होली आपसी सदभाव, प्रेम की प्रगाढ़ता का पर्व

होली आपसी सदभाव, प्रेम और स्नेह की प्रगाढ़ता का पर्व
Holi is the festival of mutual harmony, the intensity of love and affection.


 
- अरविन्द सिसोदिया 9414180151

भारत एक बहुत ही प्राचीन मानव सभ्यता का सनातन देश है । इस देश में रहने वाली मानव सभ्यता ने सदैव नूतनता को अंगीकृत किया है। अनादि काल से अनंत अनुसंधानों के द्वारा एक श्रेष्ठतम सुव्यवस्थित मानव सभ्यता की व्यवस्था की है। जिसे हम सनातन संस्कृति या हिन्दुत्व कहते हैं। इसे अंगीकृत करने वाले हिन्दू कहलाते हैं।

India is the eternal country of a very ancient human civilization. The human civilization living in this country has always adopted innovation. From time immemorial, through infinite research, a best orderly human civilization has been arranged. Which we call Sanatan Sanskriti or Hindutva. Those who adopted it are called Hindus.
 
 इस सभ्यता के विशाल कालखंड में विभिन्न प्रकार के इवेंट , आयोजन,  त्यौहार , पर्व , धार्मिक कर्मकांड आदि जुड़ते गए । इन पर्वों और त्योहारों की बड़ी संख्या हैं।
Various types of events, festivals, religious rituals etc. were added in the vast period of this civilization. There are a large number of these festivals and festivals.

भारत के सबसे बड़े दो महत्वपूर्ण त्यौहार दिवाली और होली है । यह त्यौहार 5-5 दिन के हैं तथा उनकी तैयारी काफी दिन पहले से की जाती है । दोनों ही त्योहारों का मानव सभ्यता, उसकी जीवन पद्धति , उसके आचार, विचार, व्यवहार एवं आपसी समन्वय व सामंजस्य पर बहुत गहरा असर है । 

Two of the biggest festivals of India are Diwali and Holi. These festivals are of 5 to 5 days and their preparation is done from long days in advance. Both the festivals have a deep impact on human civilization, its way of life, its ethics, thoughts, behavior and mutual coordination and harmony.

भारत के लगभग सभी त्यौहार और पर्व किसी न किसी वैज्ञानिकता, किसी ना किसी श्रेष्ठता और किसी ना किसी व्यवस्था को अंगीकृत करते हुए , किसी लक्ष्य , किसी सद्भावना और किसी ना किसी हेतु के लिए बने हैं । और इसीलिए यह निरंतर हजारों - लाखों वर्षों से समाज व्यवस्था के बीच में मनाए जाते रहे हैं , जीवंत हैं । उन्हें मनाने के लिए समाज में उत्साह है, एक आनंद है , एक आत्म स्वीकृति है इसीमें होली भी एक ऐसा त्यौहार है ।
Almost all the festivals and festivals of India are made for some goal, some goodwill and some cause, adopting some science, some superiority and some system. And that is why it has been celebrated continuously for thousands and millions of years in the midst of the social system, is alive. There is enthusiasm in the society to celebrate them, there is a joy, there is a self-acceptance, in which Holi is also one such festival.

 मानव सभ्यता की समाज व्यवस्था को , आपसी वैमनस्यता भुलाकर , आपस में गले मिलने , एकजुट होने, एक दूसरे के काम आने का संदेश देते हैं । यह एक सप्ताह का पर्व, हमेशा बुरे काम का, पाप का , दुष्कर्म का शमन करने का है । यह पर्व उन्हें समाप्त करने का एक हौसला, एक संदेश, एक प्रेरणा का प्रवाह बनाता है।

To the social system of human civilization, forgetting mutual animosity, they give the message of embracing each other, being united, helping each other. It is a one week festival, always for the eradication of evil deeds, sins and misdeeds. This festival creates a flow of encouragement, a message, an inspiration to end them.

 जिस तरह दिवाली बुराई पर , अच्छाई के प्रतीक के रूप में रावण दहन से मनाई जाती है । उसी तरह होली भी बुराई का साथ देने वाली होलिका दहन के साथ मनाई जाती है । यह पर्व रंगों को आपस में लगाकर, गुलाल आपस में लगाकर , एक दूसरे के गले मिलकर , अपनी गलतियों की क्षमा याचना और नई मित्रता की प्रेरणा के साथ संपन्न होती है ।
Just as Diwali is celebrated with the burning of Ravana as a symbol of good, on evil. Similarly, Holi is also celebrated with Holika Dahan, which accompanies evil. This festival is concluded by putting colors together, applying Gulal among themselves, hugging each other, apologies for our mistakes and inspiration of new friendship.

 होली दहन से लेकर के रंग पंचमी तक का यह 5 दिन का त्योहार भारत के सभी क्षेत्रों में और सभी समुदायों के साथ मनाया जाता है । यह होली का अवसर हमें बुराई पर अच्छाई की विजय और आपस में गले मिलकर समन्वय और साथ चलने की प्रेरणा देते हैं।

This 5 day festival from Holi Dahan to Rang Panchami is celebrated in all regions of India and with all communities. May the occasion of Holi give us the victory of good over evil and inspire us to live together in harmony and togetherness.

होलिका दहन की कहानी
Story of Holika Dahan

यह बहुत समय पुरानी बात हैं एक हिरण्यकश्यप नाम का राक्षसों का राजा था। वह स्वयं को भगवान समझता था। हिरण्यकश्यप एक पुत्र था जिसका नाम प्रह्लाद था। प्रह्लाद विष्णु भगवान की आराधना करते थे और उनके बहुत बड़े भक्त थे। हिरण्यकश्यप पूर्ण रूप से नास्तिक थे और भगवान विष्णु के विरोधी भी थे।
It is a long time ago that there was a king of demons named Hiranyakashipu. He considered himself a god. Hiranyakashipu had a son named Prahlad. Prahlad worshiped Lord Vishnu and was a great devotee of him. Hiranyakashipu was a complete atheist and was also an opponent of Lord Vishnu.
 
परन्तु प्रह्लाद विष्णु भगवान के भक्त थे और यह बात उनके पिता को अच्छी नहीं लगती थी। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को भगवान विष्णु की आराधना न करने की चेतावनी दी परन्तु पुत्र प्रह्लाद ने अपने पिता हिरण्यकश्यप की बात न सुनी। तभी राजा हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने का निश्चय किया। इस कार्य में उन्होंने अपनी बहन होलिका की सहायता लेने का निश्चय किया। होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाती हैं।

But Prahlad was a devotee of Lord Vishnu and his father did not like this thing. Hiranyakashipu warned Prahlad not to worship Lord Vishnu but son Prahlad did not listen to his father Hiranyakashipu. Then King Hiranyakashipu decided to kill Prahlad. In this work he decided to take the help of his sister Holika. Holika takes Prahlad in her lap and sits in the fire.

 
होलिका को अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त था। इसी बात का फ़ायदा उठाकर होलिका प्रह्लाद को लेकर अग्नि में कूद पड़ती हैं। परन्तु इसका परिणाम विपरीत होता हैं। होलिका अग्नि में जलकर राख हो जाती हैं और प्रह्लाद बच जाते हैं। भगवान विष्णु उनका बाल भी बांका नहीं होने देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होने के कारण ही इस दिन को होली पर्व के रूप में मनाया जाता हैं।

Holika had the boon of not getting burnt by fire. Taking advantage of this, Holika jumps into the fire with Prahlad. But its result is opposite. Holika burns to ashes in the fire and Prahlad is saved. Lord Vishnu does not even allow his hair to become frizzy. It is said that due to the victory of good over evil, this day is celebrated as Holi festival.

प्रत्येक वर्ष होली के त्यौहार फाल्गुन माह में बड़े हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन सभी लोगो को आपसी झगड़ों को भूलकर ख़ुशी के साथ एक दूसरे पर रंग लगाकर एवं विभिन्न प्रकार की मिठाइयों एवं पकवानो के साथ खाकर मनाया जाता है।
Every year the festival of Holi is celebrated with great gaiety in the month of Falgun. This day is celebrated by all the people forgetting mutual quarrels with happiness by applying colors on each other and eating them with different types of sweets and dishes.

यह पौराणिक कथाओं में से एक सबसे लोकप्रिय कथा है। इसके साथ ही भारत के सम्पूर्ण स्थानों में यह अलग अलग रूप में मनाया जाना वाला एक प्रमुख त्यौहार है। हिन्दू धर्म में यह त्योहारों में एक उत्सव के रूप में मनाया जाने वाला प्रमुख दिन है।

This is one of the most popular legends of mythology. Along with this, it is a major festival celebrated in different forms all over India. In Hinduism, this is the main day celebrated as a festival in festivals.


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