मेरा शासन My Gov चिकित्सा शिक्षा



नियमावली : मेडीशन चिकित्सा एवं प्रायोगिक चिकित्सा प्रशिक्षण

1. उद्देश्य

चिकित्सा क्षेत्र में प्रशिक्षित और सक्षम चिकित्सकों का विकास करना।

विज्ञान स्नातकों एवं सर्जिकल/तकनीकी विशेषज्ञों के लिए लचीला एवं मानकीकृत प्रशिक्षण ढाँचा उपलब्ध कराना।

ऑनलाइन, लाइव टेलीकास्ट और व्यावहारिक प्रशिक्षण को एकीकृत करना।

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2. पात्रता (Eligibility)

मेडीशन चिकित्सा (3 वर्ष)

न्यूनतम शैक्षिक योग्यता: विज्ञान (Physics, Chemistry, Biology) या संबंधित विषय में स्नातक (B.Sc.)।

आयु सीमा: 21 से 40 वर्ष (विशेष परिस्थितियों में छूट संभव)।

स्वास्थ्य एवं आचार संहिता प्रमाण आवश्यक।

प्रायोगिक चिकित्सा – सर्जिकल/तकनीकी विशेषज्ञ (5 वर्ष)

न्यूनतम शैक्षिक योग्यता: सर्जिकल या तकनीकी चिकित्सा विषय में विशेषज्ञ डिग्री/डिप्लोमा।

संबंधित विषय में न्यूनतम 3 वर्ष का कार्य अनुभव।

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3. कोर्स संरचना

मेडीशन चिकित्सा (3 वर्ष)

वर्ष 1:

चिकित्सा की मूलभूत संकल्पना

मानव शरीर रचना एवं क्रियाविज्ञान

रोग विज्ञान और प्राथमिक चिकित्सा

ऑनलाइन थ्योरी मॉड्यूल्स

वर्ष 2:

विशेष रोगों में मेडीशन चिकित्सा का प्रयोग

औषधीय एवं गैर-औषधीय चिकित्सा पद्धतियाँ

लाइव टेलीकास्ट द्वारा प्रैक्टिकल डेमो

इंटर्नशिप का प्रारंभ

वर्ष 3:

केस स्टडी एवं प्रोजेक्ट

अस्पताल में पर्यवेक्षित (Supervised) अभ्यास

अंतिम मूल्यांकन और लाइसेंस परीक्षा

सर्जिकल/तकनीकी प्रायोगिक चिकित्सा (5 वर्ष)

वर्ष 1-2:

उन्नत चिकित्सा सिद्धांत

सर्जिकल तकनीकों का अध्ययन

हाई-फिडेलिटी सिम्युलेशन प्रशिक्षण

वर्ष 3-4:

अस्पताल में प्रायोगिक कार्य

विशेषज्ञों के साथ केस हैंडलिंग

लाइव टेलीकास्ट से जटिल प्रक्रियाओं का अवलोकन

वर्ष 5:

स्वतंत्र केस प्रबंधन

शोध प्रोजेक्ट

राष्ट्रीय मान्यता परीक्षा

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4. प्रशिक्षण पद्धति

ऑनलाइन / लाइव टेलीकास्ट:

सभी थ्योरी क्लास एवं डेमो का रिकॉर्डेड व लाइव उपलब्धता।

वर्चुअल लैब एवं 3D एनाटॉमी टूल्स का प्रयोग।

ऑफलाइन प्रैक्टिकल:

अनुमोदित (Accredited) अस्पतालों/संस्थानों में अनिवार्य इंटर्नशिप।

सर्जिकल और मेडीशन दोनों में कम से कम 40% समय प्रायोगिक कार्य पर आधारित।
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5. मूल्यांकन प्रणाली

सेमेस्टर आधारित परीक्षा: थ्योरी + प्रैक्टिकल।

निरंतर मूल्यांकन: केस रिपोर्ट, प्रोजेक्ट वर्क, लॉगबुक।

अंतिम लाइसेंस परीक्षा: राष्ट्रीय स्तर पर एक समान।
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6. प्रमाणन एवं लाइसेंस

सफल अभ्यर्थी को राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद या निर्धारित निकाय द्वारा प्रमाण पत्र और पंजीकरण संख्या।

प्रमाणन 5 वर्ष के लिए वैध, उसके बाद रिन्यूअल हेतु निरंतर चिकित्सा शिक्षा (CME) आवश्यक।
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7. नैतिकता एवं आचार संहिता

चिकित्सा नैतिकता का पालन।

मरीज की सहमति (Informed Consent) के बिना कोई प्रायोगिक प्रक्रिया नहीं।

ऑनलाइन सामग्री की गोपनीयता एवं कॉपीराइट सुरक्षा।
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8. दंड एवं निलंबन प्रावधान

गलत सूचना, लापरवाही या अवैध चिकित्सा कार्य पर लाइसेंस निलंबित/रद्द।

नियामक निकाय को वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य।
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