इस वर्ष का दसहरा कांग्रेस नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के अवगुणों को जलाने के लिए





- अरविन्द सीसौदिया , कोटा, राजस्थान
हलाकि अंहकार के दसों अवगुणों पर विजय के लिए हम प्रतिवर्ष दसहरा पर्व मानते हैं .., रावण अवगुणों का प्रतीक है..., मगर इस वर्ष का दसहरा कांग्रेस  नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के अवगुणों को जलाने के लिए लोक तांत्रिक  तरीके से जन प्रतिरोध के  संकल्प  के साथ  मनाएं...पूरा देश कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार और महंगाई के महा अहंकार में जल रहा है..इससे मुक्ति ही प्रथम आवश्यकता है....

प्रश्न: दशहरा हमारे जीवन में क्या सन्देश लेकर आता है? 
-राकेश तिवारी, लखनऊ 
योग गुरु सुरक्षित गोस्वामी: भगवान् श्रीराम द्वारा रावण का वध जिस दिन किया गया उसको दशहरा कहा जाता है! इस दिन रावण का पुतला जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत सिद्ध करते है! लेकिन भारतीय संस्कृति में प्रत्येक त्योहार का आध्यात्मिक अर्थ होता है, इसी को जीवन में लगाना होता है! रावण और कुछ नहीं बल्कि हमारा अहंकार ही है, जब तक ये अहंकार है तब तक हमारे अन्दर अनेक विकार पनपते रहते है ये ही हमारे सारे दुखों की जड़ है, जितना ज्यादा अहंकार होता है उतना ही ज्यादा दुःख होता है, ये अहंकार ही हमें अपने सत चित आनंद स्वरुप से दूर किए रखता है! 

दशहरे का अर्थ यही है कि अहंकार रूपी दसों सिरों का नाश हो जाए! असलियत में अहंकार ऐसे ही नष्ट नहीं होता इसके लिए गुरु चाहिए और गुरु के प्रति हमारा समर्पण भाव चाहिए फिर गुरु मुख से निकले ब्रह्मज्ञान के द्वारा अहंकार का नाश होता हैं, जिस क्षण ज्ञान का उदय होता है उसी क्षण अज्ञान रूपी अहंकार का नाश स्वतः ही होने लगता है! जैसे सूरज के निकलने पर अंधेरा गायब हो जाता है! लेकिन यह अहंकार इतना जिद्दी होता है कि जाता ही नहीं है, बार- बार मौका मिलते ही खड़ा हो जाता है, शिष्य जब गुरु के सामने सिर झुकाता है तो उसका उद्देश्य यही होता है कि अहंकार का नाश हो लेकिन जैसे ही सिर उठता है अहंकार भी साथ-साथ उठ जाता है! इसलिए रावण रूपी अहंकार के अनेक सिर बताए गए है! 

जो सब जगह रमा है वही राम है लेकिन हम कण-कण में रमे राम को इसी अहंकार के कारण नहीं देख पाते! दशहरा इसी अहंकार रूपी रावण के नाश के लिए होता है! फिर दशहरा साल में एक बार नहीं बल्कि प्रतिदिन होगा क्योंकि ये तो प्रतिदिन की साधना है, जब तक राम रूपी आत्म प्रकाश जीवन में प्रकट न हो जाए!

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत

सर्व हिंदू समाज की " हिंदू नववर्ष शोभायात्रा " अद्भुत और दिव्यस्वरूप में होगी Hindu Nav Varsh Kota

स्वदेशी मेला हिंदू संस्कृति के विविध रंगारंग कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न Hindu Nav Varsh Kota

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

आज होगा विराट हिंदू संगम, लघु कुंभ जैसा दृश्य बनेगा कोटा महानगर में Hindu Nav Varsh

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

प्रत्येक हिंदू 365 में से 65 दिन देश को दे, जनसंख्या में वृद्धि कर समाज की सुरक्षा करें - महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज

हिन्दू नव वर्ष 2082 के आगमन पर मेटा AI से बनाये कुछ चित्र Hindu Nav Varsh AI Meta