मनमोहन सिंह,भ्रष्टाचार का चस्का जोर से लगा .., अह्हा जोर से लगा ..,



- अरविन्द सिसोदिया 

 देश का दुर्भाग्य कहिये की वह व्यक्ती जिसे भ्रष्टाचार नहीं होने देना है .., जिसका कर्तव्य है की भ्रष्टाचार नहीं हो .., हो तो तुरंत रोकें और अपराधी को सजा दिलाएं .., यदि वह सक्षम शासन नहीं दे पता है तो उसे पद छोड़ देना चाहिए ..! वह बड़े भोले अंदाज में यह कह रहा है " भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने का जनता के सब्र का बाँध अब टूट चुका है "| आश्चर्य है कि नो सो चूहे खा कर बिल्ली हज को चली ..!!! भ्रष्टाचार तो मनमोहन सिंह सरकार की उपलब्धी है ..! यह उनकी पञ्च वर्षीय योजना लगाती है ..! अन्यथा उनके ही अधीन २ लाख करोड़ से अधिक का एस बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला कैसे हो जाता ...! उनकी तमाम जानकारी और उनकी मर्जी के खिलाफ २ जी स्पेक्ट्रम घोटाले को करने वाला राजा उन्हें कैसे आँखें बता लेता ..!! ७० हजार करोड़ सरे आम जीम कर भी सुरेश कलमाडी नाग की तरह कैसे फनफना लेता ..!!! जनता और छोटे प्रशासनिक ओहदेदारों को सिख देनें से पहले खुद की गिरेवान तो झांक  लेते ...!! 
उन्होंने यह अब भी नहीं कहा है कि उच्च स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार  को सरकारी संरक्षण तुरंत बंद कर दिया जाएगा !!! सच यह है कि इस सरकार को भ्रष्टाचार का चस्का लग चुका है, ये बहार दिखावे के लिए इस तरह कि बातें करते रहते हैं .., भ्रष्टाचार रोकने के लिए किसी नये - पुरानें कानून से कहीं अधिक,  सरकार की  इच्छा शक्ति कि जरूरत है | यह उस सरकार  में कैसे हो सकती है जो स्वंय भ्रष्ट हो ..!!!
 भ्रष्टाचार का चस्का जोर से लगा .., अह्हा जोर से लगा .., और लगता ही गया ....!!! इसका कुछ और ही है मजा .., इसी लिए यह नहीं रुका ...नहीं रुका ..!!!! अजी बात केंद्र की नहीं .., यह तो गली गली चल निकला ....!!
  अजी मनमोहन सिंह जी यह भ्रष्टाचार तो उपर से नीचे आया है .., ऊपर से बंद करलो नीचे के नल में अपने आप बंद हो जाएगा ..!!
१ खबर ......    
प्रधानमंत्री  ने आगाह किया कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने का जनता के सब्र का बाँध अब टूट चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दुराचार की चुनौती से सख्ती से निपटने को प्रतिबद्ध है, क्योंकि जनता इसके खिलाफ तुरंत और कठोर कार्रवाई चाहती है।

उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से संसद के मानसून सत्र में भ्रष्टाचार की नकेल कसने के लिए चर्चित लोकपाल विधेयक पेश कर दिए जाने की उम्मीद है। विख्यात समाज सेवी अण्णा हजारे के आमरण अनशन के बाद इस विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए समाज और सरकार के पाँच-पाँच सदस्यों वाली एक सयुंक्त समिति गठित की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस बात को पहचानें कि जनता अब भ्रष्टाचार के मौजूदा मौहाल को कतई बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। जनता इसके खिलाफ फौरी और सख्त कार्रवाई चाहती है और उसकी यह इच्छा सही है।

सिंह ने सभागार में बड़े पैमाने पर मौजूद भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से कहा कि मैं आपसे उम्मीद करता हूँ कि अपने उच्च अधिकारियों, खासतौर पर राजनीतिक नेतृत्व को आप ईमानदार और बेखौफ सलाह देंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए विधायी ढाँचे को मजबूत करना, प्रशासनिक ढाँचे को चुस्त-दुरूस्त बनाना और प्रक्रियात्मक पहलुओं को रफ्तार देने का है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मंत्रियों का एक समूह आवश्यक विचार-विमर्श कर रहा है और जल्द ही इसकी सिफारिशें मिल जाने की उम्मीद है।

संयुक्त समिति द्वारा लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायिक जवाबदेही और गड़बड़ियों का भंडाफोड़ करने वालों को सुरक्षा प्रदान करने संबंधी विधेयकों को संसद में पहले ही पेश किया जा चुका है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र ही भ्रष्टाचार के बारे में संयुक्त राष्ट्र संधि पर हस्ताक्षर करने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता लाने को प्रतिबद्ध है।

---
२  दूसरी  खबर  


नई दिल्ली. 
देश की योजना बनाने की प्रक्रिया से ‘आम’ लोगों को जोड़ने और आगामी अप्रैल से शुरू हो रही 12वीं पंचवर्षीय योजना के बारे में उनकी राय लेने के उद्देश्य से योजना आयोग ने जिन आधुनिक संचार हथियारों का इस्तेमाल शुरू किया है, उनके कुछ दूसरे किस्म के परिणाम भी दिख रहे हैं। कुछ महीने पहले योजना आयोग ने फेसबुक पर एक अकाउंट खोला, ताकि योजना प्रक्रिया से संबंधित लोगों की प्रतिक्रियाएं और सुझाव मिल सकें।

आयोग के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि फेसबुक पर जो प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, वे योजना आयोग के लिए बहुत उत्साहवर्धक नहीं हैं। अपने एक आंतरिक दस्तावेज में आयोग ने माना है कि लोगों के फीडबैक से पता चलता है कि आमतौर पर लोग गवर्नेंस (शासन) से खुश नहीं हैं। लोगों की नाखुशी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लेकर भी है जो उनकी नजर में भ्रष्टाचार से आकंठ ग्रस्त है।

लोगों की राय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के मूल संरचना तंत्र में ही भ्रष्टाचार है, लिहाजा इसे बदलना जरूरी है। खास बात यह है कि ये प्रतिक्रियाएं सिर्फ योजना आयोग के फेसबुक अकाउंट पर ही नहीं आई हैं, बल्कि आयोग की नई बनाई गई वेबसाइट पर भी आई हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में योजना आयोग प्रधानमंत्री के सामने इनमें से चुनिंदा फीडबैक के रखने वाला है। इसकी वजह यह है कि आम लोगों की राय लेकर उन्हें 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्रस्तावित मसौदे में शामिल करने का विचार योजना आयोग को प्रधानमंत्री ने ही दिया था।


 

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता Aarajktavad

‘फ्रीडम टु पब्लिश’ : सत्य पथ के बलिदानी महाशय राजपाल

महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा में भाजपा नेतृत्व की ही सरकार बनेगी - अरविन्द सिसोदिया

भारत को बांटने वालों को, वोट की चोट से सबक सिखाएं - अरविन्द सिसोदिया

शनि की साढ़े साती के बारे में संपूर्ण

ईश्वर की परमशक्ति पर हिंदुत्व का महाज्ञान - अरविन्द सिसोदिया Hinduism's great wisdom on divine supreme power

देव उठनी एकादशी Dev Uthani Ekadashi