२ जी - खिसयानी बिल्ली खंभा नोंचे .....


- अरविन्द सिसोदिया 
    २ जी स्पेक्ट्रम घोटाले में प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह का परोक्ष अपरोक्ष सहयोग से पूरा देश सहमत है ..., देश को लूटनें वाले दल और लोग (इनमें कांग्रेस के 7 और द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के 2 सदस्यों के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) के रेवती रमण सिंह तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बलिराम कश्यप भी शामिल थे। )..,लोक लेखा समिति (पीएसी) में  सबूतों के बजाये बहुमत के आधार पर जिन्दा मक्खी निगलनें में लगे हैं ..,हाला गुल्ला निर्ल्लज हरकतों की  इस पूरी नौटंकी से देश में आक्रोश  ही व्याप्त होगा ..! कांग्रेस सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली जैसा बर्ताव देश के साथ कर रही है ! 

स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को आड़े हाथों लेने और प्रधानमंत्री पर परोक्ष आक्षेप करने वाली लोक लेखा समिति (पीएसी) की रिपोर्ट पर आज जमकर हंगामा हुआ और समिति की बैठक में नाटकीय घटनाक्रम के बाद उसे स्वीकार नहीं किया जा सका। केंद्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के खेमे का दावा है कि रिपोर्ट के मसौदे को बहुमत से खारिज कर दिया गया। लेकिन विपक्षी खेमे के मुताबिक मसौदा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के पास है बैठक में इस पर आधिकारिक रूप से मतदान नहीं किया गया।

समिति में विपक्ष के सदस्यों ने जोशी को यह रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय में पेश करने का मशविरा दिया है। संसदीय कार्यवाही के मुताबिक यदि सदन का सत्र नहीं चलता है तो समिति की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती है।

पीएसी की बैठक में आज दो धड़ों के बीच गंभीर आरोप प्रत्यारोप और बहस मुबाहिसे के दौर चलते रहे। लेकिन नाटक चरम पर तब पहुंचा, जब जोशी ने बैठक को खत्म घोषित कर दिया। उसके बाद भी संप्रग के सदस्य वहां रुके रहे और उन्होंने कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य सैफुद्दीन सोज को पीएसी का 'नया अध्यक्ष' चुन लिया और उसके फौरन बाद रिपोर्ट के मसौदे को 'खारिज' करने का प्रस्ताव भी पारित कर लिया।

हालांकि इस बात का इल्म तो पहले से था कि पीएसी की बैठक में जमकर ताल ठोकी जाएगी क्योंकि उसमें शामिल कांग्रेसी सदस्य जोशी के इस्तीफे की मांग कर चुके थे। उनका कहना था कि रिपोर्ट 'पक्षपात' और 'दुर्भावना' से भरी है।

सुबह जैसे ही बैठक शुरू हुई, संप्रग सदस्यों ने शोर मचाया और रिपोर्ट को खारिज करने की मांग की। पीएसी के 21 सदस्यों में से 11 इसे खारिज करने के पक्ष में थे। इनमें कांग्रेस के 7 और द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के 2 सदस्यों के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) के रेवती रमण सिंह तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बलिराम कश्यप भी शामिल थे। जोशी को केवल 9 सदस्यों का साथ मिला। एक पद अभी खाली है।

सपा और बसपा के सदस्यों को कांग्रेस नेताओं ने चि_िïयां दीं, जो उन्होंने जोशी को सौंप दीं। इन चि_िïयों में मसौदे को खारिज करने की बात थी और आरोप लगाया गया था कि रिपोर्ट को जोशी ने अपने मन से बाहरी इशारे पर बनाया है। संप्रग सदस्यों का आरोप था कि रिपोर्ट में जगह-जगह पर विसंगतियां हैं। उनका यह भी कहना था कि 270 पन्नों की रिपोर्ट पढऩे के लिए उन्हें पूरा समय नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व संचार मंत्री ए राजा की पेशी की उनकी मांग को भी नकार दिया गया। संप्रग सदस्यों ने यह सवाल भी उठाया कि आखिर पीएसी की रिपोर्टको हड़बड़ी में पेश क्यों किया गया।

विपक्षी खेमे ने भी रियायत नहीं बरती और उसने मीडिया में रिपोर्ट लीक होने पर सवाल उठाया। उसने यह भी पूछा कि रिपोर्ट के बारे में कांग्रेस सांसद के एस राव ने संवाददता सम्मेलन कैसे किया और कांग्रेस के ही सांसद नवीन जिंदल एक टीवी चैनल में इस गोपनीय रिपोर्ट पर चर्चा करते कैसे दिखे। संप्रग सदस्यों ने दलील दी कि 2जी की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन विपक्ष ने कहा कि रिपोर्ट का मसौदा बांट दिया गया है यानी जांच पूरी हो गई है।

टिप्पणियाँ

  1. चोर-चोर मौसेरे भाई !

    भ्रष्टाचार के विरुद्ध देशव्यापी अभियान (महाभारत) में अब दो गुट साफ-साफ बनते दिख रहे हैं। अधिकांश लोग भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान का साथ दे रहे हैं तो कुछ पार्टियाँ प्रत्यक्ष, परोक्ष या दबे पाँव इसकी हवा निकालने में लगी हुई हैं। आने वाले दिनों में जब यह अभियान तेज होगा, सभी चोर एक साथ हो जायेंगे और लोग उन्हें अलग से देख पायेंगे।

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