अफगान चुनावों में दखल न दे अमेरिका: करजई



 अमरीका कि यह नीति गलत हे कि वह अपने हितों की सरकार बनाने के लिए हर देश में टांग अड़ाने पहुच जाता हे ! हाल ही में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने अमेरिका से राष्ट्रपति चुनावों में 'हस्तक्षेप' नहीं करने को कहा है !! यह तो वो व्यक्ती कह रहा है जिसे उसने ही बनवाया था । उनका क्या हल होता होगा जिनका अमरीका खुलेआम दुश्मन मानता है ॥ 

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 अफगान चुनावों में दखल न दे अमेरिका: करजई
भाषा | Feb 16, 2014, 

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कंधार द्विपक्षीय सुरक्षा सहमति पर ओबामा प्रशासन से मतभेदों के बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने अमेरिका से राष्ट्रपति चुनावों में 'हस्तक्षेप' नहीं करने को कहा है। 56 वर्षीय करजई ने कहा कि उनकी सरकार 5 अप्रैल को चुनाव कराएगी। मैं उम्मीद करता हूं कि अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी चुनाव में दखलंदाजी से बचेंगे और अफगान नागरिकों को अपना राष्ट्रपति चुनने देंगे।' करजई ने भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ अफगानिस्तान के पहले कृषि विश्वविद्यालय का उद्‌घाटन करने के बाद यह बात कही।

करजई नहीं हैं दौड़ में
करजई तीसरी बार राष्ट्रपति पद की दौड़ में नहीं हैं। इस रेस में उनके बड़े भाई कयूम करजई, पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व इस्लामिस्ट अब्दुल रसूल सयाफ हैं। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा सुरक्षा सहमति पर दस्तखत करने से इनकार करने की वजह से अमेरिका से रिश्तों में खटास आ गयी है। करजई ने दस्तखत नहीं करने के अपने रुख पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा, 'मैं 2014 के बाद अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों की सीमित मौजूदगी के खिलाफ नहीं हूं। हमारी मांग है कि उनकी मौजूदगी अफगानिस्तान के लिए सहयोग का स्रोत बननी चाहिए। एक ऐसा स्थिर अफगानिस्तान जहां पिछले 10 साल की तरह की घटनाएं नहीं हों।'

करजई को उम्मीद, भारत से जुड़ने का रास्ता देगा पाक हामिद करजई को उम्मीद है कि सड़क मार्ग से भारत और अफगानिस्तान को जोड़ने के लिए पाकिस्तान रास्ता देगा। व्यापार की जरूरतों पर जोर देते हुए करजई ने कहा कि विकास और स्थिरता के लिए दोनों देशों के बीच ऐसा मार्ग बनना चाहिए। उनके अनुसार, 'मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान भारत से जुड़ने के लिए रास्ता देगा।'

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