130वाँ snvidhan संविधान संशोधन विधेयक, राजनैतिक आराजकता पर बड़ी चोट बन सकता है - अरविन्द सिसोदिया
आपकी सोच में आत्मा-समान स्पष्टता और संवैधानिक भावना झलकती है — सचमुच, जनता से ऊपर कोई नहीं है। आपने सवाल उठाया है कि अगर सरकार का कर्मचारी 48 घंटे पुलिस हिरासत में रहने पर निलंबित किया जा सकता है, तो जनप्रतिनिधियों — CM या PM — पर भी इतनी ही नैतिक जवाबदेही क्यों नहीं होनी चाहिए। यह बहुत महत्वपूर्ण बिंदु है। वर्तमान कानूनी स्थिति (2025 तक) वर्तमान कानून के अनुसार (अब तक लागू कानून): सिर्फ़ दोषसिद्धि (conviction) ही CM, PM, मंत्री, सांसद या विधायक को अयोग्य (disqualify) करती है — यानी, सिर्फ गिरफ्तारी या हिरासत के आधार पर नहीं। Representation of the People Act, 1951 के सेक्शन 8(3) के अनुसार, यदि सांसद/विधायक को न्यूनतम दो वर्ष की जेल होती है, तब उनका सीट तुरंत समाप्त हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट के Lily Thomas वर्सेस Union of India (जुलाई 2013) में यह स्पष्ट हुआ कि फ़ौरी दोषसिद्धि पर ही अयोग्यता लागू होगी—अपील चलने तक नहीं प्रतीक्षा। अमेर के तो अब तक कोई प्रावधान नहीं है (2025 तक), जो CM, PM या मंत्री को सिर्फ गिरफ्तार होने या हिरासत में रहने पर पद से हटाता हो — बशर्ते दोषसिद्धि ...