जहां की संस्कृति में है आशावाद - वी मिशेल {अमरीका }
भारत पर एक अमेरिकी का लेख हुआ इंटरनेट पर वायरल
आज तक वेब ब्यूरो [Edited By: कुलदीप मिश्र] | नई दिल्ली, 19 फरवरी 2014
http://aajtak.intoday.in/story/this-is-india-a-positive-comment-by-an-american-goes-viral-on---internet-1-755265.html
2009 में जब भारत में चुनाव होने वाले थे, न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार सोमिनी सेनगुप्ता ने एक लेख लिखा था. शीर्षक था, 'एज इलेक्शन्स नियर, टाइटरोप अवेट्स इन इंडिया'. इस पर न्यूयॉर्क के वी मिशेल ने एक कमेंट किया था. इस बात को 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन हाल ही में यह कमेंट इंटरनेट पर वायरल हो गया. हम इस टिप्पणी का अनुवाद आपके लिए यहां रख रहे हैं. चूंकि यह पुरानी टिप्पमी है, इसलिए इसमें कुछ संदर्भ और आंकड़े पुराने हो सकते हैं.
'यह सच में दुनिया का सबसे बड़ा शो है. लोकतांत्रिक और विविधता की अनूठी मिसाल. जहां 70 करोड़ से ज्यादा लोग वोट करते हैं और इस तरह इस प्राचीन सभ्यता को भविष्य की ओर ले जाने में अपनी छोटी भूमिका अदा करते हैं. पाकिस्तान, चीन और बर्मा (म्यांमार) जैसे अस्थिर और हिंसक पड़ोसियों के होते हुए यह कम प्रभावशाली नहीं है.
इसकी चुनौतियां अपार हैं. खास तौर से विकास और आतंकवाद से निपटने के संबंध में. लेकिन इन चुनौतियों, सैकड़ों भाषाओं, कई धर्मों और पड़ोसी देशों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह आश्चर्यजनक रूप से प्रभावशाली है.
सभी धर्म बसते हैं यहां
देश जहां हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का जन्म हुआ. जो मुसलमानों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर है. जहां बीते 2000 साल से ईसाई धर्म का अस्तित्व है, जहां प्राचीन यहूदी सभास्थल हैं. जहां यहूदी समुदाय तब से रह रहे हैं जब रोमन्स ने अपना दूसरा मंदिर जलाया था. वह देश जहां दलाई लामा और उनकी निर्वासित तिब्बती सरकार रहती है.
सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हमारी थी
यह वही देश है जहां अपने मूल जगह से बाहर निकाले जाने के बाद से पारसी गर्व से रह रहे हैं. जहां अर्मेनियाई, सीरियाई और न जाने कहां कहां से लोग रहने आए. जो पिछले 2000 साल की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, ऐसा पेरिस की संस्था ओईसीडी (OECD) कहती है. सिर्फ 200 साल पहले वह दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी. जहां तीन मुस्लिम राष्ट्रपति चुने गए. जहां एक सिख प्रधानमंत्री है और सत्तारूढ़ पार्टी की मुखिया एक कैथोलिक इटैलियन महिला है.
जहां की संस्कृति में है आशावाद
जहां राष्ट्रपति भी एक महिला है, जिसने एक मुस्लिम राष्ट्रपति की जगह ली. वह मुस्लिम राष्ट्रपति एक रॉकेट वैज्ञानिक के रूप में देश का हीरो था. जहां उभार लेती अर्थव्यवस्था हर साल 4 करोड़ लोगों को गरीबी के ग्रास से निकाल रही है. जहां के मध्य वर्ग की तादाद अमेरिका की पूरी जनसंख्या के बराबर है और 2025 तक जहां मध्य वर्ग की जनसंख्या सबसे ज्यादा होगी.
जिसका आशावाद और उमंग उसकी फिल्मों, कलाओं, आर्थिक तरक्की और वोटिंग में दिखता है. ऐसे माहौल में जहां अद्वितीय चुनौतियां और मुश्किलें हैं और जहां महान ताकतें हर वक्त आपको प्रभावित करने में लगी हैं, इसने दुनिया में अपनी अहम जगह बनाई है.
जहां यह सब कुछ हो रहा है, वह भारत है. और जहां 10 फीसदी से ज्यादा लोग वोट करने को तैयार हैं, यह पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है.'
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