच्छे लोग नहीं मिल रहे. संभव है लोग न मिले हों. परफॉर्मेंस मीटिंग के बाद टला फैसला मोदी ने 27 जनवरी की बैठक में मंत्रियों की परफॉर्मेंस पूछी. पता चला कि पीएम मोदी के सत्ता संभालने के बाद लिए गए 548 फैसलों में से 459 लागू किए जा चुके हैं. यानी 83 फीसदी फैसलों पर अमल शुरू हो चुका है. अपने मंत्रियों के काम का यह आंकड़ा देख पीएम मोदी ने फिलह...

माओवाद-नक्सवाद : क्यों नहीं होती चर्च की चर्चा ?

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संवाद और समन्वय से सुलझेगी समस्या तारीख: 25 Jan 2016  पाञ्चजन्य, ऑर्गनाइजर द्वारा आयोजित सुरक्षा पर संवाद अपने तीसरे वर्ष में है। इस बार विशेषज्ञों के साथ दिनभर चली चर्चाओं में खंगाले गए लाल आतंक यानी नक्सलवाद से जुड़े तमाम पहलू। प्रस्तुत हैं इस विचार-विमर्श के संपादित अंश। ताकत संवाद की- मोबाइल रेडियो कर सकता है माओवाद को पंक्चर-शुभ्रांशु चौधरी मेरी समझ में माओवादी आतंक यानी 'लाल आतंक' छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में फैला है। 60 के दशक में यह लड़ाई शुरू करने वाले आज भी डटे हैं और वे हिंसा से सत्ता परिवर्तन चाहते हैं। उनकी ओर से लड़ाई दो प्रकार से लड़ी जा रही है। माओवादी बिना हथियार हैं तो माओवादी समर्थकों के हाथों में हथियार हैं। माओवादियों की संख्या मात्र एक या दो फीसद है, जबकि 99 फीसद माओवादी समर्थक हैं। लोग माओवाद से प्रभावित या आकर्षित होकर उनकी तरफ नहीं गए हैं, पर ज्यादातर हमारे उनसे बातचीत न करने, संपर्क नहीं किए जाने और हम लोगों के दबाव के कारण वहां गए हैं। वैसे, बस्तर में माओवादी आंदोलन की ताकत ऊपरी तौर पर कम हुई है। उसके पोलित ब्यूरो में 40 में से म...

पांच बच्चों की मां के शाहबानों प्रकरण में महामहिम "राष्ट्रपति" का दर्द सामनें आया

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Date: Jan 29 2016 राजीव गांधी चुगली सुनते थे, मैंने धैर्य पर हताशा को हावी होने दिया : प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी आत्मकथा के दूसरे संस्करण ‘द टरबुलेंट ईयर : 1980-1996’ में किये कई खुलासे, लिखा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुस्तक ‘द टरबुलेंट ईयर : 1980-1996’ का गुरुवार को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने राष्ट्रपति भवन में विमोचन किया. इसमें इंदिरा गांधी की हत्या, बाबरी मसजिद ढांचे को ढाहे जाने, ऑपरेशन ब्लूस्टार और राजीव गांधी कैबिनेट से उनका निकाला जाना सहित उनके राजनीतिक जीवन की अहम घटनाओं का जिक्र है. इसमें 1980 और 1990 के दशक के उन कुछ यादगार घटनाक्रमों का जिक्र है, जिन्हें आजादी के बाद के भारत के इतिहास में सर्वाधिक कलह पैदा करनेवाला माना जाता है. मुखर्जी ने राजीव गांधी के पीएम बनने से राष्ट्र नेता के तौर पर पीवी नरसिम्हा राव के उभरने तक हर बड़े राजनीतिक घटनाक्रम पर नये सिरे से प्रकाश डाला है. प्रणब के दूसरे संस्मरण के विमोचन के मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व कैग विनोद राय, पूर्व केंद्रीय मंत्री करन सिंह सहित अन्य मौजूद थे. नयी द...