दीपावली : ऐ मेरे वतन के लोगों-------


ऐ मेरे वतन के लोगों-------
आज हम दीपावली मना रहे हैं....मगर यह न भूलें कि 1962 में चीन से युद्ध इसी समय चल रहा था और सीमा पर दिवाली नहीं खून की होली खेली जा रही थी। आज शुभ अवसर पर उन शहीदों को नमन...




पंडित प्रदीप की इस महान और अभूतपूर्व श्रृद्धांजली में आओ हमस ब शामिल हों ...इसे लता मंगेशकर की आवाज ने और हृदृयस्पशी बना दिया है....नमन...



ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा

पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर ना आए
ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुरबानी

जब घायल हुआ हिमालय ख़तरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा सो गए अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुरबानी

जब देश में थी दीवाली वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में वो झेल रहे थे गोली
क्या लोग थे वो दीवाने क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुरबानी

कोई सिख कोई जाट मराठा कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुरबानी

थी खून से लथ-पथ काया फिर भी बंदूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा फिर गिर गए होश गँवा के
जब अंत-समय आया तो कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों अब हम तो सफ़र करते हैं

थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुरबानी
जय हिंद जय हिंद की सेना
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

बड़ी जनहानि से बचना सौभाग्य, बहुअयामी विशेषज्ञ जाँच होनी ही चाहिए - अरविन्द सिसोदिया cfcl

पृथ्वी ईश्वर की प्रयोगशाला और जीवन प्रयोग से निकला उत्पादन jeevn or ishwar

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, मास्को जेल में..?

राष्ट्रवाद के महानायक परम पूज्य गोलवलकर जी

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान