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संघ नें हिंदुत्व को नई प्राणशक्ति दी हैँ - अरविन्द सिसोदिया

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संघ नें हिंदुत्व को नई प्राणशक्ति दी हैँ - अरविन्द सिसोदिया  आरएसएस देशहित का प्रबल संकल्प है,उसे तुष्टिकरणवादी कांग्रेस नहीं रोक सकती - अरविन्द सिसोदिया  कोटा 5 जुलाई। भाजपा राजस्थान के मीडिया संपर्क विभाग के प्रदेश सहसंयोजक एवं राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यासी अरविन्द सिसोदिया नें कांग्रेस के आरएसएस के बयानों पर पलटबार करते हुए कहा है कि " राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत का प्रमुख राष्ट्रहित चिंतक नागरिकों का लोकशिक्षण करनें वाला संगठन है, यह विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है। संघ का जन्म स्वतंत्रता संग्राम से ही राष्ट्रहित हेतु हुआ है। जिसने भारतमाता को परम वैभव पर स्थापित करने के लक्ष्य से अपना प्रारंभ किया है और अपनी सौ वर्ष की यात्रा में भारत को विश्व की प्रमुखशक्तियों बना दिया है।" सिसोदिया नें कहा है कि " कांग्रेस का संघ को प्रतिबंधित करने का विचार पूरी तरह से असंवैधानिक और लोकतंत्र विरोधी, तानाशाही विचार है, कांग्रेस के संस्थापक अंग्रेजों की फिरंगी सोच है,जिसे भारत कतई स्वीकार नहीं करता है। कांग्रेस नें पूर्व में भी कई ...

हिंदुत्व का सर्वोच्च अनुसंधान, पूर्णपरब्रह्म ही सत्य है - अरविन्द सिसोदिया Par brahm parmeshwar

हिंदुत्व का सर्वोच्च अनुसंधान, पूर्णपरब्रह्म ही सत्य है - अरविन्द सिसोदिया  भारतीय मानव सभ्यता करोड़ों अरबों वर्ष प्राचीन पूर्ण विकसित मानव सभ्यता है, इसलिए इसके पास ज्ञान का समृद्ध भंडार है, जिसने ईश्वर से लेकर मनुष्य तक, प्रकृति से लेकर सृष्टि तक, आरंभ से लेकर अनंत तक का अनुसंधान किया है। उस ज्ञान से जो पाया, समझा कि जो कुछ भी विद्वमान है, मौजूद है वह अपने आपमें पूर्ण है। मनुष्य है तो पूर्ण है, पशु पक्षी पेड़ पौधे प्रत्येक अपने आप में पूर्ण हैँ और किसी वृहद व्यवस्था जो अपने आप में भी पूर्ण सत्ता है का अंश है या अंग है। यह भी समझा कि सृष्टि में स्वरूप परिवर्तन होता है, समाप्त कुछ भी नहीं होता। परमशक्ति के जीवन की सनातनता में प्राणी सत्ता जन्मदिन जीवन मृत्यु और फिरसे जन्म जीवन और मृत्यु की श्रंखला में चलती रहती है। यह आदि से अनंत की यात्रा है।  सनातन हिंदू संस्कृति के इस महान और संजोकर रखने योग्य ज्ञान को भारत सरकार के संरक्षण में भी रखा जाना चाहिए, क्योंकि यह महान अनुसंधान, आने वाले समय में मानव सभ्यता को दिशा देनें के काम आएगा। विराट विश्व में व्याप्त विज्ञान ही सृष्टि संचालन ...

रामराज के सिद्धांत को जिला प्रशासन को अपनाना ही चाहिए - अरविन्द सिसोदिया

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राजा राम को क्या जरूरत थी जो वे वेश बदल कर जनमत जानने, जनता के बीच पहुंचे.... जनमत जानना ही असली राजधर्म है....  रामराज के सिद्धांत को जिला प्रशासन को अपनाना ही चाहिए - अरविन्द सिसोदिया  भारत में सबसे बड़ी समस्या न्याय है और जिन कार्यालयों में न्याय की रक्षा होनी चाहिए, वे अन्याय के भ्रष्टाचार के शिथिलता के और अयोग्यता के अड्डे बने हुये हैँ। जनता वास्तव में परेशान सरकारी दफ्तरों से है। मगर इस और कोई ध्यान नहीं देता। मेरा मानना है कि पूरे देश में युद्धस्तर पर जनप्रतिनिधियों को वेश बदल कर सरकारी कार्यालयों की व्यवस्था सुधारना चाहिए। राजा अर्थात प्रशासन का कर्तव्य जनता के पास जाना, उसके कष्टों को अन्याय को समझना और दूर करना ही है। यही कर्तव्य केंद्र सरकार, राज्यों की सरकारों, स्थानीय स्वायत्त शासन, ग्रामीण राज्य सहित मुख्यरूप से जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक को ध्यान में रखना चाहिए। *राम राज्य के न्याय की परिकल्पना: जनता के सुखदुःख जानना समझना* राम राज्य की अवधारणा हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में एक आदर्श राज्य की परिकल्पना है, जिसमें न्याय, स...

विष्णुदत्त शर्मा, मध्यप्रदेश भाजपा के श्रेष्ठतम संगठक bjp mp

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एक युग नहीं, एक प्रेरणा पुंज— जो हर दिल में जीवित रहेगा। माननीय श्री विष्णु दत्त शर्मा जी (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी — मध्यप्रदेश) आज जब आप प्रदेश अध्यक्ष पद से औपचारिक रूप से विदा ले रहे हैं, तो यह क्षण केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि पूरे संगठन, विशेषकर हम जैसे छोटे कार्यकर्ताओं के लिए भावनात्मक विदाई का पल है। आपका नेतृत्व कोई सामान्य कालखंड नहीं था — यह एक स्वर्ण युग था। • 2023 में 230 में से 163 सीटें भाजपा की झोली में • 2024 में फिर से 29 की 29 सीटें जीतकर इतिहास रचना • पार्टी की दो बार सरकार निर्माण में निर्णायक भूमिका • संगठन को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाना, मंडल से लेकर बूथ तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना • युवाओं में जोश और राष्ट्र के लिए कर्मयोग का भाव भरना आपका व्यक्तित्व संयम और साहस का संगम है। विचारों में स्पष्टता, कार्यशैली में पारदर्शिता और लक्ष्य के प्रति अडिगता — यही आपकी नेतृत्व की पहचान रही है मेरे लिए यह व्यक्तिगत गर्व और सौभाग्य की बात है… पहले आपके साथ जहां विद्यार्थी परिषद का कार्य करने का अवसर मिला एवं आप जैसे कर्मठ और दूरदर्शी नेता के ने...

आपातकाल : कांग्रेस द्वारा संविधान की हत्या और न्यायपालिका को गुलाम बनानें की क्रूर मानसिकता को उजागर करती है

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आपातकाल : कांग्रेस द्वारा संविधान की हत्या और न्यायपालिका को गुलाम बनानें की क्रूर मानसिकता को उजागर करती है  ------- 21 जून को देश और दुनिया भर में करोड़ों लोगों ने ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ में हिस्सा लिया: पीएम मोदी विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया और दो हजार से अधिक आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार किए: पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 64% से अधिक आबादी अब किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उठा रही है: पीएम मोदी आपातकाल लगाने वालों ने न केवल हमारे संविधान की हत्या की, बल्कि उनकी मंशा न्यायपालिका को भी अपना गुलाम बनाए रखने की थी: पीएम मोदी हमें उन सभी लोगों को हमेशा याद रखना चाहिए जिन्होंने आपातकाल का डटकर मुकाबला किया। यह हमें अपने संविधान को मजबूत और स्थायी बनाए रखने के लिए निरंतर सतर्क रहने की प्रेरणा देता है: पीएम मोदी बोडोलैंड आज देश में एक नए चेहरे, नई पहचान के साथ खड़ा है। बोडोलैंड अब देश के खेल मानचित्र पर अपनी चमक बिखेर रहा है: पीएम मोदी मेघालय की महिलाएं अब स्वयं सहायता समू...

