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मार्च, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मोदी मोदी के जयघोष में गुम हो गया विपक्ष - अरविन्द सिसोदिया

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मोदी मोदी के जयघोष में गुम हो गया विपक्ष - अरविन्द सिसोदिया  लोकसभा 2024 का चुनाव यूँ तो प्रारंभ हो चुका है और पहले फेज के नामांकन भी हो गये। किन्तु विधानसभा 2023 के अंत में आये चुनाव परिणामों के पश्चात मोदीजी के नेतृत्व की विजय का जो जयघोष उठा, जो  अद्वितीय समर्पण का उदघोष भाजपा की विजय का पूरे विश्व में हो रहा है। उसमें विपक्ष न जानें कहां गुम हो गया।  जिसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्याधाम में श्रीराम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर पूरे देश ने जो आनंद उत्सव मनाया वह अत्यंत अद्भुत था.... यह दृष्य न पहले हुआ न बाद में होगा.. इस दृश्य के आनंद नें प्रत्येक हिन्दू विपक्षी को झकझोर के रख दिया. देश आत्मसम्मान का उत्सव मना रहा था और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के कार्यकर्ता नेता गण अपनी अपनी पार्टी के राम विरोधी सोच से बेडरूमो में घरों में दुबके हुए थे। यही तब हुआ जब पूरा देश 370 से कश्मीर मुक्त हो रहा था देश जश्न मना रहा था और कांग्रेसी घरों में दुबके हुए थे। पूरे देश में 543 लोकसभा सीटों पर लगभग 96 करोड़ मतदाता हैँ जो 12 लाख के लगभग मतदान केंद्रों पर वोट डालने के लिए ...

भारत को आतंकवाद के प्रति सावचेत रहना ही होगा - अरविन्द सिसोदिया

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भारत को आतंकवाद के प्रति सावचेत रहना निरंतर रहना होगा - अरविन्द सिसोदिया  भारत को आतंकवाद के प्रति सावचेत रहना निरंतर रहना होगा - अरविन्द सिसोदिया  भारत में लोकसभा चुनाव के चलते आतंकवाद के विरुद्ध सतर्कता आवश्य ही गईं है, पहले भी आमचुनावों के समय आतंकी घटनायें होती रहीं हैँ। अभी कुछ ही दिनों में विश्व के सबसे मज़बूत रूस में और दूसरे मज़बूत देश चीन संरक्षित पाकिस्तानी बंदरगाह पर आतंकी हमलों नें विश्व को जता दिया है कि आतंकवाद समाप्त नहीं हुआ है। इसके विरुद्ध निरंतर सतर्कता आवश्य है। क्योंकि रूस में हुईं 22 मार्च 2024 की मुंबई आतंकी हमले जैसी तर्ज पर आतंकवादी हमले में लगभग 140 लोग मर गये और 150 से अधिक गंभीर घायल हैँ। यह आतंकी हमला आतंकवाद के विरुद्ध अत्यंत क्रूर देश रूस में हुआ है। वहीं 26 मार्च 2024 को चीन संरक्षित, चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत बनाए जा रहे ग्वादर बंदरगाह पर भी BLA का हमला हुआ है। जहां रूस के आतंकी हमले की जिम्मेवारी आई.एस.आई.एस.- खुरासान गुट नें ली है। वहीं बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ग्वादर बंदरगाह हमले की जिम्मेदारी ली है।  महत्व...

विश्व व्यापी है हिन्दुओँ का वैदिक कालीन होली पर्व Holi festival of Vedic period is world wide

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Holi festival of Vedic period is world wide विश्व व्यापी  है हिन्दुओँ का वैदिक कालीन होली पर्व   होली महोत्सव ,होली विषय पर जानकारी परक लेख होली का त्यौहार है ,प्यार और मनुहार का,रंगों का साथ है ,अबीर और गुलाल का । होली हिन्दुओँ  का वैदिक कालीन पर्व है । इसका प्रारंभ कब हुआ , इसका कहीं उल्लेख  या कोई आधार नहीं मिलता है । परन्तु वेदों एवं पुराणों  में भी इस त्यौहार के प्रचलित होने का उल्लेख मिलता है । प्राचीन काल में होली की अग्नि में हवन  के समय वेद मंत्र  “ रक्षोहणं बल्गहणम “ के  उच्चारण का वर्णन आता है। होली पर्व को भारतीय तिथि पत्रक के अनुसार वर्ष का अन्तिम  त्यौहार कहा जाता है । यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को संपन्न होने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है ।  इस अवसर पर बड़े -बूढ़े ,युवा -बच्चे, स्त्री-पुरुष सबमे ही जो उल्लास व उत्साह होता है, वह वर्ष भर में होने वाले किसी भी उत्सव में दिखाई नहीं देता है ।  कहा जाता है कि  प्राचीन काल में इसी फाल्गुन पूर्णिमा से प्रथम चातुर्मास सम्बन्धी “वैश्वदेव “ नामक यज्ञ का प्रारंभ होता ...

होली है भई होली है ......

- अरविन्द सिसोदिया  कुल मिला कर होली के इस त्यौहार पर हम ईर्ष्या रूपी होलिका को जलादें ..  तभी इस  त्यौहार  की सार्थकता है ..! अवध की होली और राम का चरित्र  होली राग रंग से भरा ऐसा उल्लास पर्व है जिसका धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक एवं राष्ट्रीय महत्व है। इसमें भारतीय जनमानस का स्वाभाविक व्यक्तित्व झलकता है। हालाँकि यह पर्व प्राचीन काल से आज तक अनेक रूपों में विकसित हुआ है फिर भी हर्ष, उल्लास और उत्सवधर्मिता में कभी कोई कमी नहीं आई। अवध राम की जन्म स्थली और क्रीड़ा स्थली रही है। उनकी यशोगाथा से भरे अवधी लोकगीतों में लोकमानस की भावनाएँ, आशाएँ, आकांक्षाएँ व कामनाएँ परिलक्षित होती है। इस परिप्रेक्ष्य में डाक्टर महेश अवस्थी द्वारा संपादित 'लोकगीत रामायण' में संकलित लोकगीतों में राम से संबंधित होली का सहज चित्रण देखने को मिलता है। होली के मादक रंग में रंगे हुए चारो भाइयों के होली खेलने का यह दृश्य लोकजीवन और लोकप्रेम की सुरम्य झाँकी प्रस्तुत कर रहा है : अवध माँ होली खेलैं रघुवीरा। ओ केकरे हाथ ढोलक भल सोहै, केकरे हाथे मंजीरा। राम के हाथ ढोलक भल सोहै, लछिमन हाथे म...

होली और होली गीत

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फाग के भीर अभीरन में गहि गोविन्दै लै गई भीतर गोरी। भाई करी मन की 'पद्माकर' ऊपर नाई अबीर की झोरी। छीन पिताम्बर कम्मर ते सु बिदा दई मीड़ कपालन रोरी। नैन नचाइ, कही मुसकाइ लला फिरी अइयो खेलन होरी। --------------------- होली होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रंगों का त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से 5 दिन मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते है। दूसरे दिन, जिसे धुरड्डी, धुलेंडी, धुरखेल या धूलिवंदन कहा जाता है, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं, और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइया...

होली आपसी सदभाव, प्रेम की प्रगाढ़ता का पर्व

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होली आपसी सदभाव, प्रेम और स्नेह की प्रगाढ़ता का पर्व Holi is the festival of mutual harmony, the intensity of love and affection.   - अरविन्द सिसोदिया 9414180151 भारत एक बहुत ही प्राचीन मानव सभ्यता का सनातन देश है । इस देश में रहने वाली मानव सभ्यता ने सदैव नूतनता को अंगीकृत किया है। अनादि काल से अनंत अनुसंधानों के द्वारा एक श्रेष्ठतम सुव्यवस्थित मानव सभ्यता की व्यवस्था की है। जिसे हम सनातन संस्कृति या हिन्दुत्व कहते हैं। इसे अंगीकृत करने वाले हिन्दू कहलाते हैं। India is the eternal country of a very ancient human civilization. The human civilization living in this country has always adopted innovation. From time immemorial, through infinite research, a best orderly human civilization has been arranged. Which we call Sanatan Sanskriti or Hindutva. Those who adopted it are called Hindus.    इस सभ्यता के विशाल कालखंड में विभिन्न प्रकार के इवेंट , आयोजन,  त्यौहार , पर्व , धार्मिक कर्मकांड आदि जुड़ते गए । इन पर्वों और त्योहारों की बड़ी संख्या हैं। Various types of events, f...

होली : नरसिंह अवतार, भक्त प्रह्लाद, हिरण्यकश्यप और होलिका.....

