भारतीय संविधान की धारा 370 क्या है ?
धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI लागु नहीं है ।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTE लागू नहीं है ।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में CAG लागू नहीं होता ।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में भारत का कोई भी कानून लागु नहीं होता ।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागु है ।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं ।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में चपरासी को 2500 ही मिलते है ।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में अल्पसंख्यको को 16 % आरक्षण नहीं मिलता ।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते है ।
धारा 370 की वजह से ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय नागरीकता मिल जाता है । इसके लिए पाकिस्तानियो को केवल किसी कश्मीरी लड़की से शादी करनी होती है ।
अच्छी शुरुवात है कम से कम 370 हटाने की दिशा में एक कदम आगे की ओर मोदी जी को धन्यवाद जो उन्होनें धारा 370 का मुद्दा उठाया ।
क्या है भारतीय संविधान की धारा 370?
03 Dec 2013
भारतीय संविधान की धारा 370 आजकल सुर्खियों में है.
दरअसल भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू की रैली में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुए धारा 370 के मुद्दे पर छिड़ी बहस को एक बार फिर हवा दे दी.
मोदी ने कहा कि धारा 370 पर सही चर्चा नहीं हो रही है. देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है.
मोदी ने कहा हमें इस पर विचार करना चाहिए कि धारा 370 की जरूरत है या नहीं. इस पर संसद में बहस होनी चाहिए.
मोदी के इस बयान की जमकर आलोचना हो रही है. पीडीपी, माकपा, जम्मू कश्मीर अवामी मुताहिदा महाज और कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस ने इस बयान की आलोचना की है. इन दलों ने मोदी के बयान को खारिज करते हुए यहां तक कह दिया है कि मोदी को संविधान की जानकारी नहीं है.
मालूम हो कि भारतीय संविधान की धारा 370 भारतीय राजनीति में शुरू से ही बहुत विवादित रही है.
भाजपा और कई राष्ट्रवादी दल इसे जम्मू और कश्मीर में व्याप्त अलगाववाद के लिये जिम्मेदार भी मानते हैं और समय-समय पर इसे समाप्त करने की मांग करते रहे हैं.
क्या है धारा 370?
भारतीय संविधान की धारा 370 जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता है.
धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू और कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए.
इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू और कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती.
इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है.
1976 का शहरी भूमि कानून जम्मू और कश्मीर पर लागू नहीं होता. इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है. यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू और कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते हैं.
भारतीय संविधान की धारा 360 जिसमें देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू और कश्मीर पर लागू नहीं होती. मोदी का यह बयान भाजपा की सोची समझी रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है क्योंकि पार्टी शुरू से ही राममंदिर निर्माण, धारा 370 और समान नागरिक संहिता को अपने घोषणा-पत्र में शामिल करती रही है.
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