आवश्यक सेवाओं के लिए आधार कार्ड होना जरूरी नहीं - सर्वोच्च न्यायालय


आधार कार्ड बनाने की विधि तो बहुत अच्छी है, मगर इन्हे प्राईवेट ठेकेदार बना रहें हैं, उनके कमप्यूटर पर कम गुणवत्ता वाले आपरेटर हैं। अधिकतम कार्ड बनाने पर ही उन्हे फायदा है। इस कारण इनकी अहमियत संदिग्ध और कम वेल्यू की हो जाती है। जब इन्हे बनाने के लिये जिन दस्तावेजों की सूची है , उन दस्तावेजों के धारक के प्रमाण हैं । उन दस्तावेजों को नकार कैसे सकते हैं। वोटर आईडी नागरिकता का सबसे बड़ा सबूत है, राशनकार्ड जिला कलेक्टर द्वारा प्रदत्त है। बैंक खाते की पासबुक गंभीर जांच पर और एक तस्दीकसुदा खातेदार से बनती है। ठीक है आधारकार्ड के ठेकेदारों से किसी को कोई फायदा होगा, मगर इस संदिग्ध दस्तावेज को पक्के से अधिक महत्व देना अनुचित है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश उचित है।
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'आवश्यक सेवाओं के लिए आधार कार्ड होना जरूरी नहीं'
ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने एक फैसले में केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि इस बात का ध्यान रखा जाये कि किसी भी अवैध नागरिक का आधार कार्ड न बने । इसके साथ ही अदालत ने ये भी निर्देश दिए हैं कि आवश्यक सेवाओं जैसे एलपीजी कनेक्शन, टेलीफोन वगैरह के लिये आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। पहले कई चीजों के लिए आधार कार्ड का होना जरूरी था जिससे जिनके पास आधार कार्ड नहीं था उन्हें परेशानी हो रही थी।

गौर हो कि इसके पहले केंद्र सरकार ने भी साफ तौर पर कहा था कि सरकारी सब्सिडी का फायदा लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया गया है। चाहे मामला एलपीजी का हो या कुछ और। संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने राज्यसभा में कहा था कि सब्सिडी वाली किसी भी सरकारी योजना के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई केंद्रीय उद्यम ऐसा कर रहा है तो उसमें सुधार किया जाएगा।

दरअसल पहले खबरें थीं कि रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी आधार कार्ड से जुड़े आपके बैंक अकाउंट में आएगी। सब्सिडी की राशि तभी अकाउंट में आएगी, जब आपने आधार कार्ड बनवाकर अपने बैंक अकाउंट से उसे लिंक कराया होगा। यह भी बात सामने आ रही थी कि आधार कार्ड न होने पर मार्केट रेट पर सिलेंडर खरीदना पड़ेगा। सबसे ज्यादा भ्रम की स्थिति एलपीजी के मसले पर ही थी जो कोर्ट के फैसले के बाद अब दूर हो गई है। 

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