लोक लेखा समिति के काम में बाधा पहुचाना आपराधिक कृत्य
- अरविन्द सिसोदिया भारतीय संसद अपना बहुत सा कार्य समितियों के माध्यम से करती है | इन समितियों की नियुक्ति ;कार्य की कुछ ऐसी विशेष मद निपटान के लिए की जाती है ,जिन पर विशेष गहराई से विचार किये जानें की आवश्यकता होती है | संसदीय समितियों का गठन लोक सभा और राज्य सभा अलग अलग करतीं हैं | बहु चर्चित लोक लेखा समिति लोकसभा की समिति है , इसमें राज्य सभा की सहमति से राज्यसभा से भी कुछ सदस्य सम्मिलित किये जाते हैं | लोकलेखा समिति का भी अन्य समितियों की भांति प्रति वर्ष चुनाव लोकसभा सदस्यों के द्वारा किया जाता है | यह लोकसभा के अध्यक्ष के प्रति जबावदेह रहती है | अतः - १- कांग्रेस , डी एम् के,समाजवादी पार्टी और बसपा के द्वारा मुरली मनोहर जोशी की जगह राज्यसभा के सैफुद्दीन सोज को सभापति बिना प्रक्रिया के चुना जाना , स्वतः गलत है और संसदीय नियम व पद्धति से यह अस्वीकार्य है | जो बर्ताव कांग्रेस के नेतृत्व में लोकलेखा समिति के दौरान किया गया ,वह एक सोची समझी साजिस के तहत किया गया अपराध मात्र है | लोक सभा देशवाशियों के पैसे की बहुत बड़ी धनराशी के व्यय किये जानें की मं