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तमिलनाडु से पहले राष्ट्रपति कलाम को और अब उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन को चुनवाया भाजपा नें

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तमिलनाडु से पहले राष्ट्रपति कलाम और अब उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन चुनवाये भाजपा नें  Know political implications of CP Radhakrishnan Vice President BJP and Indian politics कोयंबटूर से दिल्ली तक... उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन की जीvकैसे BJP लिख रही नई कहानी उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शानदार जीत हासिल की है। उन्हें प्रथम वरीयता के 452 वोट प्राप्त हुए, जिसके साथ वे भारत के उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। Tue, 9 Sept 2025,  कोयंबटूर से दिल्ली तक... उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन की जीत से कैसे BJP लिख रही नई कहानी उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शानदार जीत हासिल की है। उन्हें प्रथम वरीयता के 452 वोट प्राप्त हुए, जिसके साथ वे भारत के उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस बी सुधर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 वोट मिले।  सीपी राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना अप्रत्याशित नहीं था, क्योंकि उनके पक्ष में पहले से ही पर्याप्त संख्याब...

पांच साल में हिल गए भारत के 5 पड़ोसी Nepal

पांच साल में हिल गए भारत के 5 पड़ोसी, क्या अब कोई देश सुरक्षित नहीं है? बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका और नेपाल में हुए विरोध प्रदर्शनों ने यह साबित कर दिया है कि भारत के पड़ोस में राजनीतिक स्थिति बेहद खराब है। और नेपाल को देखकर अन्य देश भी टेंशन में होंगे। Tue, 9 Sept 2025,  पांच साल में हिल गए भारत के 5 पड़ोसी, क्या अब कोई देश सुरक्षित नहीं है? भारत के पड़ोसी देशों की हालत बदहाल है। हाल के वर्षों में घरेलू कारणों से हुए प्रदर्शनों ने इन देशों में राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी है। बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका और नेपाल में हुए विरोध प्रदर्शनों ने यह साबित कर दिया है कि भारत के पड़ोस में राजनीतिक स्थिति बेहद खराब है। इन प्रदर्शनों से यह भी स्पष्ट हो गया है कि आज कोई भी देश पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। अगर भविष्य में भी इस तरह के विरोध प्रदर्शन जारी रहे, तो कोई भी देश हिल सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो तख्तापलट की नौबत आ सकती है।। नेपाल में भ्रष्टाचार का मुद्दा नया? ऐसा नहीं है कि नेपाल में भ्रष्टाचार का मुद्दा नया है। न ही यह कि सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध से पहल...

भारतीय संस्कृति संपूर्ण विश्व के लिये अनुकरणीय है - अरविन्द सिसोदिया sanatan snskriti hindu dharm

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सनातन संस्कृति विश्वास, व्यस्तता, अर्थ चक्र और आत्मिक उन्नति का समन्वित स्वरूप है। जो सकारात्मक समाज का निर्माण करता है, इसी कारण भारतीय संस्कृति में मानवीय भावनायें और वसुदेव कुटुंबकम की भावनायें भरी हुई है। यह एक ऐसी सभ्यता, संस्कृति है,जो हमें जीवन के उन्नत विभिन्न पहलुओं में संतुलन और सामंजस्य बनाए रखने की प्रेरणा देती है और सर्वाधिक अनुशासित समाज व्यवस्था बनाती है, जो संतुष्टी, समन्वय और संस्कारों से युक्त है। विश्वास : - सनातन संस्कृति में विश्वास एक महत्वपूर्ण तत्व है। यह हमें अपने ईश्वर, देव, धर्म, श्रेष्ठ परंपराओं और जीवन मूल्यों पर दृढ़ रहने की प्रेरणा देता है। ईश्वर में विश्वास स्वयं को अनुशासित और संयमी बनाता है।  व्यस्तता: - सनातन संस्कृति में तीज त्योहारों पर्व आदि की व्यस्तता और निरंतरता है जो जीवन को बहुत से अवसादों से बचती है, ध्यान में सोच में विविधता लाती है। विभिन्न पहलुओं में सक्रिय रहना एक रसता को तोड़ कर विविधता को भरता है । यह हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। जीवन को मनोरंजक और विविधता से भरता ह...

अविभाजित संपत्ति बिना बंटवारा नहीं बेच सकते MP High Court Order

MP High Court Order : संयुक्त हिन्दू परिवार की अविभाजित संपत्ति बिना बंटवारा नहीं बेच सकते, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश संयुक्त हिन्दू परिवार की अविभाजित संपत्ति से जुड़े प्राय सभी कानूनी बिंदुओं को विस्तार से समाहित किया गया है। By Mukesh Vishwakarma Edited By: Mukesh Vishwakarma Publish Date: Thu, 08 Sep 2022  MP High Court Order : संयुक्त हिन्दू परिवार की अविभाजित संपत्ति बिना बंटवारा नहीं बेच सकते, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि।  हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कानूनी बिंदु का निर्धारण करते हुए साफ कर दिया है कि संयुक्त हिन्दू परिवार की अविभाजित संपत्ति या उसका कोई हिस्सा विधिवत बंटवारा किए नहीं बेचा जा सकता। हाई कोर्ट के इस ताजा आदेश को न्यायदृष्टांत के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण निरूपित किया जा रहा है। हाई कोर्ट ने लंबे समय तक दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुनाया। इस आदेश में संयुक्त हिन्दू परिवार की अविभाजित संपत्ति से जुड़े प्राय सभी कानूनी बिंदुओं को विस्तार से समाहित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फ...

My Gov राजनीतिक एवं संवैधानिक सुधार हेतु प्रस्तावित नियमावली

राजनीतिक एवं संवैधानिक सुधार हेतु प्रस्तावित नियमावली 1. कार्यकाल एवं पद की सीमा 1.1. कोई भी जनप्रतिनिधि एक ही स्तर (स्थानीय निकाय / विधानसभा / संसद) पर अधिकतम दो कार्यकाल ही संभाल सकेगा। 1.2. राष्ट्रपति और राज्यपाल अधिकतम दो कार्यकाल (10 वर्ष) ही पद पर रह सकेंगे। 1.3. सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अधिकतम 10 वर्ष ही पद पर रहेंगे। 1.4. किसी भी राजनीतिक दल का अध्यक्ष अधिकतम 10 वर्ष ही अध्यक्ष पद पर रहेगा। 1.5. किसी भी राजनीतिक दल में व्यक्ति अधिकतम 20 वर्ष तक ही किसी भी पद पर रह सकेगा। --- 2. संसदीय/विधानसभा आचरण नियम 2.1. सदन में हंगामा, हिंसा, असंसदीय भाषा या गरिमा भंग करने पर सदस्यता समाप्त की जा सकेगी। 2.2. किसी भी विषय पर बहस शांतिपूर्ण व तथ्य आधारित होगी। 2.3. सदन से बहिष्कार (वॉकआउट) की परंपरा समाप्त होगी, सभी निर्णय मतदान प्रक्रिया से होंगे। 2.4. आरोप लगाने की स्वतंत्रता रहेगी, परंतु प्रत्येक आरोप शपथपत्र के साथ ही लगाया जाएगा। 2.5. सदन में असत्य या भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करने पर कठोर दंड होगा। --- 3. सार्वजनिक बयानबाजी एवं राजनीतिक जिम्मेदारी 3.1. जनप्रतिनिधि या...

भारत में ही बनी वस्तुओं का अधिकतम उपयोग करें - पंकज गोयल btsm kota

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भारत तिब्बत सहयोग मंच की राष्ट्रीय मासिक तरंग बैठक सम्पन्न  भारत में ही बनी वस्तुओं का अधिकतम उपयोग करें - पंकज गोयल  नई दिल्ली / कोटा 6 सितंबर। भारत तिब्बत सहयोग मंच की राष्ट्रीय मासिक तरंग बैठक शुक्रवार रात्री में ऑनलाइन सम्पन्न हुई, जिसके मुखवक्ता मंच के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंकज गोयल रहे। बैठक का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री राजेंद्र कामदार नें किया एवं धन्यवाद ज्ञापन रामकिशोर पसारी ने किया। कोटा से बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष अरविन्द कौशल एवं प्रांतीय महामंत्री अरविन्द सिसोदिया सहित प्रांतीय एवं जिलों की कार्यकारणीयों के कार्यकर्ताओं नें भाग लिया। सिसोदिया नें बताया कि बैठक के मुख्यवक्ता राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंकज गोयल नें आव्हान किया कि "प्रधानमंत्री मोदीजी का स्वदेशी वस्तुओं के ही उपयोग करने का आग्रह तर्क संगत और राष्ट्रहित के लिये महत्वपूर्ण है, इसका सभी देशवासियों को पालन करना चाहिए। हमें अमेरिका,चीन सहित विदेशी वस्तुओं के क्रय से बचना चाहिए, यह राष्ट्रीय आवश्यकता है। ट्रेरीफ संकट से मुकाबला करने के लिये जरूरी है। " उन्होंने कहा कि "...

कविता, शीर्षक - डटे हुये हैँ मोदीजी

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कविता  शीर्षक - डटे हुये हैँ मोदीजी  - अरविन्द सिसोदिया  डटे हुये हैँ मोदीजी, देश उनके साथ खड़ा , अन्याय नहीं सहेंगे,यह अमरीका को जबाब दिया । डटे हुये हैँ मोदीजी, देश उनके साथ खड़ा ! ======1===== सत्य की मशाल लिए, बढ़ते कदम थमेंगे नहीं, भारत की आवाज़ लिए, दुनिया में हम दबेंगे नहीं, विश्व मंच पर भारत को, गर्व से ऊँचा उठानें हैँ , सागर से हिमालय तक, बस एक ही हुंकार हुआ , अन्याय नहीं सहेंगे, यह अमरीका को जबाब दिया। =======2====== अमरीका हो या कोई, भारत की निर्भयनीति साफ है, हम वीर भूमि की संतानें , घास की रोटी खाएंगे, मातृभूमि के संकट को, अपनी स्वदेशी से हराएंगे, मोदीजी तुम एक नहीं, पूरे देशनें साथ का संकल्प लिया, अन्याय नहीं सहेंगे, यह अमरीका को जबाब दिया । =======3===== अडिग रहो मोदीजी, यह जन विश्वास की सोगंध है, जनता का विश्वास ही, लोकतंत्र का मंत्र है। भारत की तकदीर हम , भारतवासी लिखेंगे, इसी राष्ट्रनीति से, जन जन नें वचन लिया, अन्याय नहीं सहेंगे, यह अमरीका को जबाब दिया । ====== समाप्त ===== नोट - ये लेखक के मौलिक रचना हैँ। अरविन्द सिसोदिया  भवदीय, अरविन्द...

कांग्रेस आराजकता के रास्ते सत्ता चाहती है , इसीलिए चुनाव आयोग के विरुद्ध अविश्वास फैला रही है - अरविन्द सिसोदिया congress inc chunav aayog

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कांग्रेस आराजकता के रास्ते सत्ता चाहती है , इसीलिए चुनाव आयोग के विरुद्ध अविश्वास फैला रही है - अरविन्द सिसोदिया  कोटा 3 सितंबर। भाजपा राजस्थान के मीडिया संपर्क विभाग प्रदेश सहसंयोजक अरविन्द सिसोदिया नें कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि " कांग्रेस अपनी कारगुजारियों के कारण गत तीन आम चुनावों से केंद्रीय सत्ता से दूर है अब वह आराजकता और अव्यवस्था के रास्ते सत्ता हथियानेँ का अपरोक्ष षड्यंत्र रच रही है, इसी टूलकिट का हिस्सा चुनाव आयोग के प्रति झूठे आरोपों से अविश्वास उत्पन्न करना है। " उन्होंने कहा कि " कांग्रेस अच्छी तरह समझले कि भारत का जनमानस कांग्रेस की चालों को समझ चुका है और उसके षड्यंत्र कतई सफल नहीं होनें देगी। " उन्होंने कहा है कि " देश की जनता प्रधानमंत्री मोदीजी पर, भारतीय लोकतंत्र में , भारत के संविधान में और भारत के चुनाव आयोग पर अपना अटूट विश्वास रखती है और देश विरोधी किसी भी षड्यंत्र को सफल नहीं होनें देगी। " सिसोदिया नें कहा कि " भारतीय लोकतंत्र की मज़बूती और विश्वसनीयता पर पूरे देश को गर्व है। जिसमें चुनाव आयोग ने सदैव निष्पक्षता,...

अमेरिकन अंग्रेजों की “फूट डालो-राज करो” नीति नहीं चलेगी - अरविन्द सिसोदिया

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अमेरिकन अंग्रेजों की “फूट डालो-राज करो” नीति अब भारत में नहीं चलेगी - अरविन्द सिसोदिया अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मानसिक अवसाद से पूरा विश्व त्रस्त है, अमेरिका स्वयं भी त्रस्त है, भारत पर उनका बेवजह किया गया आर्थिक हमला पूरी तरह नाजायज है। इस बदली परिस्थितियों में विश्व की अन्य महाशक्तियों का आपस में नजदीक आना समसामायिक आवश्यकता ही थी और इसीक्रम में चीन की धरती पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग का मिलना और आपस में एक राय होना, निश्चित ही अमेरिका के अहंकार को चुनौती देना है तथा उसे रोक देना है। इस परिस्थिति में अमेरिकी तिलमिलाहट सामने आनी ही थी, जो ट्रंप के आर्थिक सलाहकार पीटर नावरो के बेसिरपैर के बयान के रूप में सामने आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के वरिष्ठ व्यापार सलाहकार पीटर नावरो ने भारत पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने यह बेहूदा दावा किया कि “रूस से भारत द्वारा खरीदे गए सस्ते तेल का लाभ ब्राह्मण समाज को मिल रहा है।” यह बयान न केवल झूठ है, बल्कि भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने की घिनौनी साजिश का ह...

कविता - परमपूज्य भारतमाता kavita

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कविता -  परमपूज्य भारतमाता  - अरविन्द सिसोदिया  ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता ! ईश्वर जहां जन्म पाता,  त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा, हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता। ये हे भारतमाता !! ---1-- अग्रपूज्य गौरीनंदन गणेश,जहां गणशक्ति के अग्रदूत, त्रिशूलधारी शिव पार्वती सँग देते सरल जीवन का संदेश, लक्ष्मीपती विष्णु लेते जहां विविध उद्धारों को अवतार, ब्रह्मा रचते प्रकृति को, काली दुर्गा बनती शत्रु का संहार। सीता राम मर्यादा और कृष्ण राधा प्रेम का पाठ पढ़ाते, युगों युगों से अविनाशी यह धरा देती विश्व बन्धुत्व को प्राण। जय जय भारत माता, तुम युगों युगों से महान। जय जय भारत माता, तुम युगों युगों से महान। ये हे भारतमाता, परमपूज्य भारतमाता ! ईश्वर जहां जन्म पाता,  त्याग तपस्या और बलिदानों की अनगणित गाथा, हम सबकी ये भाग्य विधाता, इतिहास जिसके शौर्य गीत सुनाता। ये हे भारतमाता !! ---2--- इसके आँगन में गूँजे वेदों की वाणी, ये धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की पवित्र दानी । रामायण है सामाजिक मर्यादा के प्राण, गीता है धर्म रक्षा का उत्सव...

Justice for Nation

Justice for Nation 1. नाम इस संस्था का नाम होगा: Justice for Nation 2. पंजीकृत कार्यालय पता: (पूरी जानकारी बाद में भरें, जैसे – दिल्ली, भारत) 3. उद्देश्य (Objectives) संस्था के मुख्य उद्देश्य (Objectives) भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों, निर्वाचन प्रणाली, और नागरिक अधिकारों पर शोध व अध्ययन करना। समाज में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक जागरूकता फैलाना। चुनाव और मतदाता शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करना ताकि नागरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भाग ले सकें। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अकादमिक सम्मेलन, संगोष्ठी, कार्यशाला, सर्वेक्षण और प्रकाशन करना। भारतीय भाषाओं में लोकतांत्रिक विमर्श को बढ़ावा देना। युवाओं और विद्यार्थियों के लिए शोध छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराना। अधिकार व न्याय आधारित अभियान चलाना ताकि सभी नागरिकों को संविधान प्रदत्त अधिकारों का लाभ मिल सके। पर्यावरण, सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता और सतत विकास पर जन-जागरूकता अभियान चलाना। भारत के विभिन्न राज्यों में शाखाएँ खोलकर संस्था की गतिविधियाँ चलाना। संस्था के उद्देश्यों की ...

माननीय इन्द्रेश कुमार जी indresh kumar rss

माननीय इन्द्रेश कुमार जी  हिमालय से विराट व्यक्तित्व वाले हमारे प्रेरणास्रोत परम आदरणीय इन्द्रेश कुमार जी पिता उस जमाने में जनसंघ से विधायक थे और परिवार हरियाणा के कैथल शहर के सबसे धनाढ्य परिवारों में एक उसी परिवार से 10 साल की छोटी उम्र का एक बच्चा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाना शुरू करता है संघ शाखा में जाने के साथ-साथ पढाई में भी अव्वल ये बालक इंजिनीयरिंग करने गया तो वहां भी अपनी योग्यता के झंडे गाड़ दिए और जब वहां से निकला तो मैकेनिकल इंजिनियरिंग में अपने बैच का गोल्ड मेडलिस्ट था डिग्री मिलने के बाद अब मैकेनिकल इंजिनियरिंग के इस टॉपर के सामने दो रास्ते थे परिवार का जमा-जमाया व्यवसाय संभाले या फिर कहीं अच्छी सी नौकरी करे और उसके बाद गृहस्थी बसाये पर उसने ये रास्ता नहीं चुना. उसने खुद को देश और धर्म की सेवा में झोंक दिया और 1970 में संघ के प्रचारक बन गये. पिता ने खुशी में पूरे मोहल्ले में भोज किया कि उनके बेटे ने खुद के लिये जीने की बजाये देश के लिये जीने की राह चुनी है.  प्रचारक बने तो संघ ने दिल्ली में काम करने का दायित्व सौंपा तो 1970 से 1983 तक अलग-अलग दायित्वों...

भारत अखंड और हिंदू राष्ट्र है - परमपूज्य डॉ. मोहन भागवत जी

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"भारत अखंड और हिंदू राष्ट्र है" - डॉ. मोहन भागवत जी "भारत अखंड और हिंदू राष्ट्र है"   - डॉ. मोहन भागवत जी वीएसके भारत 29 अगस्त, 2025 नई दिल्ली, 28 अगस्त। तीन दिवसीय व्याख्यानमाला के अंतिम दिन, गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने संघ से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने कहा, "भारत अखंड है; यह जीवन का एक सत्य है। हमारे पूर्वज, हमारी संस्कृति और हमारी मातृभूमि हमें एक सूत्र में पिरोती हैं। अखंड भारत केवल राजनीति नहीं, बल्कि जनचेतना की एकता है। जब यह भावना जागृत होगी, तो सभी शांति और समृद्धि से रहेंगे।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह मानना ​​ग़लतफ़हमी है कि संघ किसी का विरोधी है। "हमारे पूर्वज और संस्कृति एक ही हैं। पूजा-पद्धतियाँ अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन हमारी पहचान एक है। धर्म बदलने से समुदाय नहीं बदलता। सभी पक्षों में आपसी विश्वास का निर्माण होना चाहिए। मुसलमानों को इस डर से उबरना होगा कि दूसरों से हाथ मिलाने से उनका इस्लाम मिट जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि मथुरा और काशी को लेकर ह...

सरकारी सेवाओं में योग्यता एवं क्षमता की निरंतरता My Gov

भारत सरकार या भारत के राज्यों की सरकारों के लिए, जो भी व्यक्ति कर्मचारियों के रूप में सहायक कर्मचारी के रूप में अथवा किसी भी तरह से उसे सिस्टम का हिस्सा होता है तो उसे प्रतिक्षण उसे कर की क्षमता के स्तर की योग्यता को रखना होगा. और सरकारों को यह हक होगा कि वे अपने कर्मचारियों की क्षमताओं का अपडेट प्रति 2 साल 5 साल में लेते रहे. और जो स सक्षम है या अयोग्य है उसे इस पल अलग करदें। क्योंकि सरकारों की यह जिम्मेदारी है कि जनता की सेवा को 100% सही तरीके से संपादित करें और गलतियां नहीं करें। सरकारी कर्मचारियों को अपनी योग्यता निरंतर अपडेट रखना होगा और सेवा में किसी भी तरह की कोई लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। --- सरकारी सेवाओं में योग्यता एवं क्षमता अद्यतन नियमावली (मसौदा) /  प्रस्तावना जनता की सेवा में उच्चतम गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं दक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, भारत सरकार एवं राज्य सरकारें यह नियमावली लागू करती हैं। इस नियमावली का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी अपनी सेवाओं में दक्ष, अद्यतन एवं उत्तरदायी बना रहे। --- अध्याय 1 – परिभाषाएँ 1. कर्मचारी – ...

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बोलती बंद क्यों, कांग्रेस का कालिखपुता चेहरा बेनक़ाब - अरविन्द सिसोदिया

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हाईकोर्ट नें बहुत अच्छे से विश्लेषण के एस आई भर्ती रद्द कर दी है, मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा तो और भी फजीहत होगी। किन्तु दो प्रश्न एक दूसरे के सामने खडे हैँ। पगला वे जो परीक्षा में सफल नहीं होनें से बाहर हो गये, उनका, जो चार लाख से भी ज्यादा हैँ। उन्हें यह लगता है कि पेपरलीक नहीं होती तो वे भी सफल हो सकते थे। यह बड़ा प्रश्न है। दूसरा प्रश्न उनका है जो सभी परीक्षाओं को पार करते हुये एस आई बन गये और उनके विरुद्ध कुछ भी गलत साबित नहीं हुआ, इस तरह की संख्या 750 के लगभग है। ये निर्दोष हों तो भी कमजोर पक्ष है। क्योंकि जरूरी नहीं कि सभी गलत पकड़ में आही जाएँ। खैर सरकार के सामने लाखों लोगों का दबाब ही बड़ा दबाब है। इस निर्णय में वे साक्ष्य ही सामने हैँ जो उपलब्ध हो सकते थे, किन्तु बिना साक्ष्य छोड़े ही बड़े लोग इसमें सम्मिलित हैँ, इन तक़ कैसे पहुंचें? सबसे खतरनाक पहलू यह भी है कि राजनैतों के साथ साथ नौकरशाही बराबरी से सम्मिलित है। उसका दबाब भी है। सरकार को दबाब की किसी भी कोशिश को पूरी तरह विफल करना चाहिए और अब जो भी परीक्षाएं हों पूरी तरह लीकेज के बिना हों इस तरह की व्यवस्था करनी होगी। ...