चारा घोटाला: जानिए कब - कब, क्या हुआ


टीम डिजिटल,सोमवार, 30 सितंबर 2013
पटना, अमर उजाला
http://www.amarujala.com/news/states/bihar/fodder-scam-decision-today/
बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 20 ए/96 पर सीबीआइ की विशेष अदालत ने लालू यादव समेत 45 लोगों को दोषी ठहरा दिया है। प्राथमिकी दर्ज होने के करीब 17 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया गया है।
संयुक्त बिहार का चारा घोटाला एक ऐसा मामला है, जिसमें छह राजनीतिज्ञ, चार आइएएस अधिकारी, एक आइआरएस अधिकारी, आठ पशुपालन व एक ट्रेजरी अफसर और 25 सप्लायरों ने न्यायिक प्रक्रिया का सामना किया है।

इस मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र सहित कुल 56 आरोपी बनाए गे थे। संयुक्त बिहार में पशुपालन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
सुनवाई के दौरान सात आरोपियों की मौत हो गई, दो वायदा माफ गवाह बन गए और एक ने आरोप स्वीकार कर लिया। वहीं एक को आरोप मुक्त करार दिया गया। सभी पर झारखंड के चाइबासा जिले के कोषागार से 37.70 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी करने का आरोप है।

इस घोटाले में आरोपी बनने के बाद लालू प्रसाद यादव को 1997 में मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। यह घोटाला 1996 में सामने आया था। घोटाले से संबंधित 61 में से 54 मामले वर्ष 2000 में पृथक राज्य के रूप में गठित होने के बाद झारखंड स्थानांतरित कर दिए गए।
सीबीआई की विभिन्न अदालतें 43 मामलों में अपना फैसला सुना चुकी हैं। लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र पांच मामलों में आरोपी हैं।

चारा घोटाले में आरोपी राजनेता और बड़े अधिकारी
आरोपी राजनेता में लालू प्रसाद, डॉ. जगन्नाथ मिश्र, जगदीश शर्मा, आरके राणा, ध्रुव भगत, विद्या सागर निषाद, भोला राम तूफानी ( सुनवाई के दौरान मौत), चंद्र वर्मा ( सुनवाई के दौरान मौत) है।

वहीं इस मामले में आरोपी बड़े अधिकारी हैं फूल चंद सिंह (तत्कालीन वित्त आयुक्त), महेश प्रसाद (तत्कालीन पशुपालन सचिव), बेक जूलियस (तत्कालीन पशुपालन सचिव), के अरुमुगम ( तत्कालीन पशुपालन सचिव), अधीक चंद्र दास (तत्कालीन आयकर आयुक्त, रांची)।

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