गहलोत झूठ फैलाना बंद करें - अरविन्द सिसोदिया bjp rajasthan kota

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गहलोत झूठ फैलाना बंद करें ,भजनलाल शर्मा अपना कार्यकाल पूरा करेंगे,भाजपा में कांग्रेस जैसी सिरफुटव्वल नहीं होती - अरविन्द सिसोदिया  कोटा 28 जून। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सहसंयोजक मीडिया संपर्क विभाग एवं राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यासी अरविन्द सिसोदिया नें जारी प्रतिक्रिया में कहा है कि " पूर्व मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत सुर्खियों में बने रहने के लिए झूठ गढ़ रहे हैँ, वे निश्चिंत रहें भाजपा की भजनलाल शर्मा सरकार निर्विघ्न अपना कार्यकाल पूरा करेगी, भाजपा में कांग्रेस जैसे व्यक्तिवादी सत्ता संघर्ष को कोई स्थान नहीं है। " उन्होंने कहा कि " कुर्सी युद्ध कांग्रेस की संस्कृति है, अशोक गहलोत और सचिन पायलट कुर्सीयुद्ध का राजस्थान प्रत्यक्षदर्शी है। कांग्रेस दशकों से केंद्र और राज्योंमें गुटबाजी और व्यक्तिवादी संघर्ष में फंसी हुई है। आज भी वह जहां है वहाँ उनका आपसी संघर्ष जगजाहिर है, चाहे वह कर्नाटक हो या हिमाचल प्रदेश हो। कांग्रेस की पहचान ही सिरफुटव्वल पार्टी के रूप में है।"   उन्होंने कहा कि " भाजपा एक अनुशासित राजनीतिक दल ह...

राजनाथ सिंह नें चीन की कुटिल चाल और पाकिस्तान के छल को विफल किया

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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नें चीन में हुई SCO  देशों की बैठक में चीन की कुटिल चाल और पाकिस्तान के छल को विफल कर, भारत के आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोंण को निडरता से उठा कर, पूरे बिश्व को चोंका दिया है। इसी के साथ भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी भी महाशक्ति से नहीं डरता है। भारत नें बहुत स्पष्टता से कहा आतंकवाद को परोक्ष अपरोक्ष समर्थन कतई नहीं दिया जा सकता। भारत के साझा घोषणापत्र पर हस्ताक्षर नहीं करने से SCO की बैठक का साझा बयान पारित नहीं हुआ। अर्थात भारत नें चीन की धरती से न केबल पाकिस्तान को बेनक़ाब किया बल्कि, चीन को भी आतंकवाद समर्थक देश साबित कर दिया है। यह भारत की बड़ी कूटनीतिक कार्यवाही साबित हुई है। --------- सामने बैठे थे पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और राजनाथ सिंह सुनाते चले गए... चीन में 'आतंकिस्तान' को सुनाई खरी-खरी चीन के किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में, राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वालों को परि...

सावधान भारत : अमेरिका मोदी विरोधी प्लान में लिप्त है

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मोदीजी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी बिना किसी विशेष बात के अमेरिका नें वीजा बैन कर दिया था...जबकि गोधरा कांड कांग्रेस नें करवाया था और जब वे प्रधानमंत्री बन गये तब यह वैन खोला था.... इसलिए यह याद रहें कि आतंकवाद परस्त ताकतों के साथ अमेरिका के रिश्ते कितने मज़बूत हैँ। वे आतंकवाद विरोधी होनें का मात्र नाटक करती है। वास्तविकता यही है कि अमेरिका ब्रिटेन गठजोड़ ही आतंकवाद और बिभिन्न देशों में अस्थिरता के जनक हैँ। ये अपनी उत्पादन क्षमता को बनाये रखने के लिए दूसरे देशों की उत्पादन क्षमता प्रभावित करते हैँ। *मोदी और मुसद्दिक* *ईरान 1951 और भारत 2024, क्या इनमें कोई समानता है...?* क्या आपने कभी सोचा है कि ईरानी लोग अमेरिका को "शैतानों की भूमि" क्यों कहते हैं...? कभी ईरान के तेल पर ब्रिटेन का वर्चस्व था। ईरान के तेल उत्पादन का 84% हिस्सा इंग्लैंड को जाता था, और केवल 16% ही ईरान को मिलता था। 1951 में एक सच्चे देशभक्त मोहम्मद मुसद्दिक ईरान के प्रधानमंत्री बने। वे नहीं चाहते थे कि ईरान की तेल संपदा पर विदेशी कंपनियों का कब्जा रहे। 15 मार्च 1951 को मुसद्दिक ने ईरानी संसद में...