सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच न्यायिक देखरेख में की जानी चाहिये ।
शशी थरूर की पत्नि सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध मौत यह तो चीख चीख कर कह रही है कि , शशी के आचरण के कारण सुनंदा की मौत हुई ! परोक्ष अपरोक्ष शशी ही जिम्मेवार हैं। यहां प्रश्न है कि क्या, शशी अगर हिन्दू होते तो जेल में आशारामजी की तरह होते ?
सुनंदा ने मरने से पहिले कई आरोप, शशी थरुर पर लगाये । क्या पुलिस को उसे हिरासत मे नही लेना चाहिये ? क्या अलग - अलग व्यक्ति के लिये कानून अलग अलग होते है । सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच न्यायिक देखरेख में की जानी चाहिये ।
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थरूर की पत्नी सुनंदा की मौत दवा के ओवरडोज से हुई, एम्स ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट SDM को सौंपी
शिवेंद्र श्रीवास्तव [Edited by: पीयूष शर्मा] | नई दिल्ली, 20 जनवरी 2014 |
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केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट सामने आ गई है. सूत्रों की मानें, तो सुनंदा की मौत दवा के ओवरडोज से हुई है.
मौत की वजह तो साफ हो गई है, पर मौत की पहेली अब भी अपनी जगह कायम है. ये सवाल अभी भी अपनी जगह पर है कि सुनंदा की मौत को खुदकुशी कहेंगे या फिर गलती से हुई मौत?
एम्स के हेड मेडिकल बोर्ड डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने सोमवार शाम को वसंत विहार के एसडीएम आलोक शर्मा को सीलबंद लिफाफे में सुनंदा की पोस्टमार्ट रिपोर्ट सौंप दी. वसंत विहार के एसडीएम आलोक शर्मा ही सुनंदा की संदिग्ध मौत की जांच कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह ड्रग्स के ओवरडोज को बताई गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ओवरडोज की वजह से दवा पेट में जाकर जहर बन गई और उसी की वजह से सुनंदा की मौत हो गई.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुनंदा के शरीर पर चोट के कई निशानों का भी जिक्र है. पर रिपोर्ट के मुताबिक जख्म के इन निशानों का सुनंदा की मौत से कोई लेना-देना नहीं है. सूत्रों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये साफ हो गया है कि सुनंदा ने न तो जहर खाया था और ना ही उनका कत्ल किया गया है. पर रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया है कि ड्रग्स का ओवरडोज सुनंदा ने जान-बूझकर लिया था या फिर अनजाने में?इन्हीं चीजों ने मौत की पहेली को और उलझा दिया है.
एक्सपर्ट की मानें तो आम तौर पर दवा के आदी मरीजों को इतना पता होता है कि कौन-सी दवा कितनी खानी चाहिए और कितनी मात्रा में. सुनंदा पढ़ी-लिखी थीं और चूंकि उनका इलाज भी चल रहा था, लिहाजा वो दवा खाने की आदी थीं. डिप्रेशन की दवा तय मात्रा से ज्यादा एक साथ लेने का अंजाम क्या होता है ये वो अच्छी तरह जानती थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर अनजाने में वो एक साथ इतनी मात्रा में जानलेवा दवा कैसे ले सकती थीं?
सूत्रों के मुताबिक लीला होटल के कमरा नंबर 345 से सुनंदा की मौत के बाद तलाशी में बहुत सारी दवाएं मिली थीं. उन्हीं में से डिप्रेशन की दवा की भी दो स्ट्रिप मिली थी. एक स्ट्रिप में पंद्रह गोलियां आती हैं. पुलिस को कमरे से एक खाली स्ट्रिप मिली, जबकि दवा की दूसरी स्ट्रिप में सिर्फ तीन गोलियां मिलीं. यानी तीस गोलियों की इन दो स्ट्रिप्स में से 27 गोलियों का इस्तेमाल किया जा चुका था, पर ये साफ नहीं हो पाया है कि क्या 27 गोलियां एक साथ खाई गईं या फिर कई दिनों में इनका इस्तेमाल हुआ?
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