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होली की बहुत बहुत शुभ कामनाएं और बधाई ..! रंगों के इस त्यौहार का सन्देश स्पष्ट है  कि जिन्दगी बहुरंगी होनी चाहिए ..! एक रंग नीरसता को लाता है .. तो बहुरंगता विविधता के द्वारा नीरसता को तोड़ता है ..! जीवन को बहु रंगी बनायें .. जम कर होली मनाएं ..!  - अरविन्द सिसोदिया , कोटा , राजस्थान , भारत | 09414180151   Blog - arvindsisodiakota.blogspot.com Blog - arvindsisodiakota.blogspot.com ------ संझिप्त  में होली की कथा .....  होली के प्रचलन की अनेक कथाओं में प्रमुख है भक्त प्रहलाद , उसके पिता , बुआ और भगवान की कथा। कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक असुर था जिसका नाम था हिरण्यकश्यप। अपने बल और सामर्थ्य के अभिमान में वह स्वयं को ही भगवान मानने लगा था। उसका पुत्र प्रह्लाद बड़ा ईश्वर भक्त था।  हिरण्यकश्यप की  भारी व्यथा यह थी कि उसके घर में ही उसे विद्रोह के स्वर (धर्म-पालन और ईश्वर-भक्ति के वचन) सुनाई दे रहे थे। अर्थात प्रह्लाद की ईश्वर-भक्ति और धर्मपरायणता उसके ढोंग को नकार देते थे ..! जिससे  नाराज होकर हिरण्यकश्यप ने ...

होली संपूर्ण holi festival

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*************** *  होली चिन्तन holi festival  ***************                   होली भारतीय संस्कृति की पहचान का एक पुनीत पर्व है, भेदभाव मिटाकर पारस्परिक प्रेम व सद्भाव प्रकट करने का एक अवसर है. अपने दुर्गुणों तथा कुसंस्कारों की आहुति देने का एक यज्ञ है तथा परस्पर छुपे हुए प्रभुत्व को, आनंद को, सहजता को, निरहंकारिता और सरल सहजता के सुख को उभारने का उत्सव है.                  यह रंगोत्सव हमारे पूर्वजों की दूरदर्शिता है जो अनेक विषमताओं के बीच भी समाज में एकत्व का संचार करता है. होली के रंग-बिरंगे रंगों की बौछार जहाँ मन में एक सुखद अनुभूति प्रकट कराती है वहीं यदि सावधानी, संयम तथा विवेक न रक्खा जाये तो ये ही रंग दु:खद भी हो जाते हैं. अतः इस पर्व पर कुछ सावधानियाँ रखना भी अत्यंत आवश्यक है.                   प्राचीन समय में लोग पलाश के फूलों से बने रंग अथवा अबीर-गुलाल, कुम -कुम- हल्दी से होली खेलते थे. किन्तु वर्त्तमान समय में रासायनिक तत्...

भाजपा की सुपरफ़ास्ट भजनलाल शर्मा सरकार नें ऐतिहासिक उपलब्धियां का इतिहास रचा

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भजनलाल शर्मा सरकार नें 100 दिन में वह कर दिखाया जो कांग्रेस 5 साल में नहीं कर सकी - अरविन्द सिसोदिया  भाजपा की राजस्थान में सुपरफ़ास्ट भजनलाल शर्मा राज्य सरकार नें मात्र 100 दिन की सरकार में ही ऐतिहासिक उपलब्धियों का इतिहास रचा है। राजस्थान को सिंचाई और पेयजल की परियोजना को स्वीकृत किया और लोककल्याण के सभी क्षेत्रों में कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है।इन उपलब्धियों को भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को पढ़ना चाहिए और जनता के बीच इनकी चर्चा करनी चाहिए। भाजपा की भजनलाल सरकार का ब्यौरा  प्रगति पथ पर गतिमान, आपणो अग्रणी राजस्थान अलौकिक धाम श्री राम मंदिर अयोध्या राष्‍ट्रीय अस्‍मिता के पुनरुत्‍थान की प्राण-प्रतिष्‍ठा पौष शुक्‍ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, 22 जनवरी, 2024 • मंदिर निर्माण में नींव से लेकर भवन तक राजस्‍थान का अहम योगदान। नींव में राजस्‍थान के 50 से अधिक मंदिर, मठ, आश्रम और तीर्थ क्षेत्रों की मिट्‌टी डाली गई है। • जयपुर से अयोध्या के लिए विशेष विमान सेवा प्रारंभ। • 3,000 वरिष्ठ नागरिकों को नि:शुल्क यात्रा कराई गई। • सात संभाग मुख्यालयों से अयोध्या के लिए बस...