खरगोशों पर होता है अत्याचार : दुनिया का सबसे मुलायम ऊन


ऐसे निकालते हैं दुनिया का सबसे मुलायम ऊन, खरगोशों पर होता है अत्याचार
http://www.bhaskar.com
ब्रिटेन के हाई स्ट्रीट फैशन स्टोर्स ने चीन में बनने वाले अंगोरा वूल उत्पादों पर रोक लगा दी है। यह रोक खरगोशों को निर्दयतापूर्वक यातना देने और उनको खाल नोचने के वीडियो जारी होने के बाद लगाई है। यह वीडियो जानवरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था पेटा ने स्टिंग ऑपरेशन के बाद जारी किया।

डेली मेल की खबर के मुताबिक, चीनी फर्म अंगोरा वूल में खरगोशों के साथ बड़ी अमानवीयता का व्यवहार किया जाता है। यहां जिंदा और चिल्लाते हुए खरगोशों की मखमली त्वचा को उखाड़ा जाता है। वीडियो में दिखाया गया है कि खरगोश के आगे और पीछे से पैर बांधे गए हैं। उसके बाद उसके शरीर को काटा जाता है।

जांचकर्ताओं का मानना है कि जिंदा खरगोशों को कई सालों तक बड़ी ही दयनीय स्थिति में रखा जाता है। पेटा के अंडरकवर एजेंट द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के बाद ब्रिटेन की तकरीबन 35 कंपनियां टॉपशॉप, एचएंडएम, प्रीमार्क, व्हिसल और नेक्स आदि ने अंगोरा वूल प्रॉडक्ट के साथ अपने ऑर्डर रद्द कर दिए हैं।
मार्क्‍स एंड स्पेंसर ने कहा कि वे इस चीनी फार्म का दौरा करने के बाद ही व्यापार के बारे में कुछ सोचेंगे। तब तक अंगोरा के साथ भविष्य में होने वाले सभी ऑर्डर्स को रद्द कर दिया है। स्टेला मैकार्टिनी ने भी अंगोरा से अपने हाथ खींच लिए हैं। उनके प्रवक्ता ने अखबार के साथ बातचीत में बताया है कि अंगोरा के साथ हमारा करार जानवरों के साथ बिना किसी निर्दयी व्यवहार के मिक्स फाइबर  उपलब्ध कराने का था।
अंगोरा खरगोश की नस्ल अपने मुलायम वूल के मशहूर है। इसके तंतु अंदर से खोखले और कश्मीरी वूल से काफी ज्यादा मुलायम होते हैं। यह जम्पर और स्कार्फ के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आने वाला उत्पाद है।
चीन से दुनिया का 90 फीसदी अंगोरा उत्पाद निर्यात होता है। जांचकर्ताओं ने अंगोरा के दस फार्म्स पर जाकर जानकारी जुटाई और जानवरों के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार पर रिपोर्ट तैयार की।
जांच अधिकारियों ने पाया कि यहां खरगोशों को लोहे के पतले तार वाले पिंजरे में दयनीय हालत में रखा जाता है। इसमें बीमारी और संक्रमण के खतरे भी होते हैं। इसमें उन्हें खेलने, कूदने और जमीन खोदने का मौका भी नहीं मिलता है, जिसके लिए खरगोश जाने जाते हैं। एक बार इसके बाल उखाड़ने के बाद इन्हें फिर से पिंजरे में डाल दिया जाता है। ताकि फिर से उनके बाल उगें।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism